*आधे आंकड़े पेश करने के लिए माफी कब मांग रहे हैं भूपेश*
रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद अरुण साव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समर्थन मूल्य को लेकर किये गए दावे पर 2009 से लेकर 2014 तक हुई खरीदी के भुगतान और भाजपा शासन काल में 2014 से अब तक हुए भुगतान के आंकड़े पेश करने की चुनौती पर खामोशी ओढ़ लेने पर मुख्यमंत्री पर आंकड़ों के आधार पर हमला बोलते हुए कहा है कि कांग्रेस सरकार किसानों के साथ छल करने के लिए माफी मांगे।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि कांग्रेस डर गई है। सच को छुपा रही है। इसलिए अब हम वह आंकड़े जारी कर रहे हैं। यूपीए शासन में 2009 से 2014 तक एमएसपी की कुल खरीद पर केवल 4.50 लाख करोड़ रुपये का भुगतान हुआ जबकि मोदी सरकार में 2014 से 2022 तक 14.25 लाख करोड़ का भुगतान हुआ। धान खरीदी पर यूपीए शासन में 09 से 14 तक केवल लगभग 3 लाख करोड़ का भुगतान हुआ जबकि मोदी सरकार में लगभग 9 लाख करोड़ का भुगतान हुआ। एमएसपी पर खरीद का लाभ लेने वाले किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 2018 में 1.71 करोड़, 2019 में 2.04 करोड़, 2020 में 2.10 करोड़। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कुछ तथ्य इस प्रकार हैं। उन्होंने कहा कि एमएसपी का सच तो यह है कि मोदी सरकार एमएसपी पर खरीदी के नए-नए रिकॉर्ड बना रही है और अधिक से अधिक किसानों को एमएसपी से लाभान्वित करने का भी रिकॉर्ड बना है। एमएसपी के रूप में किसानों को इतना पैसा दिया है कि पहले कभी किसी भी सरकार ने सोचा भी नहीं होगा।हर साल एमएसपी का दायरा बढ़ रहा है। इसका लाभ लेने वाले किसानों की संख्या बढ़ रही है। धान, गेहूं, तिलहन और दलहन की खरीद में हर साल भारी वृद्धि हो रही है।कृषि विकास और किसान कल्याण सर्वोच्च प्राथमिकता
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष साव ने कहा कि मोदी सरकार ने अपने एजेंडे में कृषि और किसान को सबसे ऊपर रखा है। इसीलिए पहली बार किसानों को खेती के लिए सीधे उनके बैंक अकाउंट में मदद दी जा रही है। किसानों को पहली बार पद्म पुरस्कार से नवाजा गया है। देश में लगभग 10 करोड़ छोटे किसानों की समस्याओं और उनकी चुनौतियों को दूर करने के लिए मोदी सरकार ने बीज, बीमा, बाजार और बचत पर चहुंओर काम किया है। सरकार ने अच्छी क्वालिटी के बीज का वितरण किया। किसानों को नीम का कोट किया हुआ यूरिया दिया। अब तरल नैनो यूरिया की फैक्टरी लगायी जा रही है।फसल बीमा योजना को अधिक प्रभावी बनाया गया है। ज्यादा किसानों को इसके दायरे में लाया गया। आपदा के समय किसानों को अधिक मुआवजा दिलाने के लिए पुराने नियम बदले गए। पिछले चार वर्षों में किसानों को एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा मिला है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत लगभग 11.74 करोड़ किसानों को सीधे उनके बैंक खाते में लगभग 2.25 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए, जिससे उनकी खेती-किसानी की जरूरतें पूरी हो सकें। किसानों को 22 करोड़ स्वायल हेल्थ कार्ड वितरित किए गए। इस अभियान से कृषि उत्पादन भी बढ़ा है। मोदी सरकार का कृषि बजट पांच गुना बढ़ गया है। हर वर्ष कृषि पर 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा रहे हैं।
1 लाख करोड़ रुपये का कृषि बुनियादी ढांचा फंड (एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड) है, जिसके माध्यम से गांव और खेत के नजदीक भंडारण की व्यवस्था की जा रही है। कृषि उपकरण जैसी अनेक सुविधाएं दी जा रही हैं।
छोटे किसानों की ताकत बढ़ाने किसान उत्पादन संगठन बनाने आदि पर 7 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। माइक्रो इरिगेशन फंड में 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी गयी, जो पहले से दोगुना है। मोदी सरकार ने 2023 के दौरान किसानों को 20 लाख करोड़ तक ऋण बांटने का लक्ष्य रखा है। 20 लाख क्रेडिट कार्ड वितरित किए जाएंगे। अब पशुपालन और मछलीपालन से जुड़े किसानों को भी क्रेडिट कार्ड का लाभ मिल रहा है। अब तक 1.70 करोड़ से अधिक किसान और 1.63 लाख व्यापारी ई-नाम प्लेटफार्म पर पंजीकृत हुए हैं।
सरकार ने अब तक देश की 585 मंडियों को ई-नाम के तहत जोड़ा है। सरकार की योजना इस साल 200 एवं अगले साल 215 और मंडियों को इससे जोड़ने की है।देश भर में करीब 2,700 कृषि उपज मंडियां और 4,000 उप-बाजार हैं।
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