छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य के पेंशनरों हेतु 15 नवम्बर 22 को जारी 5% महंगाई राहत देने के आदेश पर भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के राष्ट्रीय महामन्त्री वीरेन्द्र नामदेव ने मुख्यमन्त्री कार्यालय में ट्वीट कर इस आदेश को अधूरा बता कर बकाया 5℅ का और आदेश कर केन्द्र के बराबर 38℅ महंगाई राहत केन्द्र द्वारा देय तिथि से एरियर के साथ देने का मांग किया है.
भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के पदाधिकारी क्रमश: वीरेन्द्र नामदेव, श्रीमती द्रोपदी यादव, जय प्रकाश मिश्रा,लोचन पांडे, पूरन सिह पटेल,अनिल गोल्हानी,आर एन ताटी, सी एम पाण्डे, बी के वर्मा, श्रीमती कुन्ती राणा,आलोक पाण्डे, बी एल यादव,सी एल चंद्रवंशी,आर जी बोहरे,एस के चिलमवार,नागेन्द्र सिंह, पी आर काटोलकर,एच एल नामदेव,यशवन्त भोंसले,आर के नारद, आर के साहू, बेलासदास मानिकपुरी,भीमराव जाम्हले, एम एन पाठक, कलावती पाण्डे आदि ने
सरकार पर आरोप लगाया है कि वह पेंशनर्स को लंबित मंहगाई राहत देने के मामले में घोर अन्याय कर रही हैं केन्द्र सरकार के अनुपात में कटौती कर केवल 5% महंगाई राहत बढ़ाने का आदेश दोनों राज्यों के पेंशनरों के हित पर कुठारघात है.
जारी विज्ञप्ति में आगे बताया गया है कि मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) के तहत जब तक दोनों राज्य सरकारें सहमत नहीं हो तब तक दोनों राज्य अपने राज्य के पेंशनर्स को महंगाई राहत किस्तें नहीं दे सकते इसी अधिनियम के बहाने सहमति- असहमति का खेल खेलकर दोनों राज्यों में पेंशनर्स को परेशान किया जा रहा है।जबकि केन्द्र सरकार ने नवंबर 17 में एक अन्य आदेश द्वारा सहमति की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया है, परन्तु राज्य शासन ने इसे नजरअंदाज कर सहमति की प्रक्रिया को अपनाए हुए हैं।
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