फरवरी माह में आएगी प्रदेश की युवा नीति
नौजवानों के लिए लाभकारी बनी स्टार्टअप पॉलिसी
मुख्यमंत्री के साथ स्टार्टअप से जु़ड़े सफल युवाओं का हुआ चर्चा सत्र
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के प्रति युवा भी उत्साहित हैं। इन कार्यक्रमों में युवा बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैं। प्रदेश की प्रतिभाओं को कुंठित नहीं होने दिया जाएगा। जीआईएस में विभिन्न क्षेत्रों में संभावित निवेश का आकलन कर कुशल मानव संसाधन तैयार करने का कार्य होगा। औद्योगिक संस्थानों द्वारा युवाओं को प्रशिक्षण दिलवाने पर भी ध्यान दिया जाएगा। प्रदेश में करीब 2600 स्टार्टअप्स पंजीकृत हैं। साथ ही 40 से अधिक इन्क्यूबेटर्स काम कर रहे हैं। प्रदेश की स्टार्टअप पॉलिसी आने के बाद 11 माह में अच्छे परिणाम सामने आए हैं। एक हजार से अधिक स्टार्टअप बेटियाँ लीड कर रही हैं। नई नीति में स्टार्टअप्स को सहायता भी मंजूर की गई है। अनेक युवाओं ने अपने परिश्रम और प्रतिभा के बल पर शासन द्वारा उपलब्ध लाभकारी प्रावधानों का उपयोग कर सफलता हासिल की है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जबलपुर और इन्दौर में इण्डस्ट्रियल पार्क विकसित करने, शिक्षा के क्षेत्र में सेवाभावी संस्थाओं का सहयोग बढ़ाने, प्रदेश के विशेष उत्पादों और मोटे अनाजों की ब्रांडिंग और निर्यात का कार्य बढ़ाने, प्राकृतिक खेती से अधिकाधिक किसानों को जोड़ने का कार्य किया जाएगा। युवाओं के व्यक्तित्व विकास के लिए विभिन्न उपायों को लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि करीब 15 वर्ष पूर्व इन्दौर में आईटी पार्क बन्द पड़ा था। इसे प्रारंभ करने के साथ ही सुपर कॉरिडोर के बनने और विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आने से युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ध्यान से सुने युवाओं के सुझाव
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज अनेक सफल युवाओं से चर्चा की जो विभिन्न क्षेत्रों में स्टार्टअप से जुड़े हैं, इनमें चाय-सुट्टा बार के अनुभव दुबे, आनंद नायक, राहुल पाटीदार, किराना शॉप के तनुतेजस सारस्वत, रैक बैंक के नरेन्द्र सेन, मुस्कान ड्रीम के अभिषेक दुबे, सुपर सोर्सिंग के मयंक प्रताप सिंह और अदिति चौरसिया और के. स्टार के कुणाल शामिल हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने केलीफोर्निया में सफलतापूर्वक व्यवसाय कर रहे कुणाल से भी वीडियो काल पर बातचीत की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इन युवा उद्यमियों के विचार और सुझावों को ध्यान से सुना। अनुभव ने बताया कि उन्हें चाय बेचने का नया आइडिया आया और उन्होंने चाय सुट्टा-बार शुरू कर दिया। दोस्त राहुल पाटीदार ने उन्हें ज्वाइन किया। यह आइडिया भारत की पारंपरिक चाय-कॉफी को बार टेबिल पर परोसने के रूप में क्रियान्वित हुआ। सतना के रहने वाले ये दोनों दोस्त इन्दौर में पढ़ाई के बाद स्टार्टअप से जुड़े। तनुतेजस सारस्वत ने बताया कि वे शॉप किराना से पंद्रह सौ लोगों