० शिविर के माध्यम से किया जा रहा है जनजागरूकता का प्रयास
कबीरधाम। एचआईवी-एड्स व यौन जनित संक्रमणों की चपेट में आने से लोगों को बचाना जरूरी है। यह उद्देश्य लेकर जिला एड्स नियंत्रण समिति के द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सामुदायिक जनजागरूकता लाने के लिए स्कूल, कॉलेज व छात्रावासों में युवाओं को एचआईवी-एड्स व यौन जनित संक्रमण के बारे में विस्तृत जानकारी दी जा रही है। इसी कड़ी में जिला अस्पताल में आस्था एनजीओ के सहयोग से विशेषकर महिलाओं व किशोरियों के लिए जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं व किशोरियों को माहवारी प्रबंधन, यौन जनित संक्रमणों से बचाव व एचआईवी एड्स के कारणों व बचाव के बारे में विस्तार से बताया गया। इसके अलावा ट्यूबर क्लोसिस, मानसिक स्वास्थ्य व कुष्ट रोगों की भी जानकारियां साझा की गई। इस संबंध में जिला एड्स नियंत्रण अधिकारी डॉ. बीएल राज ने बतायाः मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुजॉय मुखर्जी के मार्गदर्शन में लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ जांच, परामर्श व उपचार की भी सेवाएं दी जा रही हैं। जिला अस्पताल समेत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिपरिया, लोहारा, बोड़ला, पंडरिया व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रेंगाखार में एकीकृत जांच व परामर्श केंद्र संचालित है। इसके अलावा जिला अस्पताल में जिले का एकमात्र सुरक्षा क्लिनिक भी संचालित है, जहां पर लोगों को परामर्श व रक्त जांच की सेवाएं दी जाती हैं। साथ ही लक्ष्यगत हस्तक्षेप परियोजनाओं के माध्यम से संवेदनशील समुदायों के बीच जाकर लोगों को परामर्श व जांच के लिए प्रेरित करने का कार्य किया जा रहा है। डॉ. राज ने लोगों से अपील की है कि छुपाने या शर्माने की बजाय अपने स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए त्वरित रूप से परामर्श व जांच कराएं, ताकि एचआईवी एड्स व यौन जनित संक्रमण से बचा जा सके।
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…इसलिए बढ़ता है खतरा
एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित (बिना कंडोम के) यौन संबंध बनाने, संक्रमित रक्त चढ़ाने, संक्रमित इंजेक्शन लगाने व संक्रमित माता-पिता से होने वाली संतान को एचआईवी व सिफलिश होने का खतरा बढ़ जाता है। इस समस्या से बचने के लिए सही व संपूर्ण जानकारी जरूरी है। एचआईवी-एड्स से बचाव के लिए नेशनल हेल्प लाइन नंबर-1097 भी मददगार है।
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यह है एचआईवी-एड्स
ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) एक लेंटिवायरस (रेट्रोवायरस का एक उपसमूह) है, जिससे एचआईवी संक्रमण होता है और समय के साथ-साथ इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) बन जाता है।
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इस तरह फैल सकता है एचआईवी-एड्स
यौन संबंध द्वारा- किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाने पर संक्रमण फैल सकता है। एचआईवी वायरस सेक्स के दौरान मुंह में होने वाले छाले या गुदा या योनि में होने वाले छोटे से चीरे से भी फैल सकता है।
रक्त के संचरण द्वारा- कुछ मामलों में, वायरस रक्त संचरण के माध्यम से भी प्रसारित होता है।
सुइयों के साझे प्रयोग द्वारा- एचआईवी वायरस तब भी फैल सकता है, जब यदि एक सुई जो किसी संक्रमित व्यक्ति पर इस्तेमाल की गई हो और उसे ही किसी असंक्रमित व्यक्ति पर इस्तेमाल कर दी जाए।
गर्भावस्था या प्रसव या स्तनपान द्वारा- अगर एक औरत एचआईवी वायरस से संक्रमित है तो वह गर्भावस्था या प्रसव या स्तनपान द्वारा अपने बच्चे को भी इससे संक्रमित कर सकती है।
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