आखिर किसको बचाने हो रही कवायद ?
जांच से बचने की नियत तो नहीं?
कवर्धा – मरीजो की सेवा में उपयोग होने वाली कीमती व उपयोगी नए नवेले सामान को जिला अस्पताल के स्टोर से निकालकर छत में कबाड़ में फेंक पानी बरसात में सड़ाने व खराब करने का मामला प्रकाशित होने के बाद अब जिला अस्पताल प्रशासन बिना जांच व कार्यवाही के कीमती सामानों को ठिकाने लगाने में जुट है । आननफानन में उपयोगी समणो को गाड़ियों में भरकर अन्यंत्र भेजा गया है ।अब कहा और क्यों भेजा गया है अस्पताल प्रबंधन बता नही रहा । हालांकि अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह सब स्टोर प्रभारी को जांच से बचाने और सबूत मिटाने की नियत से किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि अस्पताल प्रशासन ने तथा कथित रूप से नेशनल क्वालिटी एन्ड इंसयोरेन्श प्रमाण पत्र और कायाकल्प का पुरष्कार प्राप्त करने के नाम पर अस्पताल के कई कीमती, नए उपयोगी और जरूरतमंद मरीजों के लिए जीवन रक्षक माने जाने वाले उपकरणों व सामग्रियों को स्टोर से निकालकर अस्पताल की छत में कबाड़ होने फेंक दिया है। कबाड़ ने नए सामानों को फेंक कर कही नए समान की खरीदी में कमीशनखोरी खेल तो नही जांच का विषय है । मामला सामने आने के बाद से जिला अस्पताल पुनः चर्चा में है ।अस्पताल प्रशासन कबाड़ के खेल समान को दिहाड़ी के मजदूर लगवाकर निजी वाहन से कहीं ठिकाने लगाने में जुटा है। हैरानी की बात यह है कि इस संबंध में अस्पताल प्रशासन को कोई भी जिम्मेदार अधिकारी सही जानकारी देने के लिए तैयार नहीं है। मामले की जानकारी के बाद कलेक्टर ने संज्ञान लिया है और इसकी जांच के साथ साथ उपयोगी सामानों को जरूरतमंद संस्थानों पर भेज कर उपयोग करवाने की बात कही है ।
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