की टीम के साथ 15 शहर में करीब एक लाख छोटी दुकानें संचालित कर रहे हैं। इसी तरह नरेन्द्र सेन रैक बैंक के माध्यम से आईटी क्षेत्र में सेवाएँ दे रहे हैं। मुस्कान ड्रीम के माध्यम से अभिषेक एक लाख बच्चों के बीच काम कर रहे हैं। वे स्कूली बच्चों को डिजिटली ज्ञान देने के साथ ही शिक्षकों को भी डिजिटली साक्षर बनाने का कार्य कर रहे हैं। सुपर सोर्सिंग देशभर में स्टार्टअप कंपनियों के लिए टेक कर्मचारियों को हायर करने का प्रमुख प्लेटफार्म बन गया है। इसी तरह किमिरिका की शुरुआत करने वाले रजत और मोहित ने भारत के बड़े होटलों में उपयोग किए जाने वाले सामानों के निर्माता और सप्लायर की पहचान बनाई है। ये सभी युवा 20-22 साल से लेकर 30-32 साल की उम्र के हैं।
युवा उद्यमियों ने दिए अभिनव सुझाव
मुख्यमंत्री श्री चौहान से चर्चा में स्टार्टअप से जुड़े युवाओं ने अभिनव सुझाव दिए। युवाओं ने बताया कि वे प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम और जीआईएस में भागीदारी करेंगे। इन आयोजनों से युवाओं में उत्साह का वातावरण बना है। युवाओं में उद्यमिता का विकास आवश्यक है। इसके लिए अलग विश्वविद्यालय होना चाहिए। चण्डीगढ़ इस तरह की यूनिवर्सिटी है। सफल युवा उद्यमियों का मानना है कि कॉलेज स्तर पर ऐसे विषय हों, जो उद्यमिता की भावना बढ़ाएँ। छात्राओं को भी आवश्यक मार्गदर्शन मिले। छोटे नगरों और कस्बों से आने वाली छात्राओं को इन्दौर जैसी अधो-संरचना उपलब्ध करवाई जा सकती है। इन्क्यूबेशन सेंटर शहरों तक सीमित न हों, ग्रामों में भी बनें। ग्रामीण युवाओं को इन्टर्नशिप से जोड़ा जाए। कक्षा 11वीं और 12वीं के अध्ययन के दौरान अभिरूचि के अनुरूप स्टार्टअप के चयन के लिए भी विद्यार्थियों को मार्गदर्शन दिया जाए। वे अध्ययन के दौरान स्थानीय व्यवसायियों और उद्यमियों के साथ भी भेंट और चर्चा करें। युवाओं को फाइनेंशियल स्तर पर बातचीत और व्यवहार करने के संबंध में दक्ष किया जाना चाहिए। युवा उद्यमियों ने कहा कि यह आवश्यक है कि स्किल पार्क भोपाल के अलावा अन्य स्थानों पर भी खोले जाएँ। हैदराबाद और बैंगलुरु में मध्यप्रदेश के बहुत से युवा कार्य कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में उन्हें अनुकूल वातावरण मिले तो वे यहाँ रहना चाहेंगे। औद्योगिक स्थानों में बच्चों को प्रशिक्षण देने का कार्य किया जाए। सीएम राइज विद्यालय की अवधारणा प्रशंसनीय है। सामाजिक क्षेत्र में उद्यमिता के विकास के लिए कार्य होना चाहिए। देश की मूलभूत समस्याओं के समाधान के लिए युवाओं का मार्गदर्शन लिया जाए। यह भी सुझाव सामने आया कि ब्रांड एमपी का झोला घर-घर पहुँचना चाहिए। किराना की दुकानों पर किसानों के लिए उपयोगी समान बेचने की पहल की गई है। ऐसे प्रयासों से सफलता मिली है। आर्गेनिक फूड की बढ़ती माँग के मद्देनजर प्रदेश में उपलब्ध इसकी संभावनाओं का दोहन किया जा सकता है। युवाओं से चर्चा में अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री लोकेश शर्मा उपस्थित थे।
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