अत्यंत रचनात्मक और ऐतिहासिक बजट के लिये केन्द्रीय वित्त मंत्री को बधाई
वित्त मंत्री श्री देवड़ा ने केन्द्रीय बजट में किये गये प्रावधानों को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि अब कृषि क्षेत्र का स्वर्णिम काल आने वाला है। भारत को मिलेट का वैश्विक केन्द्र बनाने का कदम अत्यंत रचनात्मक पहल है। इससे गरीब किसानों की आर्थिक समृद्धि का मार्ग तय होगा। कृषि गतिवर्धक कोष की स्थापना से मध्यप्रदेश जैसे राज्यों को लाभ होगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र में उदयमिता को प्रोत्साहन मिल रहा है। इस कदम से मध्यप्रदेश में कृषि क्षेत्र के स्टार्ट अप को प्रोत्साहन मिलेगा। वित्त मंत्री श्री देवड़ा ने कहा कि महिलाओं की शक्ति का सम्मान करते हुए केंद्र सरकार ने महिलाओं को बड़ा तोहफा देते हुए महिला सम्मान बचत पत्र योजना शुरू करने की घोषणा का स्वागत है। इसमें महिलाओं को 2 लाख की बचत पर 7.5 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा।
वित्त मंत्री ने पंचायत स्तर पर पुस्तकालय खोलने के लिये राज्यों को प्रोत्साहित करने के कदम को ऐतिहासिक बताया और कहा कि बच्चों और किशोरों के लिये राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकाल की स्थापना से मध्यप्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ने की संस्कृति की नींव मजबूत करने में मदद मिलेगी।
श्री देवड़ा ने कहा कि अधो-संरचना और निवेश के लिये किये गये बजट प्रावधानों से मध्यप्रदेश का आर्थिक परिददृश्य तेजी से सुधरेगा। उन्होंने कहा कि पूँजीगत निवेश व्यय को बढ़ा कर 10 लाख करोड़ करने और अधो-संरचना निवेश बढ़ाने के लिये राज्य सरकारों को 50 वर्ष तक ब्याज रहित ऋण जारी रखने का कदम अनूठा और जनहितकारी है। इससे रोजगार निर्माण की संभावनाएँ भी बढ़ेंगी।
वित्त मंत्री ने ई-कोर्ट के तीसरे चरण की शुरूआत की प्रसंशा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में शुरू हुए ई-कोर्ट परियोजना की देश में आदर्श माडल के रूप में प्रसंशा हुई है। इस कदम से मध्यप्रदेश को लाभ होगा। उन्होंने कहाकि “एक-जिला-एक-उत्पाद” को आगे बढाते हुए यूनिटी माल स्थापित करने से राज्यों को लाभ होगा। मध्यप्रदेश में इसकी भरपूर संभावनाएँ हैं। अब संस्थागत व्यवस्था मिलने से सभी जिलों की अपनी पहचान बनेगी और निर्माताओं सहित हितग्राहियों को लाभ मिलेगा।
वित्त मंत्री श्री देवड़ा ने कहा कि राजकोषीय प्रबंधन की दृष्टि से यह बजट महत्वपूर्ण है। राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3.5 प्रतिशत किया गया है। इससे मध्यप्रदेश जैसे तेजी से प्रगति कर रहे राज्यों को विकास के विभिन्न क्षेत्रों में सुधार लाने मे मदद मिलेगी। करों के संबंध में आम करदाता नागरिकों को भरपूर राहत मिली है। आयकर छूट के लिये आय सीमा को 5 लाख से बढ़ा कर 7 लाख करते हुए केन्द्र सरकार ने नागरिकों को राहत पहुँचाने का काम किया है। वेतन और पेंशन भोगी श्रेणी के करदाताओं के लिये मानक कटौती के लाभ की नई कर व्यवस्था उपयोगी साबित होगी। इसके अलावा उदयोगों को मिलने वाले कर लाभों को भी सरल बना कर राहत पहुँचाई गई है। इससे स्टार्ट अप्को लाभ मिलेगा।
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