राष्ट्रीय सिंगल विंडो प्रणाली (एनएसडब्ल्यूएस) लालफीताशाही के स्‍थान पर तत्‍काल प्राथमिकता देने के प्रधानमंत्री के विजन को साकार करेगी:  पीयूष गोयल

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पीएलआई स्कीम के आवेदकों को एनएसडब्ल्यूएस पर आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित किया गया: श्री पीयूष गोयल

अभी तक एनएसडब्ल्यूएस के माध्यम से लगभग 48000 मंजूरियां प्रदान की गईं: श्री पीयूष गोयल

विभिन्न औद्योगिक पार्कों और संपदाओं में 1 लाख हेक्टेयर भूमि एनएसडब्ल्यूएस पर अनुदान के लिए उपलब्ध हैं : श्री पीयूष गोयल

श्री गोयल ने हितधारकों के साथ राष्ट्रीय सिंगल विंडो प्रणाली के कामकाज की समीक्षा की

नई दिल्ली (IMNB). केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि राष्ट्रीय सिंगल विंडो प्रणाली (एनएसडब्ल्यूएस) लालफीताशाही के स्‍थान पर तत्‍काल प्राथमिकता देने के प्रधानमंत्री के विजन को साकार करने में सहायता करेगी।

वह आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय सिंगल विंडो प्रणाली पर समीक्षा बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। बैठक में 32 केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों, 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों तथा उद्योग संगठनों (सीआईआई, फिक्की, एसौचैम तथा पीएचडीसीसीआई) से सहभागिता देखी गई। श्री गोयल ने कहा कि बैठक में, विभिन्न हितधारकों से विशेष रूप से महत्वपूर्ण सूचनाओं की एक सिंगल टाइम एंट्री के माध्यम से डाटा संग्रह के समेकन पर कई नए विचार उभर कर सामने आए।

श्री गोयल ने कहा कि सिंगल बिजनेस यूजर आईडी सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालयों तथा राज्यों के बीच डाटा के एपीआई एकीकरण के लिए एक विशिष्ट पहचानकर्ता के रूप में पैन नंबर का उपयोग किए जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि एनएसडब्ल्यूएस डाटा दोहराव को कम करने तथा ऑटो-पोपुलेशन मॉड्यूल का उपयोग करते हुए विभिन्न प्रारूपों में समान डाटा भरने में भी मदद करता है।

श्री गोयल ने एनएसडब्ल्यूएस द्वारा आज तक अर्जित की गई उल्लेखनीय प्रगति की सराहना की और कहा कि बड़ी संख्या में हितधारकों ने अभी चल रहे बीटा जांच चरण में एनएसडब्ल्यूएस का लाभ उठाया है।

उन्होंने बताया कि एनएसडब्ल्यूएस को लगभग 76000 आवेदन/आग्रह प्राप्त हुए थे और एनएसडब्ल्यूएस के माध्यम से लगभग 48000 अनुमोदन प्रदान किए गए थे। श्री गोयल ने कहा कि एनएसडब्ल्यूएस में तकनीकी गड़बड़ियां बहुत ही कम, केवल 514 थीं जिसका अर्थ यह हुआ कि पोर्टल ने 99 प्रतिशत से अधिक दक्षता प्रदर्शित की।

श्री गोयल ने यह भी कहा कि 27 केंद्रीय विभागों और 19 राज्यों को एनएसडब्ल्यूएस से जोड़ा गया है। एनएसडब्ल्यूएस पर पूरी तरह से शामिल की गई योजनाओं में वाहन स्क्रैपिंग नीति, एथनॉल नीति, चमड़ा विकास कार्यक्रम, आभूषणों की हॉलमार्किंग, पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन ( पीईएसओ ) प्रमाणन शामिल हैं।

श्री गोयल ने कहा कि राष्ट्रीय भूमि बैंक को भी एनएसडब्ल्यूएस में समेकित किया गया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न औद्योगिक पार्कों और संपदाओं में 1 लाख हेक्टेयर भूमि एनएसडब्ल्यूएस पर उपलब्ध हैं। श्री गोयल ने कहा कि यह पोर्टल औद्योगिक भूमि की खरीद के लिए एक वन स्टॉप शौप बन जाएगा।

अधिक से अधिक राज्यों को एनएसडब्ल्यूएस का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए श्री गोयल ने कहा कि जो राज्य एनएसडब्ल्यूएस का उपयोग करते हैं, उन्हें व्यवसाय करने की सुगमता के इंडेक्स पर बेहतर रैंकिंग दी जाएगी।

श्री गोयल ने कहा कि वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा जैसे पांच मंत्रालयों के साथ आरंभ करके लाइसेंस के नवीनीकरण को भी एनएसडब्ल्यूएस के तहत लाया जाएगा।

आज की समीक्षा बैठक का मुख्य उद्वेश्य भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों तथा राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों द्वारा निवेशक संबंधित मंजूरियों की ऑनबोर्डिंग सुनिश्चित करना था जिससे कि समय सीमा को पूरा किया जा सके, एनएसडब्ल्यूएस के सुचारु कामकाज के लिए सभी हितधारकों द्वारा स्वामित्व को पूरा किया जा सके, उद्योग द्वारा एनएसडब्ल्यूएस के उपयोग को बढ़ाया जा सके तथा उद्योग के फीडबैक को ईओडीबी/निवेशक मंजूरियों की सुगमता से संबंधित प्रणालियों में सुधार लाने के लिए उपयोग किया जा सके और एनएसडब्ल्यूएस के प्रति संयोजन दृष्टिकोण पर भविष्य के मार्गों पर चर्चा की जा सके।

एनएसडब्ल्यूएस एक महत्वाकांक्षी पहल है जिसमें निवेश बढ़ाने के लिए तथा देश में अनुपालन बोझ में कमी लाने के लिए एक क्रांतिकारी माध्यम बनने की संभावना है। यह प्रणाली ‘‘समग्र सरकार दृष्टिकोण” के माध्यम से सभी मंत्रालयों/विभागों, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के संयोजन को प्रेरित करेगी।

मंत्रालयों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इस पोर्टल को आरंभ करने तथा इसके संचालन के लिए डीपीआईआईटी तथा एनएसडब्ल्यूएस टीम के साथ घनिष्ठ समन्वयन में काम किया है। उद्योग संगठनों ने समय-समय पर बहुमूल्य फीडबैक प्रदान किया है जिससे प्रणाली में सुधार लाने तथा इसे ईष्टतम बनाने में सहायता मिली है।

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