उत्तर बस्तर कांकेर 02 जनवरी 2023ः-समग्र शिक्षा समावेशी शिक्षा के तहत् जिले के चिन्हांकित प्राचार्य व व्याख्याताओं का एक दिवसीय जिला स्तरीय क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन 29 एवं 30 दिसम्बर को किया गया, जिसमें अंतागढ़, दुर्गूकोंदल, कोयलीबेड़ा विकासखण्ड के 20-20 व्याख्याताओं का वातावरण निर्माण कार्यशाला एवं विकासखण्ड भानुप्रतापपुर, चारामा, कांकेर, नरहरपुर का जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डाईट में 30 दिसम्बर को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में बिना किसी भेदभाव के वातावरण निर्माण कर सामान्य बच्चों के साथ निःशक्तजन बच्चों का अध्यापन, बच्चों के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार करना, दिव्यांगजन अधिनियम 2016 एक्ट के तहत् 21 प्रकार के दिव्यांगता की जानकारी, दिव्यांग बच्चों का समावेशी शिक्षा के माध्यम से समाज के मुख्यधारा से जोड़ने, दिव्यांग बच्चों को शाला में आ रहे समस्याओं का निदान, बच्चों को मिलने वाली सुविधाऐं तथा निःशक्तजन बच्चों का सर्वे कर चिन्हांकित करने संबंधी विस्तृत जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण के समापन अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी श्री भुवन जैन ने समावेशी शिक्षा अंतर्गत वातावरण निर्माण की प्रक्रिया में शिक्षकों की भूमिका के बारे में बताते हुये कहा कि एक अध्यापक अपने छात्र-छात्राओं को मानसिक, शारीरिक मनोवैज्ञानिक व भावनात्मक रूप से मजबूत बनाता है ताकि बच्चों का एक साथ पूर्ण विकास हो सके। जिला मिशन समन्वयक समग्र शिक्षा आर.पी. मिरे ने कहा कि एक सामान्य शिक्षक अपनी कक्षा में सामान्य व दिव्यांग बच्चों के लिए एक मार्गदर्शक है, सामान्य विद्यालयों में प्रत्येक बच्चे की आवश्यकता पूरी हो इसके लिए समावेशी शिक्षा इस बात को भी लागू करती है तथा शिक्षकों की उत्तरदायित्व अनंत है। प्रशिक्षण में ए.पी.सी. पंकज श्रीवास्तव, समावेशी शिक्षा प्रभारी विनोद राजपूत, सभी विकासखंड के बी.आर.पी. व मास्टर ट्ेनर्स दीपक सोनवानी, भीम सिंह ध्रुव, समावेशी शिक्षा उपस्थित थे।
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