उत्तर बस्तर कांकेर 03 जनवरी 2023 :- छत्तीसगढ़ अनाधिकृत विकास का नियमितिकरण अधिनियम 2002 संशोधित अधिनियम, 2022 की धारा- 4 के अनुसार कांकेर जिले में अनधिकृत विकास नियमितिकरण हेतु गठित समिति द्वारा जिला नियमितिकरण प्राधिकारी एवं कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला की अध्यक्षता तथा पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा की विशेष उपस्थिति में आज बैठक आयोजित किया गया, जिसमें कांकेर निवेश क्षेत्र एवं नगर पालिका कांकेर अंतर्गत 06 आवेदनों का परीक्षण कर 22 लाख 67 हजार 570 रुपये शास्ति अधिरोपित किया गया। अधिरोपित शास्ति राशि शासकीय कोष में जमा करने के पश्चात् अनधिकृत विकास के नियमितीकरण प्रमाण पत्र जारी किया जावेगा। बैठक में अपर कलेक्टर एस अहिरवार, एसडीएम कांकेर धनंजय नेताम, सहायक संचालक नगर एवं ग्राम निवेश पी.एल दिल्लीवार, मुख्य नगर पालिका अधिकारी कांकेर दिनेश यादव उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि नगरीय निकाय एवं नगर तथा ग्राम निवेश क्षेत्र अंतर्गत 14 जुलाई 2022 से पूर्व निर्मित अवैध भवनों का नियमितिकरण होगा। इसके तहत नगर तथा ग्राम निवेश के कांकेर, नरहरपुर, चारामा, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर एवं पखांजूर निवेश क्षेत्र में 14 जुलाई 2022 से पूर्व निर्मित हुए या अस्तित्व में आये अवैध निर्माण या भवन अनुज्ञा जो बिना अनुमति के, अनुज्ञा से विचलन कर निर्माण किये गये हैं। उन भवनों का नियमितिकरण करने का प्रावधान है। इन क्षेत्रों में अवैध भवनों को नियमित करने हेतु नगरीय निकाय क्षेत्र अंतर्गत आने वाले भवनों के लिए आवेदन संबंधित नगर पालिका परिषद या नगर पंचायत में प्राप्त किया जा सकेगा तथा ऐसे भवन जो नगरीय निकाय क्षेत्र के बाहर हैं, किंतु नगर तथा ग्राम निवेश के भीतर हैं उनके लिये आवेदन नगर तथा ग्राम निवेश के क्षेत्रीय कार्यालय कांकेर से प्राप्त एवं जमा किया जा सकता है। आवेदन पत्र के साथ बी-1, पी-2, खसरा बटांकन, रजिस्ट्री या पट्टा की छायाप्रति, भवन निर्माण अधिसूचित तिथि के पूर्व निर्मित होने का प्रमाण पत्र, बिजली बिल या संपत्ति कर की प्रति, भवन का भू-उपयोग प्रमाण पत्र, पहुंच मार्ग की चौड़ाई, पार्किंग की गणना रिपोर्ट, निर्मित भवन के चारों ओर का फोटोग्राफ, भवन का स्थल मानचित्र एवं शपथ पत्र संलग्न करना होगा।
भवन नियमितीकरण को लेकर जो नियम बनाए गये हैं, उसके तहत् 120 वर्गमीटर क्षेत्रफल के भूखण्ड पर निर्मित अनधिकृत विकास का नियमितिकरण निःशुल्क होगा एवं 120 से 240 वर्ग मीटर क्षेत्रफल के भूखण्ड पर 125 रुपये प्रति वर्ग मीटर, 240 से 360 वर्ग मीटर क्षेत्रफल के भूखण्ड पर 200 रुपये प्रति वर्ग मीटर एवं 360 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल के भूखण्ड पर निर्मित भवनों पर 300 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से शुल्क निर्धारित किया गया है। व्यावसायिक एवं गैर आवासीय भवनों के लिये शासन से अलग-अलग स्लैब पर पर जुर्माना राशि भवन अनुज्ञा शुल्क का 16 से 51 गुणा तक निर्धारित की गई है।
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