*मुख्यमंत्री के बयान में अपनी मंशा जोड़ना भाजपा नेता की स्तरहीन हरकत है*
रायपुर/ 03 फरवरी 2023। भाजपा के नेता बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री के बयान को लेकर झूठ बोला है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि उन्होंने दुर्भावनापूर्वक मुख्यमंत्री के बयान को लेकर गलत ढंग से पेश किया। मुख्यमंत्री ने जो नही कहा बृजमोहन वह कह रहे है। मुख्यमंत्री के बयान में अपनी मंशा जोड़ना भाजपा नेता की स्तरहीन हरकत है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री यह कहा है कि रामायण की समीक्षा होनी चाहिये। जबकि मुख्यमंत्री कही भी ऐसा कोई बयान नही दिया। मुख्यमंत्री ने यह कहा कि रामचरित मानस का रामायण का, भगवान राम के चरित्र का हर व्यक्ति को अध्यन करना चाहिये। उनसे प्रेणा लेनी चाहिये। रामचरित मानस, रामायण लोगों में जागरूकता फैलाती है और लोगों चरित्र का निर्माण करती है। मुख्यमंत्री ने रामायण, रामचरित्र मानस तथा भगवान राम के चरित्र का बखान करते हुये कहा कि हर व्यक्ति को रामचरित्र मानस का पाठ करना चाहिये।बृजमोहन अग्रवाल और भाजपा के नेता सत्ता हाथ से जाने के बाद बौखला गये है और अपना मानसिक संतुलन खो बैठै है और गलतबयानी करके निम्न स्तर की राजनीति कर रहे है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुद्दो के दिवालियेपन जूझ रहे भाजपा के नेता अब कांग्रेस नेताओं के नाम पर झूठ परोस कर जनता में भ्रम फैलाकर अपनी राजनीति करना चाह रहे। बृजमोहन अग्रवाल के द्वारा मुख्यमंत्री का नाम लेकर झूठ परोसा जाना सर्वथा अनुचित और निंदनीय कदम है बृजमोहन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा देश करोड़ो हिंदुओं से माफी मांगे। उन्होंने सस्ता प्रचार पाने के लिये रामायण का अपमान किया है वे अपनी मंशा दूसरे के नाम से प्रचारित करना चाहते है उन्होंने हिन्दू समाज का अपमान किया है।
*मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से चर्चा करते हुये कहा कि* सब रामायण की अपने अनुसार व्याख्या करते है जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन तैसी बात रामायण के बारे में है, श्री राम के बारे में है, भगवान राम को आप किस रूप मे देखे कोई राम राम बोलता है कोई मरा मरा बोलता है क्या अंतर पड़ता है। दोनों राम है दूसरी बात रामायण के मामलें में बात करे तो किसी धर्म के, दर्शन के किसी समय लिखा गया है आज के समय में आज की स्थिति में पूर्ण विवेचना करना चाहिये और सूक्ष्म से सूक्ष्म तथ्यों को विचार करके ग्रहण करना चाहिये। साढ़े 6 सौ साल पहले रामायण लिखा गया और वाल्मीकि रामायण बहुत पहले लिखा गया रामायण की रचना अनेकों कितने भाषाओं में हुयी है। जो उसमें मूल तत्व है उनकी विवेचना करिये उसमे सूक्ष्म तत्व उसको ग्रहण करिये जो आज आपके लिये जरूरी है। ये जो वाद विवाद कर रहे वो गलत है रामायण की जो अच्छी चीजे है उसे ग्रहण कर लीजिये उसमें आप जो नही जानते उसे छोड़ दीजिये चौपाई है दोहा है उसमे जो मूल तत्व उसको ग्रहण करिये। हर बात प्रत्येक व्यक्ति के लिये सत्य नही हो सकता। उसमें एक चौपाई एक दोहा है उसे आप अपने प्रकार से देखेंगे सब एक चीज है आप किसी रूप में देखते है। आप सब्जी खाते है करेला कड़वा होता है कि किसी को पसंद आता है किसी को नही। किसी को मीठा पसंद है किसी को नही ऐसी हर आदमी का नेचर अलग रहता है।
गोस्वामी तुलसीदास जी ने जो रामायण की रचना किया था वह क्रांतिकारी कदम था उस समय उनका भी विरोध हुआ था। बनारस में आप देखेंगे तो उनको रहने की जगह नही गयी थी उन्होंने खुद लिखा था ‘‘मांगि के खैबे मसीत में सोइबे’’ गोस्वामी जी तुलसीदास ने जब स्थानीय भाषा में लिखना शुरू किये तो सारे लोग विरोध करना शुरू कर दिये अवधी, में लिखे उसका विरोध शुरू हुआ। कितना आलोचना और प्रताड़ना सहना पड़ा। तब जाके तुलसीदास ने रामचरित्र मानस की रचना किया। उस समय वह क्रांतिकारी कदम था कि श्री राम को घर- घर पहुंचाने का काम तुलसीदास ने किया। संत महात्मा ने जो किया उसको समझिये आप लोग ये छोटे-छोटे विवाद पैदा करके वोट की राजनीति कर रहे।
सुशील आनंद शुक्ला
अध्यक्ष कांग्रेस संचार विभाग
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी
+ There are no comments
Add yours