रायपुर । हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (HNLU) देश का एक प्रमुख विधि विश्वविद्यालय 10 दिसंबर 2022 को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के उपलक्ष्य में ‘एक बहु-ध्रुवीय विश्व में मानवाधिकार’ पर एक एक्स-आर्का वेबिनार का आयोजन किया। प्रोफेसर (डॉ.) आर वेंकट राव, नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया, विश्वविद्यालय, बैंगलोर के पूर्व कुलपति सत्र के मुख्य अतिथि थे। प्रोफेसर जेलीस सुभान, प्रमुख, स्कूल ऑफ लॉ, आईटीएम विश्वविद्यालय और प्रोफेसर सलोनी त्यागी श्रीवास्तव, प्रमुख, विधि संकाय, कलिंगा विश्वविद्यालय कार्यक्रम के सम्मानित अतिथि थे।
प्रो. डॉ. वी.सी. विवेकानंदन, कुलपति, एचएनएलयू ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा कि व्यक्तिगत मानवाधिकारों की अवधारणा को अंतर्राष्ट्रीय विधि में विश्व युद्ध के बाद पहचान प्राप्त हुई और जेनेवा कन्वेंशन अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय से लेकर और एनजीओ एडवोकेसी जैसे एमनेस्टी इंटरनेशनल जैसी कई पहलों का जन्म हुआ। उन्होंने मानवाधिकार संवाद के संदर्भ में ग्राम्स्की, हॉब्स, मार्क्स की टिप्पणियों को उद्धृत किया और समाज में व्याप्त व्यक्तिगत और सामूहिक हिंसा के निराशाजनक रिकॉर्ड की पृष्ठभूमि में दुनिया को मानवीय गरिमा के लिए एक बेहतर स्थान बनाने के संकल्प पर जोर दिया। उन्होंने सैमुअल हंटिंगटन द्वारा देखे
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