केन्द्रीय बजट 2023-24 पर विशेषज्ञों द्वारा प्रदेश के बजट के लिए दिया प्रस्तुतिकरण
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था को सुदृढ़ करने में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने विशेषज्ञों को प्रदेश के बजट के लिए सुझाव देने के लिए धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से प्रगति कर रहा है। कृषि के साथ अन्य क्षेत्रों पर भी ध्यान दिया जा रहा है। केन्द्रीय बजट की देश में सराहना हुई है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भारत सरकार से बजट में मिली राशि का प्रदेश में बेहतर उपयोग किया जाएगा। संबंधित विभागों द्वारा विशेषज्ञों के सुझाव का ध्यान रखा जाये। ग्रामीणों को गाँव में ही रोजगार दिलाने की हमारी प्राथमिकता है। इस साल 48 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि अधो-संरचना विकास पर खर्च की जाएगी। इसके लिए ग्रामीणों और युवाओं को प्रशिक्षित करेंगे। सहरिया, बैगा, भारिया जनजाति की बहनों के खातों में प्रतिमाह एक हजार रुपए अंतरित करने से कुपोषण दूर करने के प्रयासों में सफलता मिली है। महिला पंचायत में मिले सुझावों को लागू किया गया है। भारत सरकार के बजट में प्रावधानों का अधिकतम लाभ उठाने की हमारी कोशिश रहेगी। सभी विभाग इस पर वर्कआउट शुरु करें। प्रदेश का बजट प्रधानमंत्री जी के संकल्पों को पूरा करने वाला होगा। आगामी बजट मूल आवश्यकताओं को पूरा करने वाला और प्रदेश को ऊँचाइयों पर ले जाने वाला होगा।
प्रो. सचिन चतुवेर्दी ने कहा कि प्रदेश के आगामी बजट को बनाने में केन्द्रीय बजट 2023-24 पर अर्थशास्त्रियों द्वारा विशेष समीक्षा महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश दूरदर्शिता के साथ बजट में प्रावधान करेगा। मध्यप्रदेश में लगातार प्रगति हो रही है। भारत सरकार ने मत्स्य-पालन को बजट में प्राथमिकता दी है। मध्यप्रदेश के बजट में भी इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए। शहरों के विकास, कृषि एवं ग्रामीण आदि बिन्दुओं पर प्रस्तुतिकरण दिया गया।
डॉ. एन.आर. भानुमूर्ति, कुलपति, डॉ. अम्बेडकर स्कूल ऑफ इकॉनोमिक्स बैंगलुरु, डॉ. अजीत रानाडे अध्यक्ष और मुख्य अर्थशास्त्री आदित्य बिड़ला समूह, प्रो. शामिका रवि पूर्व सदस्य प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद और प्रो. सचिन चतुवेर्दी उपाध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान ने प्रस्तुतिकरण दिया। विशेषज्ञों द्वारा लघु उद्योगों को बढ़ावा, मनरेगा के लिए प्रावधान, रोजगार बढ़ाने, प्रोत्साहन राशि, वित्तीय घाटा कम करने, प्राइवेट सेक्टर का इन्वेस्टमेंट बढ़ाने, स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार, महिलाओं और बच्चों का पोषण के लिए विशेष इंतजाम करने के सुझाव दिए गए।
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