रायपुर । एल आई सी के कर्मचारी, अधिकारियों के संयुक मंच ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर उनसे हिडनबर्ग रिसर्च के खुलासे के बाद अदानी समूह में भारतीय जीवन बीमा निगम के निवेश के संबध में बीमा धारकों का पैसा सुरक्षित होने आश्वस्त करते हुए कांग्रेस पार्टी द्वारा 6 फरवरी को निगम के कार्यालयों के समक्ष प्रदर्शन के आव्हान पर आगे न बढ़ने का आग्रह किया है । AIIEA के संयुक्त सचिव धर्मराज महापात्र ने यह जानकारी देते हुए बताया कि एल आई सी के प्रथम श्रेणी अधिकारी संघ के राष्ट्रीय महासचिव एस राजकुमार, एन एफ आई एफ डब्ल्यू आई के महासचिव विवेक सिंह, AIIEA के महासचिव श्रीकांत मिश्रा, AILICEF के महासचिव राजेश कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष को निम्न पत्र लिखा है ।
“”जब से अमेरिका स्थित शार्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदानी समूह पर एक दोषारोपनात्मक रिपोर्ट प्रकाशित की है, तब से आम लोगों के एक बड़े वर्ग और राजनीतिक दलों ने एल आई सी के अदानी समुह के संभावित कंपनियां उसके उच्च जोखिम एवं मध्यम वर्ग के भारतीयों के बचत को वे कैसे जोखिम में डाल सकती है उस पर अपनी चिंता व्यक्त की है। एक जिम्मेदार ट्रेड यूनियनों के रूप में एल आई सी के कार्यबल के भारी बहुमत का प्रतिनिधित्व करने और पालिसी धारकों तथा बड़े पैमाने पर आम लोगों के हितों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध होने के नाते , हम इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करना चाहते हैं।
हम सार्वजनिक क्षेत्र, आम लोगों और अर्थव्यवस्था की कीमत पर किसी भी व्यावसायिक समूह को राजनीतिक संरक्षण देने के खिलाफ हैं। हमे लगता है कि सरकार को हिडनबर्ग रिपोर्ट द्वारा लगाए गए आरोपों की निष्पक्ष जांच कर सच्चाई का पता लगाना चाहिए।
अदानी समूह की कंपनियों में एल आई सी के जोखिम और लाखों भारतीयों की गाढ़ी कमाई पर इसके संभावित प्रभाव के मुद्दे पर ,हम यह बताना चाहेंगे कि एल आई सी एक दीर्धकालिक निवेशक है और निवेश के फैसले दीर्धकालिक लाभों और पालिसी धारकों के हितों को ध्यान में रखते हुए लिए जाते हैं। एल आई सी संसद के एक अधिनियम के तहत बनाई गई एक वैधानिक संस्था है, इसलिए इसके सभी निवेश के निर्णय संसदीय जांच और नियामक पर्यवेक्षण के अधीन हैं। इसके अलावा , एल आई सी का एक निवेश बोर्ड है और निवेश पर निर्णय पूरी तरह से जांच के बाद बोर्ड द्वारा लिए जाते हैं। एल आई सी की निवेश नीति यह है कि इसका 80% निवेश सरकारी प्रतिभूतियों या बांड जैसे सुरक्षित साधनों में किया जाता है । इक्विटी में मुश्किल से 20% निवेश किया जाता है । इसलिए पालिसी धारकों द्वारा निवेश किया गया फंड बिल्कुल सुरक्षित है ।
अदानी समूह में निवेश और एल आई सी को होने वाले संभावित नुकसान के बारे में हमें यह स्पष्ट करना होगा कि यह नुकसान केवल काल्पनिक है , वास्तविक नही है । एल आई सी ने बाजार में अदानी समूह के किसी भी शेयर को बेचा नही है जिससे कोई नुकसान हुआ हो । एल आई सी ने 30 जनवरी 2023 के अपने प्रेस वक्तव्य के माध्यम से पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है की अदानी समूह की कंपनियों में कुल 36,474.78 करोड़ रुपए के निवेश के मुकाबले, वर्तमान बाजार मूल्य 56,142 करोड़ रूपए है ।
इस प्रकार एल आई सी ने अदानी समूह में अपने निवेश पर लगभग 20,000 करोड़ रूपए का अनुमानित लाभ कमाया है , हालांकि, लाभ उतना ही अनुमानित है जितना अनुमानित नुकसान है ।
प्रति वर्ष , एल आई सी लगभग 4.5 से 5 लाख करोड़ का निवेश योग्य अधिशेष उत्पन्न करता है पालिसी धारकों को रिटर्न देने के लिए इस पैसे का एक हिस्सा ब्लू चिप कंपनियों में समझदारी से निवेश करना होगा । इसे निष्क्रिय नही रखा जा सकता है । अदानी समूह के मामले में, कुल कुल इक्विटी, निवेश का लगभग 7% है । यह ध्यान दिया जाना
चाहिए कि एल आई सी के पास अदानी समूह की कम्पनियों के कुल बाजार पूंजीकरण का 3.91% है , जबकि टाटा और रिलायंस समूह की कंपनियों में इसकी हिस्सेदारी क्रमश: 3.98% और 6.45% से कहीं अधिक है।
एल आई सी पहले भी सार्वजनिक जांच के दायरे में आया था ,खासकर ओ एन जी सी और आई डी बी आई बैंक में शेयरों की खरीद के समय । लेकिन एल आई सी ने ओ एन जी सी के शेयरों पर साफ मुनाफा कमाया और यह भी सुनिश्चित किया कि आई डी बी आई एक लाभदायक संस्थान में बदल जाय । एल आई सी और बैंको जैसे अन्य निवेशकों के बीच अंतर यह है कि एल आई सी एक दीर्घकालिक निवेशक है जबकि बैंक नही । एल आई सी की सालवेंसी मार्जिन जरूरत से कहीं ज्यादा है । एल आई सी की सुंदरता यह है कि सभी देनदारियां को संपत्ति के बुक वेल्यू से कवर किया जाता है , बाजार मूल्य से भी नही ।इसलिए लोगों का निवेश बिल्कुल सुरक्षित है ।
एल आई सी का लोगों की मेहनत की कमाई से संसाधनों को जुटाने में छह दशकों से अधिक का बेदाग ट्रेक रिकार्ड है, जिससे उसने पूरे देश की प्रगति सुनिश्चित करते हुए उनकी जमा राशि पर अच्छा रिटर्न और पूर्ण सुरक्षा मिलती है। इसे देखते हुए , हम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से देश की बेहतरीन सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थान के हित में 6 फरवरी को एल आई सी कार्यालयों के सामने निर्धारित राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों को आगे नहीं बढ़ने का अनुरोध करते हैं ।
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