*कांग्रेस विधानसभा में स्वीकार कर चुकी है कि धान खरीदी राज्य एजेंसी के रूप में करता है: भाजपा*
*केंद्र ने चावल खरीदकर राज्य को कितना रुपया दिया सार्वजनिक करे कांग्रेस:अरुण साव*
*हिम्मत है तो जनता को सच बतायें, बारदाने से लेकर परिवहन तक सारा पैसा देती है केंद्र सरकार*
*धान खरीदी के 16 आने में राज्य का सिर्फ 1आना, भूपेश बंद करें अपना झूठा गाना*
रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ,सांसद अरुण साव ने कहा है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर केंद्र सरकार द्वारा किए जाने वाले भुगतान को लेकर राज्य सरकार ने आंकड़े जारी करने की चुनौती स्वीकार नहीं की। क्योंकि राज्य सरकार ने भ्रामक जानकारी दी थी। कांग्रेस जनता को सत्य बताने की हिम्मत नहीं जुटा सकी तो उन्होंने राष्ट्रीय परिपेक्ष की जगह राज्य के आंकड़े जारी किए हैं।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने फिर एक चुनौती दी है कि कांग्रेस में दम है तो बताए कि धान का कितना पैसा उन्होंने किसानों को दिया और उसी धान से बना चावल खरीदकर केंद्र ने कितना पैसा दिया? उन्होंने कहा कि आंकड़े जारी किए तो मालूम हो जायेगा की धान खरीदी के सोलह आने में से मात्र 1आना राज्य सरकार दे रही है। केंद्र सरकार धान खरीदी के लिए बारदाने से लेकर परिवहन तक सभी व्यय वहन करती है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि भूपेश बघेल केंद्र का चंदन घिसकर खुद को सुगंधीलाल साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस केंद्र सरकार के पैसों से वाहवाही लूटना बंद करे और आंकड़े जारी करे कि छत्तीसगढ़ के किसानों को केंद्र सरकार कितना पैसा दे रही है और कांग्रेस की भूपेश सरकार कितना पैसा दे रही है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों का 61 लाख मैट्रिक टन चावल जो लगभग 90 से 95 लाख मैट्रिक टन धान होता है। उसे केंद्र की मोदी सरकार खरीद रही है। कांग्रेस आंकड़े जारी करने की चुनौती स्वीकार करे और बताए कि केंद्र ने चावल खरीद कर कितना रुपया दिया और इस वर्ष कितना देने वाली है उन्होंने कहा केंद्र द्वारा दी जा रही राशि पर वाहवाही लूटना कांग्रेस की आदत बन चुकी है।
राज्य सरकार बार-बार झूठ कहती है कि धान का एक भी रुपया केंद्र नहीं देता जबकि विधानसभा में स्वयं वह स्वीकार कर चुकी है कि राज्य एक एजेंसी के रूप में ही धान की खरीदारी करता है यहां तक की मंत्री अमरजीत भगत ने तो विधानसभा में यह राशि भी बताई थी कांग्रेस में दम है तो आंकड़े जनता के सामने रखें।
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