कलेक्टर श्री महोबे ने आंगनबाड़ी केन्द्रों में योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन नहीं होने पर कड़ी नाराजगी जताई
कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग के काम-काज की समीक्षा कर दिए दिशा-निर्देश
ऽ मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को क्रियान्वयन एवं सतत मॉनिटरिंग करें
ऽ वनांचल क्षेत्रों में आंगनबाड़ी नहीं आ पा रहे बच्चों और गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं को घर पहुंचाकर गरम भोजन देने के लिए कार्ययोजना तैयार करें
ऽ सुपोषण अभियान से जोड़ कर गर्भवती महिलाओं का खान-पान एवं उचित देखभाल के प्रति व्यवहार में जागरूकता लाएं
ऽ सेक्टर प्रभारी और सुपरवाईजर निरंतर अपने आंगनबाड़ी केंद्रो का निरीक्षण करें
ऽ सुपरवाइजरों का युक्तियुक्तकरण करें
ऽ आंगनबाड़ी में बच्चों को नास्ता और भोजन देने के लिए एक समय निर्धारित करें
कवर्धा, 26 नवम्बर 2022। कलेक्टर श्री महोबे ने आज यहां जिला कार्यालय में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर राज्य शासन की फ्लैगशिप योजना मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान सहित विभागीय काम-काज की गहनता से समीक्षा की। कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने महिला एवं बाल विकास विभाग के सेक्टर अधिकारी सीडीपीओ और सुपरवाजरों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि जिले के आदिवासी बैगा बाहुल बोडला और पंडरिया विकासखण्ड के सुदूर वनांचलों में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों में योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन करे। उन्होने कहा कि वनांचल क्षेत्र दलदली, कुकदूर, चिल्फी, रेंगाखार जंगल सहित अन्य वनांचल क्षेत्रों के आंगनबाड़ी केन्द्रों का मैने स्वयं निरीक्षण किया। कही-कही आंगनबाड़ी केन्द्र बंद भी मिले। जहां खुले मिले है वहां योजनाओं का क्रियान्वयन संतोषजनक नहीं पाएं गए। निरीक्षण पंजी में भी किसी अधिकारियों का टीप भी नहीं मिलें। उन्होने बैठक में कड़े निर्देश देते हुए कहा कि सीडीपीओ और संबंधित पर्यवेक्षक अधिकारी निरंतर अपने-अपने आंगनबाड़ी केन्द्रों को निरीक्षण करें और योजनाओं के क्रियान्वयन की गंभीरता से मॉनिटरिंग करें। इस बार अगर योजनाओं के क्रियान्वयन में कमी अथवा खामियां पाई गई तो सीधे कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि सीडीपीओ और पर्यवेक्षक अपने कार्य क्षेत्र के प्रत्येक गावं के महिला पंच, कोटवार, सचिव, स्वास्थ्य मितानीन, पटवारी के संपर्क में रहे। कलेक्टर ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में योजनाओं की क्रियान्वयन में लापरवाहीं या उदासिनता स्वीकर नहीं किया जाएगा। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री संदीप अग्रवाल, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री आनंद तिवारी सहित सभी सेक्टर प्रभारी और सुपरवाईजर उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री महोबे ने जिले में संचालित सेक्टरवार एक-एक आंगनबाड़ी केन्द्रों की जानकारी ली। बैठक में सुपरवाजरों ने बताया कि उनके पास दो से अधिक सेक्टर का प्रभार है। कलेक्टर ने जिला अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि सुपरवाजइरों को युक्तीयुक्त करण करें और स्थिति ठीक करें। कलेक्टर ने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की समीक्षा करते हुए कहा कि वनांचल क्षेत्र खासकर चिल्फी, तरेगांव जंगल, और कुकदूर सेंक्टर के अंतर्गत आने वाले आंगनबाड़ी केन्द्रों को बेहतर बनाए। उन्होने यह भी कहा कि वनांचल क्षेत्रों में विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा बसाहवट गांव व मजरे-टोले में घर दूर-दूर होने से वहां के बच्चों, गर्भवती माहिलाओं व शिशुवती महिलाएं योजनाओं का लाभ लेने के लिए आंगनबाड़ी तक आने के लिए प्रेरित करे। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में शामिल है। इस योजना का मूल उद्ेश्य ही कुपोषण की दर में कभी लाना और एनीमियो पीड़ित महिलाओं को समान्य स्थिति में लाना है। उन्होने कहा कि वनांचल क्षेत्रों में अगर बच्चों व गर्भवती, शिशुवती महिलाएं आंगनबाड़ी तक नहीं आ पा रहे तो उन्होने सुपोषण अभियान का लाभ दिलाने के लिए उनके घर पर गरम पका भोजना पहुंचाने के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार करें। कार्ययोजना बनाने के लिए विभाग के जिला अधिकारी को जिम्मेदारी दी है। कलेक्टर ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रो में सुपोषण अभियान के मैनू का पालन करते हुए बच्चों को निर्धारित समय 10 से 11 बजे के बीच नास्ता और 12ः30 बजे से 1 बजे के बीच गरमपका भोजन दे। कलेक्टर ने निर्देशित करते हुए कहा कि जिले में 6 एनआरसी संचालित है, वहां कुपोषित बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य लाभ दिलाने के लिए बच्चों को भर्ती कराए
कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने बैठक में प्रधानमंत्री मातृवंदना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की प्रगति, परियोजना अधिकारियों के अग्रिम विजिट भ्रमण सहित, सुपोषण अभियान, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, पोषण टै्रकर एप, पोषण पुर्नवस केन्द्र, गर्भवती एनीमिक एवं कुपोषित बच्चों को गरम भोजन प्रदाय की स्थिति आबंटन एवं खर्च की स्थिति, गेंहू मिलान की जानकारी, प्रथम एवं द्वितीय त्रैमास के चावल के उठाव के संबंध में जानकारी और स्व्ीकृत भवनों एव अपूर्ण भवनों की स्थिति, शौचालय निर्माण की जानकारी सहित अन्य योजनाओं की समीक्षा की।
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