बीजापुर 10 जनवरी 2023- वर्तमान में कुपोषण एक गंभीर समस्या बन गई है। जिससे कुपोषण स्तर से निजात दिलाने हेतु शासन स्तर से कई ऐसी योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिससे कुपोषण को दूर करने में काफी योगदान प्रदाय की जा रही है। वर्तमान में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत आंगनबाडी केन्द्रो के माध्यम से संचालित किया जा रहा है मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के दौरान अतिरिक्त पौष्टिक आहार, मिल्ट चिक्की, अण्डा एवं गरम भोजन, प्रतिदिन सब्जी खाने को दिया जाता है, इन सब से आंगनबाडी केन्द्रों के हितग्राहियों को लांभावित किया जा रहा है।
एकीकृत बाल विकास परियोजना भैरमगढ़ के सेक्टर कोशलनार अंतर्गत आंगनबाडी केन्द्र बेंगलूर मे दर्ज बालक- बालिका का वजन प्रति दिवस लिया जाता है, इसी वजन के आधार पर बच्चों का कुपोषण स्तर को मापा जा सकता है। साथ ही कुपोषण से प्रभावित बच्चें का चिन्हांकन किया जाता है। इस दौरान लोकेश को कुपोषित बच्चें के रूप में आंगनबाडी कार्यकर्ता श्रीमती तारा यादव द्वारा चिन्हांकित किया गया। बालक लोकेश का जन्म 07 जून 2021 को हुआ था। जन्म के समय बालक का वजन 2.500 किग्रा था कुछ समय बाद से वजन पुनः लिया गया जिसमे बच्चे के वजन में कमी आई। जिससे बच्चा गंभीर कुपोषित के श्रेणी में आ गया । लोकेश की स्थिति को देखकर उनकी माता एवं परिजन परेशान हो गये। साथ ही कार्यकर्ता श्रीमती तारा यादव द्वारा बच्चें की स्थिति को देखने पश्चात बालक लोकेश को एनआरसी नेलसनार में 20 अगस्त 2022 को भर्ती कराया गया। पोषण पुर्नवास केन्द्र में 15 दिवस भर्ती के दौरान बालक के उचित देखरेख के साथ सुबह दूध, नाश्ता मिलता है दोपहर में खाना दाल सब्जी देते है। संतुलित आहार खान-पान सही तरीके से कराने की सलाह दी गई। 2 से 3 दिन के अंतराल में आंगनबाडी कार्यकर्ता श्रीमती तारा यादव द्वारा बालक लोकेश की हालचाल देखने पोषण पुर्नवास केन्द्र जाती थी। इस सब के दौरान बच्चें में काफी सुधार आया। गृहभेट के दौरान बालक लोकेश की माता को शीघ्र स्तनपान, 6 माह तक लगातार करना, साथ ही उपरी आहार व स्वच्छता, टीकाकरण के बारे में समय-समय पर जानकारी दी गई लोकेश की माता को कार्यकर्ता तारा यादव एवं सेक्टर पर्यवेक्षक श्रीमती बुटकी मौर्य के द्वारा समझाया गया। 15 दिवस बाद पोषण पुर्नवास केन्द्र से घर वापसी के बाद आंगनबाडी कार्यकर्ता एवं मितानित द्वारा बच्चे की माता को घर पर ही पोषणबाडी तैयार करने को कहा गया। बालक की माता श्रीमती सिलदई को आंगनबाडी बेगलूर माध्यम से नियमित लाभांवित किया गया। इस दौरान माता एवं बच्चे को अतिरिक्त पौष्टिक आहार गरम भोजन, मिल्ट चिक्की, अण्डा से लाभांवित किया जा रहा है। इसी का सकारात्मक परिणाम देखने को मिला है कि बालक लोकेश के वर्तमान समय में वजन 8.200 किग्रा है। जो सामान्य स्तर मे है आज अपने बच्चे की स्थिति मे सुधार को देखे हुए बच्चें के माता पिता और परिवार के सभी सदस्य ने सहानुभूति जताते हुए आभार व्यक्त करते है। पर्यवेक्षक श्रीमती बुटकी मौर्य एवं कार्यकर्ता श्रीमती तारा यादव को समझाईस दिया गया कि लोकेश की माता श्रीमती सिलदई के यहां गृह भेट कर लगातार खाना पाना को ध्यान देने को कहा गया है।
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