नई दिल्ली (IMNB).
विशेषतायें:
- मंडप में जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में भारत की उपब्धियों को दर्शाया गया।
- एलटी-लेड्स, लाइफ प्रयास से प्रभाव तक जैसे प्रमुख दस्तावेज जारी किये गये।
- मंडप में 25,000 कॉप प्रतिभागियों ने अवलोकन किया।
भारत ने शर्म-अल-शेख में छह से 17 नवंबर, 2022 तक आयोजित होने वाले कॉप-27 में लाइफ-लाइफस्टाइल ऑफ एनवॉयरेनमेंट विषयक मंडप की व्यवस्था की थी। मंडप को इस तरह तैयार किया गया था कि विभिन्न श्रव्य-दृश्य, लोगो, 3डी मॉडलों, सेट-अप, सजावट और सहायक कार्यक्रमो के जरिये ‘लाइफ’ का संदेश दिया जा सके।
कॉप-27 के दौरान मंडप में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। आयोजकों ने कॉप-27 के दौरान जो कार्यक्रम आयोजित किये थे, उनमें केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों, सावर्जनिक क्षेत्र के उपक्रमों, स्वायत्तशासी निकायों/अधीनस्थ संगठनों, थिंक-टैंकों और संयुक्त राष्ट्र संगठनों ने हिस्सा लिया था। मंडप में 49 कार्यक्रम आयोजित किये गये, जिनमें से 16 कार्यक्रमों का आयोजन केंद्र सरकार ने और 10 कार्यक्रमों का आयोजन राज्य सरकारों ने किया था। मंडप में 23 निजी सेक्टर कार्यक्रम भी हुये।
मंडप का उद्घाटन पर्यावरण, वन और जलवायु मंत्री ने छह नवंबर को किया था। इसके बाद के कार्यक्रमों का आयोजन यूएनडीपी और यूनीसेफ ने किया था, जिसमें कॉप-27 युवा स्कॉलर पुरस्कार वितरित किये गये। ये पुरस्कार चार युवा स्कॉलरों को दिया गया, जिन्हें कड़ी प्रक्रिया के बाद चुना गया था। इसके बाद 14 नवंबर ‘लाइफ’ सम्बंधी कार्यक्रमों का दिन रहा, जिनका आयोजन भारतीय मंडप में हुआ। उसी दिन जो अन्य कार्यक्रम हुये, उनमें पर्यावरण अनुकूल और सतत जीवन-शैली के प्रचार के लिये युवाओं व बच्चों को प्रोत्साहित किया गया।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव ने 14 नवंबर को भारतीय मंडप में भारत की दीर्घकालिक निम्न-उत्सर्जन विकास रणनीति (एलटी-लेड्स) की शुरूआत की। श्री यादव ने भारतीय मंडप से ही लीड-आईटी शिखर बैठक वक्तव्य के साथ लाइफ “प्रयास से प्रभाव तक” सार-संग्रह भी जारी किया। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की सचिव सुश्री लीना नंदन ने भी भारतीय मंडप में होने वाले कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। इन कार्यक्रमों में प्रौद्योगिकी आवश्यकता मूल्यांकन पर डीएसटी का तथा टेरी के संयोजन एवं संयोजन तत्परता पर दीर्घकालिक रणनीति विषयक कार्यक्रम शामिल रहे। इन कार्यक्रमों में 12 दिनों के दौरान लगभग 2000 लोगों ने हिस्सा लिया।
मंडप में लगभग 25,000 कॉप प्रतिभागियों ने दौरा किया। भारतीय मंडप ने जलवायु परिवर्तन पर भारत की उपलब्धियों को दर्शाया, जिसमें प्रौद्योगिकी के साथ-साथ भारतीय संस्कृति, वस्त्र और खान-पान को भी शामिल किया गया था। इन सबके प्रति लोगों में बहुत उत्साह देखा गया। मंडप में ब्लॉक प्रिंटिंग भी दर्शायी गई थी। कॉप में हिस्सा लेने वाले युवा प्रतिभागियों ने इसके प्रति विशेष रुचि दिखाई। मंडप ने प्रदर्शनी, गतिविधियों और मेहमानों को लाइफ बैजों व पुस्तिकाओं के वितरण द्वारा ‘लाइफ’ का संदेश प्रसारित किया।
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