बीजापुर 13 जनवरी 2023- जिले के भैरमगढ़ विकासखण्ड में संचालित एकीकृत बाल विकास परियोजना भैरमगढ़ के सेक्टर चिहका अंतर्गत आंगनबाडी केन्द्र चिहका.2 मे दर्ज गर्भवती महिला श्रीमती शांति अपने पति के साथ रोजगार के लिए गांव से बाहर चली गई थी। कुछ समय पहले गर्भवती महिला शांति गांव वापस आई। उस समय गर्भवती महिला शांति 7 माह की गर्भावस्था में थी। एएनएम एवं कार्यकर्ता श्रीमती सुचित्रा घोष द्वारा गृहभेट किया गया। साथ ही महिला का स्वास्थ्य कार्ड बनाया गया। उसके बाद महिला का स्वास्थ्य जांच कर टीका लगाया गया। गर्भवती महिला शांति को 26 जुलाई 2022 को मितानिन के माध्यम से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भैरमगढ़ के महतारी एक्स प्रेस 102 गाडी को फोन के माध्यम से सूचना दी गई। शांति को स्वास्थ्य विभाग भैरमगढ़ में ले जाने के बाद हॉपिटल में डॉक्टर एवं नर्स की उपस्थिति में सुरक्षित प्रसव कराया गया। शांति ने जुडवा बच्चों को जन्म दिया। उनका नाम राम और लक्ष्मण है। दोनो बच्चों का क्रमशः वजन 1.400 किग्रा एवं 1.700 किग्रा था। बच्चे का वजन कम होने के साथ-साथ बच्चे गंभीर कुपोषित श्रेणी में थे। जिस वजह से इस स्थिति को देखकर शांति के दोनो बच्चों को दिनांक 27 जुलाई 2022 को बीजापुर जिला हॉपिटल में रिफर किया गया। तत्पश्चात 5 दिनों तक बच्चों का उचित देखरेख किया गया जिससे कुछ सुधार आने पश्चात दिनांक 03 अगस्त 2022 को बच्चों को घर वापस लाया गया इस दौरान जुडवा बच्चों की माता को रेडी टू ईट, अण्डा, चिक्की, दलिया घर पर ही पहुंचाया दिया जाता था। कुछ दिनां बाद कार्यकर्ता के द्वारा बच्चों की माता से गृहभेट किया गया, जिस दौरान मां बहुत कमजोर दिखी। जिससे इस स्थिति के देखते हुए कार्यकर्ता श्रीमती सुचित्रा घोष द्वारा़ स्वास्थ्य केन्द्र भैरमगढ़ ले जाया गया। तथा बच्चों की मां में भी खून कमी देखने को मिली। इनका हीमोग्लोबीन की मात्रा 7.2 प्रतिशत था, फिर माता को ईलाज हेतु जिला बीजापुर रिफर कर दिया गया। ततपश्चात बीजापुर से दंतेवाड़ा ले गये कुछ दिनों बाद माता एवं दोनो बच्चों के स्वास्थ्य में कुछ सुधार आ गया जिसके बाद से आंगनबाडी कार्यकर्ता सुत्रिता घोष एवं मितानिन के द्वारा 2 दिन के भीतर दोनो जुडवा बच्चो का एवं उनकी माता से गृहभेट किया गया। विभाग के योजनांतर्गत आंगनबाडी केन्द्र मिलने वाले सभी पौष्टिक आहार, दलिया, मिल्ट चिक्की, अण्डा एवं गरम भोजन, प्रतिदिन सब्जी खाने से उन्हे लाभांवित करते है। जिससे फलस्वरूप दोनो बच्चों का वर्तमान मे वजन राम 3 किग्रा एवं लक्ष्मण 2.900 किग्रा है। कुपोषण स्तर से निजात दिलाने हेतु शासन स्तर से कई ऐसी योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिससे कुपोषण को दूर करने में काफी योगदान मिले। वर्तमान में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान आंगनबाडी केन्द्रो के माध्यम से संचालित है। कार्यकर्ता के द्वारा शांति को नियमित रूप से आंगनबाडी केन्द्र आने को कहा गया है, आंगनबाडी में मिलने वाले सभी के पौष्टिक आहार खाने को कहा गया। आज दोनो जुडवा बच्चों में एवं उसकी माता के स्वास्थ्य में काफी सुधार आ गया है आंगनबाडी कार्यकर्ता श्रीमती सुत्रिता घोष को सेक्टर पर्यवेक्षक श्रीमती बुटकी मौर्य के द्वारा समाझाइस दिया गया कि नियमित रूप से शांति और उनके दोनो बच्चों का ध्यान रखा जाये और आंगनबाडी केन्द्र के सभी किशोरी बालिकाओं एवं गर्भवती माताओं को पोषण पर विशेष ध्यान रखा जाना है, नियमित गृहभेट करते रहना है।
जुडवा बालक राम-लक्ष्मण को मिला मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का सहारा
नियमित निगरानी गृहभेट और उचित स्वास्थ्य परामर्श से कुपोषण से मिली निजात
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