काला दिवस : गांव-गांव में जले बजट के पुतले, किसान सभा ने कहा — बजट कॉरपोरेटों का, अंगूठा मोदी का

Estimated read time 1 min read

कोरबा। अखिल भारतीय किसान सभा और खेत मजदूर यूनियन के देशव्यापी आह्वान पर कोरबा में छत्तीसगढ़ किसान सभा ने जन विरोधी केंद्रीय बजट के खिलाफ गंगानगर, मड़वाढोढा,पुरैना समेत कई गांवों में प्रदर्शन और पुतला दहन करते हुए ‘काला दिवस’ मनाया।

छत्तीसगढ़ किसान सभा के जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर और जिला सचिव प्रशांत झा विरोध प्रदर्शनों के इन कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हुए कहा कि यह बजट कॉरपोरेटों ने, कॉरपोरेटों द्वारा, कॉरपोरेटों के लिए बनाया है, जिस पर मोदी सरकार ने केवल अंगूठा लगाया है। इसीलिए इस बजट में न तो आम जनता की क्रय शक्ति को बढ़ाने का उपाय है, न सामाजिक क्षेत्र में निवेश बढ़ाकर रोजगार सृजन की चिंता। उल्टे मनरेगा, खाद्य सब्सिडी, उर्वरक सब्सिडी, बीमा, सिंचाई, कृषि, श्रम और अन्य सभी सामाजिक क्षेत्रों में पिछले वर्ष के बजट की तुलना में इस वर्ष भारी कटौती की गई है और कॉरपोरेटों को टैक्स में छूट ही दी गई है। इसके साथ ही खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राशन दुकानों से मिलने वाले 5 किलो सस्ते अनाज से भी वंचित कर दिया गया है। इससे देश की जनता और बदहाल होगी।

किसान सभा नेताओं मोदी सरकार पर देश के किसान आंदोलन से सरकार ने विश्वासघात करने का आरोप लगाते हुए कहा कि स्वामीनाथन आयोग के आधार पर फसल का लाभकारी मूल्य देने के वादे पर अब सरकार ने चुप्पी ही साध ली है, जबकि पिछले पांच सालों में किसानों की आय दुगुनी होने के बजाय और गिर गई है। इन नवउदारवादी नीतियों के कारण देश कॉर्पोरेट इंडिया और तड़पते भारत में विभाजित हो गया है।

उन्होंने कहा कि हाल ही में जारी ऑक्सफैम की रिपोर्ट मोदी सरकार के ‘सबका विकास’ के दावे की पोल खोल देती है। आर्थिक असमानता का स्तर इतना बढ़ गया है कि एक ओर 1% अमीरों के हाथ मे देश की 40% संपत्ति जमा हो गई है और इस संपत्ति में हर मिनट 2.5 करोड़ रुपयों की वृद्धि हो रही है, वहीं वैश्विक गरीबी सूचकांक में देश 107वें स्थान पर आकर खड़ा हो गया है।

उन्होंने बताया कि मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ फरवरी के पूरे माह अभियान चलाया जाएगा।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours