बेमेतरा 08 दिसम्बर 2022-प्रदेश सरकार के जनकल्याणकारी नीतियों एवं योजनाओं ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए भी आदमनी बढ़ाने के नए द्वार खोल दिए हैं। इसी क्रम में बेमेतरा जिले के ग्राम गांगपुर (ब) नवनीत महुआ सहकारी समिति के सदस्य मोहित कुमार ने बताया कि मछली पालन में संभावनाएं तलाशी और उम्मीद के मुताबिक सफलता भी पायी। उन्होने बताया कि काफी सालों से हम मछली पालन का काम करते आ रहे हैं जिसमें 5 से 6 लाख रुपये का लाभ हो रहा है। मोहित ने बताया कि वे वर्तमान में लगभग 6-7 तालाब में मछली पालन का कार्य कर रहे हैं। मछली पालन से आर्थिक समृद्धि की ओर कदम बढ़ाकर यह किसान परिवार अपनी दैनिक जरूरतों के अलावा दूसरी भौतिक सुविधाओं के सपने को भी पूरा कर रहा है। उन्होने बताया कि उनके समिति में लगभग 36 सदस्य हैं मछली पालन से उनका भी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुआ है। उन्होने बताया कि मछली पालन के लिए समय-समय पर हमें मत्स्य पालन विभाग बेमेतरा के माध्यम से मछली का बीज, चारा, दवाई, फीश माउण्ट एवं जाल का लाभ मिलता रहता है। आज जिला मुख्यालय बेमेतरा के कृषि उपज मंडी परिसर में आयोजित जिला स्तरीय जनचौपाल शिविर में समूह को मछुली जाल का निःशुल्क वितरित किया गया। इसके लिए उन्होने प्रदेश सरकार को धन्यवाद ज्ञापित किया। इधर जिला कलेक्टर श्री जितेन्द्र कुमार शुक्ला के निर्देशन में जिले में मछली पालन को बढ़ावा भी मिल रहा है।
गौरतलब है कि राज्य में मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा दिया है। इसके बाद प्रदेश के कई हिस्सों में छोटे और मझोले किसान धान और गेंहू जैसी परम्परागत खेती के अलावा मछली पालन जैसे उपाय अपना रहे हैं। कलेक्टर श्री शुक्ला के निर्देशन में जिले में मछली पालन के क्षेत्र में महिलाओं, युवाओं, ग्रामीणों को स्वावलंबी बनाने के साथ ही आय में वृद्धि के लिए कार्य किया जा रहा है। जिले के गौठान में अंदर एवं गौठान के समीप तालाब, डबरी का निर्माण महात्मा गांधी नरेगा के माध्यम से कराया गया है। इन तालाबों, डबरियों से ग्रामीणों को रोजगार के अवसर मिले इसके लिए मछली पालन करने वाले समूहों को चयनित कर मछली बीज संचयन का कार्य किया जा रहा है। मछली पालन के क्षेत्र में बेहतर संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए जिले में मत्स्य पालन को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
+ There are no comments
Add yours