रायपुर. छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले की एक विशेष अदालत ने खनन ट्रांसपोर्टर से धन की कथित वसूली से जुड़े धनशोधन मामले में एक प्रमुख संदिग्ध व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी को शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया. मामले में गिरफ्तार एक आईएएस अधिकारी सहित तीन अन्य कथित आरोपी पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं.
तिवारी ने शनिवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय ंिसह राजपूत की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद ईडी ने उनसे हिरासत में पूछताछ के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया. ईडी के वकील शरद मिश्रा ने कहा, ‘‘तिवारी ने अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, लेकिन हमने दलील दी कि धन शोधन रोकथाम (पीएमएलए) अधिनियम के तहत आत्मसमर्पण का कोई प्रावधान नहीं है और उन्हें हिरासत में दिये जाने का अनुरोध किया, जिसे अदालत ने अनुमति दे दी.’’ उन्होंने कहा कि ईडी ने छापेमारी के बाद तिवारी को कई नोटिस भेजे थे, लेकिन वह पेश नहीं हो पाए, इसलिए जांच एजेंसी ने पूछताछ के लिए उनकी हिरासत की मांग की.
वकील ने कहा कि अदालत ने तिवारी की 12 दिन की हिरासत मंजूर कर ली है. उन्होंने कहा कि अगली सुनवाई 10 नवंबर को होनी है और उस दिन मामले के तीन अन्य आरोपियों – आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई, व्यवसायी सुनील अग्रवाल और सूर्यकांत तिवारी के रिश्तेदार लक्ष्मीकांत तिवारी को भी न्यायिक रिमांड की अवधि समाप्त होने के बाद अदालत में पेश किया जाएगा.
एजेंसी ने 11 अक्टूबर को राज्य में कई शहरों में छापेमारी शुरू करने के बाद 13 अक्टूबर को विश्नोई, अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी को ईडी ने गिरफ्तार किया था. जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि विश्नोई और उनकी पत्नी के पास से 47 लाख रुपये की ‘‘बेहिसाब’’ नकदी और सोने के चार किलोग्राम आभूषण बरामद किये गये थे. ईडी द्वारा आयकर विभाग की एक शिकायत पर संज्ञान लेने के बाद धनशोधन के तहत जांच शुरू की गई थी.
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