*छत्तीसगढ़ देश का अकेला राज्य जहां 2640 और 2660 रू. में धान की कीमत*
*धान खरीदी का रिकॉर्ड लक्ष्य अपने दम पर, केंद्र धान खरीदी में 1 पैसे का सहयोग नहीं करता*
रायपुर/31 जनवरी 2023। कांग्रेस की भूपेश सरकार ने धान खरीदी के इस साल 108 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीद कर नया रिकॉर्ड बनाया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि यह भूपेश सरकार की किसानों के हितों के लिये प्रतिबद्धता है। इस वर्ष 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया था। धान खरीदी के अंतिम दिन लक्ष्य के लगभग की खरीदी हो गयी है। टोकन कटाये हुये किसानों के धान की तौलाई अभी चलेगी। अंतिम आंकड़े आते तक 110 लाख का आंकड़ा भी पार हो जायेगा।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार छत्तीसगढ़ के किसानों की धान 2640 रुपए एवं 2660रु के दर पर खरीदी किया गया। धान की इतनी कीमत किसी भाजपा शासित राज्य में किसानों को नहीं मिल रहा है। प्रदेश में धान की कीमत में वृद्धि हो रही है धान पैदा करने वाले किसानों की संख्या बढ़ रही है और धान उत्पादन रकबा भी बढ़ रहा है। भूपेश बघेल की सरकार ने अपने पिछले खरीफ वर्ष में खरीदी की गई धान के रिकॉर्ड को तोड़कर कर चालू खरीफ वर्ष में 108 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी कर चुकी है और प्रदेश के पंजीकृत सभी किसान अपना धान बेच चुके हैं।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बीजेपी शासन काल में छत्तीसगढ में अधिकतम 62 लाख मीट्रिक टन तक ही धान की खरीदी हुई थी, जब से कांग्रेस सरकार आई है प्रदेश में धान खरीदी बढ़ती जा रही है। पिछली बार 98 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी। इस बार यह रिकॉर्ड टूट गया है। ना केवल मात्रा बल्कि किसानों की संख्या भी बढ़ी है। धान की खेती का रकबा 30 लाख़ 10 हज़ार 880 हेक्टेयर हो गया है। भूपेश सरकार समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रति एकड़ 9 हजार रुपए इनपुट सब्सिडी दे रहा है। इससे प्रदेश के किसानों को देशभर में धान का सबसे अधिक कीमत मिल रहा है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि धान खरीदी का रिकॉर्ड लक्ष्य कांग्रेस सरकार ने अपने दम पर हासिल किया है। धान खरीदी में सहयोग तो दूर की बात मोदी सरकार धान खरीदी में अडंगेबाजी करती है। धान खरीदी का पूरा का पूरा पैसा राज्य सरकार के द्वारा वहन किया जाता है। राज्य सरकार मार्कफेड के माध्यम से विभिन्न बैंकों से कर्ज लेकर धान खरीदी करती है। भूपेश सरकार ने जब घोषित समर्थन मूल्य से ज्यादा 2500 रू. धान की कीमत का भुगतान किया तो मोदी सरकार ने सेंट्रल पुल के चावल लेने से मना कर दिया था। तब केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीति के कारण कांग्रेस सरकार को राजीव गांधी किसान न्याय योजना चालू कर किसानों को 9000 प्रति एकड़ एवं 10,000 प्रति एकड़ की इनपुट सब्सिडी दी जा रही है।
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