कवर्धा नगर पालिका परिषद के वार्ड क्रमांक 19 के हुए उपचुनाव में सत्तादल कांग्रेस ने अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। नेशनल कांग्रेस की प्रत्याशी श्रद्धा नामदेव ने भाजपा की प्रत्याशी शैला ठाकुर को 280 प्रचंड मतों से प्रराजित कर इस वार्ड में कांग्रेस ने अब तक की सबसे बड़ी जीत का रिकार्ड बना लिया है।
इस वार्ड में हुए उपचुनाव के मैदान में कुल चार उम्मीदवार थे। महिला सीट आरक्षित होने की वजह से नारी शक्तियों ने अपना-अपना भाग्य अजमाया। जिसमें कांग्रेस की प्रत्याशी इस उपचुनाव में कांग्रेस से चुनी गई पार्षद श्रद्धा नामदेव को कुल 649 मत मिले है। इसी प्रकार भाजपा की शैली ठाकुर को 369 मत मिले। वही दो निर्दलीय उम्मीदवार उगता सुरज का जमानत जब्त हो गया,उन्हे मात्र तीन मत मिले जबकि दो पत्ती सरिता ठाकुर को सिर्फ 47 मत से संतुष्ठ होना पड़ा।
कांग्रेस की इस एतिहासिक जीत का असर कवर्धा नगर पालिका के अलावा पूरे कवर्धा विधानसभा में गुंज रहा है। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी और जीत का जश्न मनाते हुए मतगणना स्थल पीजी कॉलेज से अपने वार्ड पहुंचे। शहर में ऐसी भी चर्चा आम हो रही है कि प्रदेश सरकार के वरिष्ठ और अनुभवी कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर की लोकप्रियता शहर में भी बरकरार रखने में कांग्रेस सफल हो गई है। वहीं भाजपा के जिला अध्यक्ष्ज्ञ अनिल ठाकुर अपने प्रभावशाली वार्ड को अपने प्रत्याशी शैला ठाकुर को जीत दिलाने में नाकाम रहे। बाते है कि जिला अध्यक्ष अनिल ठाकुर ने जीत का दमभरते हुए अपने मैदान में अपना प्रत्याशी उतारा था।
उल्लखनीय है कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने इसी क्षेत्र से पार्षद से अपना राजनीतिक जीवन की शुरूआत किया था। गुजरेजमाने में यह क्षेत्र वार्ड माँ शीतला वार्ड का हिस्सा हुआ करता था। परिसीमन के बाद यह वार्ड 09 से 14 बना फिर 14 से वार्ड क्रमांक 19 बना। इस वार्ड में डॉ रमन सिंह के बाद से कांग्रेस का गढ़ बन गया। मुख्यमंत्री के 15 वर्ष के कार्यकाल में हालांकि इस वार्ड को कांग्रेस से मुक्त बनाने लिए एड़ी चोटी एक किए पर कांग्रेस से लोकप्रिय पार्षद रहे संतोष नामदेव को हरा नहीं पाए। महिला आरक्षित सीट होने की वहज से वर्ष 2019 में हुए चुनाव में संतोष नामदेव ने अपनी धर्मपत्नी को मैदान में उतारा। उन्होने शानदार जीत हालिस की। इसके बाद उनका अकास्मिक निधन हो गया। इसके बाद वर्ष 2023 में उपचुनाव हुआ। इसमें कांग्रेस से श्रद्धा नामदेव उम्मीदवार रही, उन्होने इस उपचुनाव में जीत के सारे रिकार्ड तोड़ते हुए प्रचंड मत से जीतने को रिकार्ड बना लिया।
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