जम्मू और कश्मीर में सुशासन के नए युग की शुरूआत

Estimated read time 1 min read

जम्मू और कश्मीर के अधिकारियों के लिए दो सप्ताह वाले चौथे क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन

अधिकारियों का पुनर्विन्यास उन्हें परिणाम उन्मुख शासन देने में सक्षम बनाएगा

नई दिल्ली (IMNB). भारत सरकार के एक शीर्ष स्वायत्त संस्थान, राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) ने जम्मू और कश्मीर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए एक क्षमता निर्माण कार्यक्रम की शुरूआत की है, जिसका उद्देश्य केंद्र शासित प्रदेश के लोगों को सशक्त सुशासन प्रदान करना और पारदर्शी एवं कुशल सार्वजनिक सेवा वितरण को सुनिश्चित करना है, जिसके लिए दो सप्ताह की अवघि वाले कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है और ऐसे चौथे कार्यक्रम की शुरुआत 28 नवंबर को एनसीजीजी परिसर मसूरी में हुई है।

जुलाई 2021 में यह निर्णय लिया गया था कि जम्मू और कश्मीर के 2,000 वरिष्ठ अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा और इसके लिए जम्मू-कश्मीर प्रबंधन, लोक प्रशासन और ग्रामीण विकास संस्थान (जेएंडकेआईएमपीएआरडी) और राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) के बीच क्षमता निर्माण में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए और केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों का पुनर्विन्यास करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गया था। इस समझौता ज्ञापन को प्रभावी बनाते हुए, एनसीजीजी द्वारा अब तक जम्मू और कश्मीर के अधिकारियों के लिए इस प्रकार के तीन क्षमता निर्माण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा चुका है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001GNKA.png

श्री भरत लाल, एनसीजीजी के महानिदेशक ने अपने उद्घाटन भाषण में सुशासन पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को ठोस बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य अधिकारियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने और जम्मू और कश्मीर के लोगों के लिए अवसर उत्पन्न करने के लिए एकल मानसिकता विकसित करने में सक्षम बनाना है। अधिकारियों को जम्मू और कश्मीर में सुशासन, पारदर्शिता और कुशल सेवा वितरण करने वाली प्रथाओं का अनुकरण करने के लिए पूरे देश से शासन की सर्वोत्तम प्रथाओं का अनुभव प्रदान किया जाता है।

उन्होंने निवेश को आकर्षित करने, उद्यमिता को बढ़ावा देने और सार्वजनिक सेवा वितरण को सुनिश्चित करते हुए रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए अपना दृष्टिकोण बदलने और सुविधा प्रदानकर्ता के रूप में कार्य करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हम बहुत ही प्रतिस्पर्धी और वैश्वीकरण दुनिया में जीवन यापन कर रहे हैं और इसलिए समय की मांग है कि निवेश को आकर्षित करने के लिए व्यवसायों को सहायता प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि सभी का समय बहुत ही कीमती है और इसलिए सेवा का चुस्त वितरण और समय का सही मूल्यांकन साथ-साथ किया जाना चाहिए। उन्होंने चुनौतियों पर बल देते हुए कहा कि यह पुनर्विन्यास कार्यक्रम अधिकारियों को सक्षम बनाएगा जिससे वे जनता की समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रौद्योगिकी-सक्षम समाधान प्रस्तुत कर सकेंगे।

चौथे क्षमता निर्माण कार्यक्रम की शुरुआत एनसीजीजी परिसर, मसूरी 28 नवंबर 2022 को हुई और यह 09 दिसंबर 2022 तक चलेगी। प्रशासन और सुशासन के क्षेत्र में प्रशिक्षण सत्रों के मापदंड ई-गवर्नेंस सहित लोक चिकित्सकों, विशेषज्ञों और शिक्षाविदों द्वारा तैयार किए गए हैं।

क्षमता निर्माण कार्यक्रम को वैज्ञानिक रूप से जम्मू और कश्मीर के लोक सेवकों को आम नागरिकों को मजबूत और निर्बाध सेवाएं प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है। इस कार्यक्रम के दौरान अत्याधुनिक ज्ञान और नए कौशल के माध्यम से लोक सेवकों को आम लोगों के जीवन को खुशहाल बनाने के लिए कुशल सार्वजनिक सेवा वितरण प्रदान करने में सक्षम बनाया जाएगा।

 

राष्ट्रीय सुशासन केंद्र की स्थापना भारत सरकार ने 2014 में हुई थी जो कि अनिवार्य रूप से  भारत और अन्य देशों के लोक सेवकों को प्रशिक्षण प्रदान करता है। हाल के दिनों में, केंद्र सरकार ने बांग्लादेश, केन्या, तंजानिया, ट्यूनीशिया, गाम्बिया, मालदीव, श्रीलंका, अफगानिस्तान, लाओस, वियतनाम, भूटान, म्यांमार और कंबोडिया के अधिकारियों को बड़ी संख्या में प्रशिक्षित किया है।

**********

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours