जगदलपुर। छत्तीसगढ़ का बस्तर क्षेत्र अपने आप में बहुत प्रसिद्द है। यहाँ के वनस्पति, फल-फूल, संस्कृति अपने आप में अनूठा है। कम संसाधनों में भी बेहतर जीवन जीने की कला यहां के ग्रामीणों में देखी जाती है। बस्तर क्षेत्र अपने खान-पान, पहनावा और रहन-सहन के लिए काफी प्रसिद्ध है। खाने की बात करें तो इसके लिए भी यह अन्य जगहों से बहुत भिन्न है। जंगलों में मिलने वाले फल-फूल यहाँ के आदिवासियों के खान-पान का एक मुख्य स्रोत है।
आज हम आपको बताने जा रहे हैं यहां पाए जाने वाले चार-चिरोंजी के बारे में, जो स्वाद में काफी लजीज होते हैं। बस्तर में एक समय में चार के वृक्ष बहुतायत में पाए जाते थे। लेकिन अब धीरे-धीरे इन पेड़ो की संख्या काफी कम होती जा रही है। चार के पेड़ पर गोल और काले कत्थई रंग का एक फल लगता है। पकने के बाद यह फल काफी मीठा और स्वादिष्ट होता है और उसके अन्दर से बीज मिलते हैं। चिरौंजी को प्रियाल, खरस्कंध, चार, राजादन,सन्नकदृ, पियाल,चारोली आदि नामों से जाना जाता हैं। बीज या गुठली का बाहरी आवरण काफी मजबूत होता है। इसे तोड़कर उसकी मींगी निकलते है। यह मींगी ही चिरौंजी कहलाती है और एक सूखे मेवे की तरह इस्तेमाल की जाती है। चिरौंजी के अतिरिक्त, इस पेड़ की जड़ों, फल, पत्तियां और गोंद का भारत में विभिन्न औषधीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग किया जाता है। कई भारतीय इन चिरौंजी का उपयोग मिठाई बनाने में एक सामग्री की तरह इस्तेमाल करते हैं।
ग्रामीणों की आय का स्रोत
यह चिरौंजी एक बेहद ही महंगा मेवा है। एक समय तो ऐसा भी था कि बस्तर में आदिवासी पहले नमक के बदले चिरौंजी दिया करते थे। नमक के भाव में चिरौंजी बेचीं जाती थी। लेकिन अब समय के साथ स्थिति भी बदल गई है। बस्तर में जगदलपुर का टाकरागुड़ा ऐसी जगह है जहां के 500 एकड़ के जंगल में 80 प्रतिशत चार के पेड़ है। वहां के ग्रामीण चिरौंजी बेचकर काफी मुनाफा कमाते है।
चार चिरौंजी भारत का मूल निवासी पेड़ हैं। यह भारत देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में बहुतायत में पाया जाता है। मध्यप्रदेश के बेतुल में इसके काफी पेड़ पाए जाते है। वहीँ, बस्तर में इसके पेड़ों के सघन वन भी हैं। इस पर गोल और काले कत्थई रंग का एक फल लगता है।
कॉस्मेटिक और चिकित्सीय उद्देश्य
चिरौंजी बीज में करीब 50त्न से अधिक तेल होता हैं, जो की चिरौंजी का तेल नाम से जाना जाता है और उसका प्रयोग कॉस्मेटिक और चिकित्सीय उद्देश्य से किया जाता है। जब इन बीजो को खुद से फ़ोड कर चिरंजी निकालने की कोशिश की जाती है तो आधे अधुरी चिरंजी ही मिल पाती है। कभी कभार साबूत चिरौंजी मिल जाती है तो खुशी का ठिकाना ही नहीं रहता है। मशीनरी युग मे चार के इन बीजो से परिषकृत चिरौंजी बाजारो मे महंगे दामो मे बिकती है। बस्तर मे इन चार बीजो का संग्रहण बड़े ही जतन से किया जाता है।
चिरौंजी के अनेक फायदे
चिरौंजी के फ़ायदे भी अनेको है। इस फल का सेवन हमे अनेक बीमारियों से बचाता हैं। मीठी चीजों में खासतौर पर इस्तेमाल होने वाली चिरौंजी में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। चिरौंजी में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। इसके अलावा इसमें विटामिन सी और बी भी पर्याप्त मात्रा में होता है। चिरौंजी में प्रोटीन फाइबर कैल्शियम आयरन आयरन विटामिन क्च2 विटामिन सी और फास्फोरस काफी मात्रा में होते हैं।
शारीरिक कमजोरी और दुर्बलता होती है दूर
चिरौंजी शारीरिक कमजोपरी को दूर करने में सहायक होता है। यदि आप 5 से 10 ग्राम चिरौंजी पिसकर दूध के साथ मिक्स करके खाते हैं तो आपके शरीर की कमजोरी दूर हो जाएगी। यदि आप खुजली से परेशान हो चुके हैं तो 100 ग्राम चिरौंजी 10 ग्राम पिसा हुआ सुहागा और 10 ग्राम गुलाबजल इन तीनों को एक साथ मिलाकर पतला लेप बनाएं। इसके बाद इसे खुजली वाली जगह पर तीन से चार दिन तक लगाइए। आपकी ख्रुजली की समस्या तुरंत दूर हो जाएगी।
सर्दी जुखाम खांसी-
सर्दी जुखाम और खांसी में भी चिरौंजी कारगर साबित होता है। खांसी होने पर 5 से 10 ग्राम चिरौंजी हल्का सा सेक कर पीस लिजिए और इसे एक गिलास दूध में उबाल लिजिए। इसके बाद इसमें शक्कर और इलायची पावडर मिलाकर सुबह शाम पीजिए। ऐसा करने से आपकी सर्दी जुकाम दूर हो जाएगी। चिरौंजी खाने से हमारे शरीर की इम्युनिटी भी बढ़ जाती है।
डायरिया होने पर – डायरिया होने पर 5 से 10 ग्राम चिरौंजी को पिसकर गर्म पानी के साथ लेने से दस्त रुक जाते हैं चिरौंजी को पीस कर दूध के साथ इसका लेप चेहरे पर लगाने से पिंपल की समस्या दूर हो जाती है अगर आप अपनी स्कीन चमकदार बनाना चाहते हैं चिरौंजी को पीस कर उसमें थोड़ा गुलाब जल मिलाकर फ्रिस पैक की तरह आपने चेहरे पर लगाइए चेहरा चमक उठेगा। बालों के लिए फायदेमंद – अगर आप बालों की समस्या से परेशान हो गए हैं तो चिरौंजी का प्रयोग करें। यह हमारे बालों के लिए भी बहुत फायदेमंद है इसमें बालों के लिए जरूरी प्रोटीन फैटी एसिड और आयरन होता है। चिरौंजी के तेल को रोज खाने या अपने बालों में लगाने से बालों के गिरने की समस्या दूर होती है और बाल लंबे समय तक काले बने रहते हैं।
(बस्तर न्यूज सर्विस, मो: 9424
+ There are no comments
Add yours