केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार की भूमिका एक ‘सुविधा प्रदाता’ की है, न कि ‘धमकाने वाली’

Estimated read time 1 min read

डॉ. सिंह ने आज नई दिल्ली में डीओपीटी के तहत सचिवालय प्रशिक्षण और प्रबंध संस्थान (आईएसटीएम) में सहायक अनुभाग अधिकारी (प्रोबेशनर)- 2020 बैच के बुनियादी प्रशिक्षण और संवादात्मक सत्र का उद्घाटन किया

केंद्रीय सचिवालय को केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के संपूर्ण ब्रह्मांड के तौर पर भारत सरकार की कार्यप्रणाली के मुख्य केंद्र के रूप में जाना जाता है

आज बड़ी संख्या में युवा सरकारी कर्मचारी वैज्ञानिक और तकनीकी पृष्ठभूमि से आ रहे हैं, जो तकनीकी विशेषज्ञता की जरूरत वाले विशिष्ट फ्लैगशिप कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने में सरकार की सहायता करेंगे

नई दिल्ली (IMNB). केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमें “अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार” का मंत्र दिया है, जिसका आशय है कि सरकार की भूमिका “सुविधाप्रदाता” की है न कि “धमकाने वाली” की।

मंत्री ने आज नई दिल्ली में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के तहत सचिवालय प्रशिक्षण तथा प्रबंध संस्थान (आईएसटीएम) में सहायक अनुभाग अधिकारी (प्रोबेशनरों) के 2020 बैच के बुनियादी प्रशिक्षण और संवादात्मक सत्र का उद्घाटन किया। इस अवसर पर डीओपीटी की सचिव श्रीमती एस. राधा चौहान सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002JANV.jpg

डॉ. जितेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में इसका उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने ‘अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार’ के मंत्र के जरिए बाधाओं और रूकावटों को दूर करके सरकारी कर्मियों के साथ-साथ आम आदमी के लिए चीजों को सुगम बनाया है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने पिछले 8 वर्षों में  लगभग 2000 कानूनों को समाप्त कर दिया है, जो अप्रचलित हो गए थे।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आम तौर पर केंद्रीय सचिवालय को केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के संपूर्ण ब्रह्मांड के तौर पर भारत सरकार की कार्यप्रणाली के मुख्य केंद्र के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि सचिवालय की प्राथमिक जिम्मेदारी समय-समय पर नीति निर्माण, कार्यान्वयन, समीक्षा और ऐसी नीतियों में संशोधन के संबंध में राजनीतिक कार्यपालिका की सहायता व सलाह देना है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने इसका उल्लेख किया कि बड़ी संख्या में युवा सरकारी कर्मी वैज्ञानिक और तकनीकी पृष्ठभूमि से आ रहे हैं, जो ड्रोन, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से संबंधित विशेष फ्लैगशिप कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने में सरकार की सहायता करेंगे। इन कार्यक्रमों लिए तकनीकी विशेषज्ञता की जरूरत होती है और यह युवाओं को बढ़त प्रदान करता है, क्योंकि आज पूरी सरकार प्रौद्योगिकी-संचालित हो गई है। उन्होंने आगे कहा कि इससे सीएसएस-नागरिकों की जरूरतों के आकलन के लिए तकनीकी जानकार होना, योजनाओं/कार्यक्रमों की रियल टाइम निगरानी और सेवाओं की स्मार्ट डिलीवरी के लिए अत्याधुनिक तकनीक के उपयोग के संबंध में बदलती भूमिकाओं को अपनाने में भी सहायता प्राप्त होगी।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image003Y8MD.jpg

इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने सरकार में शामिल होने वाली महिलाओं की बढ़ती संख्या की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि महिलाएं केवल सहभागी होने की जगह नेतृत्व की भूमिका में आ गई हैं।

डॉ. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी नए भारत का निर्माण कर राष्ट्रीय रूपांतरण का नेतृत्व कर रहे हैं, जहां हर नागरिक का कल्याण राष्ट्रीय योजना और कार्यक्रमों के केंद्र में है और ये सरकार के नागरिक-केंद्रित होने के विचार से प्रेरित हैं। उन्होंने आगे कहा कि नागरिक कल्याण न केवल सरकार के लिए प्रमुख संवैधानिक शासनादेश है, बल्कि यह सरकार के एक सहभागी रूप को सुनिश्चित करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्र हर स्तर पर प्रत्येक सरकारी कर्मचारी के ऊपर भारी निवेश करता है और यह उनके लिए संस्थानों में सीखने के साथ-साथ नौकरी पर सावधानीपूर्वक ध्यान केंद्रित करके अपनी क्षमताओं के निर्माण करने का अवसर है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री मोदी की बातों का उल्लेख किया जिन्होंने हमेशा इस पर जोर दिया है कि सरकारी सेवा एक “सेवा” है न कि “नौकरी” क्योंकि, इससे मिलने वाली संतुष्टि को सांसारिक रूप से नहीं मापा जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकारी क्षेत्र में कर्मचारियों के पास आम आदमी को प्रभावित करने वाली नीतियों के माध्यम से लोगों की सेवा करने का अवसर, शासनादेश और साधन होते हैं।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image004AQAH.jpg

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत सरकार हर एक अधिकारी की प्रशिक्षण जरूरतों को उच्च प्राथमिकता देती है और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इसने लोक सेवा क्षमता निर्माण या मिशन कर्मयोगी (प्रारंभ) के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम को लागू करना भी शुरू कर चुकी है। इसका उद्देश्य “भूमिका-आधारित” शिक्षण के प्रमुख सिद्धांत के आधार पर सभी सरकारी अधिकारियों के लिए विश्व स्तरीय क्षमता निर्माण के अवसर उत्पन्न करना है। उन्होंने कहा कि युवा अधिकारी इस बात की सराहना करेंगे कि पहले के नियम आधारित कार्यक्रमों में प्रशिक्षण के अभ्यास की तुलना में भूमिका आधारित शिक्षण उन्हें सीधे अपनी भूमिका को प्रभावी ढंग से निभाने के लिए सशक्त बनाती है।

डॉ. सिंह ने बताया कि कई अन्य महत्वपूर्ण कार्यों जैसे कि कानूनों, नियमों और विनियमों के प्रारूप तैयार करने, क्षेत्रीय योजना व कार्यक्रम तैयार करने और बजटीय नियंत्रण का अभ्यास करने के संबंध में सचिवालय की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि चूंकि अब वे सरकारी तंत्र का हिस्सा हैं, इसलिए इस मशीनरी को उनके इनपुट व ज्ञान की जरूरत है।

****

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours