नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत सरकारी अस्पतालों में एटीएफ की स्थापना एक विशेष पहल है: डॉ वीरेंद्र कुमार, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री
एटीएफ पहल और नशा मुक्त भारत अभियान प्रशंसनीय प्रयास हैं और इसका प्रभाव सकारात्मक होगा: श्री नित्यानंद राय, राज्य मंत्री (गृह)
मादक पदार्थों के उपयोग के खिलाफ संदेश फैलाने के लिए 3.08 करोड़ से ज्यादा युवाओं ने एनएमबीए की गतिविधियों में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया है
नई दिल्ली (IMNB). केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने आज नई दिल्ली के डॉ अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में आयोजित एक समारोह में 25 व्यसन उपचार सुविधाओं (एटीएफ) को देश को समर्पित किया।
इस कार्यक्रम में सचिव, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, एनसीबी के महानिदेशक और एम्स के निदेशक भी उपस्थित हुए। इसमें सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ, एम्स, नई दिल्ली के डॉक्टरों और अन्य चिकित्साकर्मी, स्वस्थ हो चुके लोग, एनसीसी कैडेट, अस्पतालों के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और डीसी/डीएम और एसपी सहित जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी संबंधित एटीएफ में व्यक्तिगत रूप से शामिल हुए।
इस अवसर पर केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने बताया कि भारत सरकार ड्रग डिमांड रिडक्शन (एनएपीडीडीआर) के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना लागू कर रही है, जो एक अम्ब्रेला योजना है जिसके अंतर्गत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को निवारक शिक्षा एवं जागरूकता निर्माण, क्षमता निर्माण, कौशल विकास, व्यावसायिक प्रशिक्षण और नशा के शिकार रह चुके लोगों को आजीविका सहायता, राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा नशीली दवाओं की मांग में कमी लाने वाले कार्यक्रम और गैर-सरकारी संगठनों/वीओ को नशेड़ियों के लिए एकीकृत पुनर्वास केन्द्रों (आईआरसीए) का संचालन और रखरखाव करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) के अंतर्गत सरकारी अस्पतालों में एटीएफ स्थापित करना एक विशेष पहल है।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के विभिन्न पहलों की सराहना करते हुए, राज्य मंत्री (गृह) श्री नित्यानंद राय ने कहा कि “एटीएफ पहल और नशा मुक्त भारत अभियान प्रशंसनीय प्रयास हैं और इनके माध्यम से सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।”
नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से अब तक 9.45 करोड़ से ज्यादा लोगों तक पहुंचा जा चुका है। 372 चिन्हित जिलों में अभियान का नेतृत्व करने के लिए लगभग 8,000 स्वयंसेवकों का चयन किया गया है और उन्हें प्रशिक्षित किया गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 3.08 करोड़ से ज्यादा युवाओं ने मादक पदार्थों का उपयोग करने के खिलाफ संदेश फैलाने के लिए अभियान की गतिविधियों में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया है।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार ने महत्वाकांक्षी नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) की शुरूआत की है, जो वर्तमान में देश के 372 जिलों में चल रहा है, जिसका उद्देश्य उच्च शिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालय परिसरों, स्कूलों में युवाओं के बीच पदार्थों का सेवन करने के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता उत्पन्न करना और समुदाय तक पहुंचना और सामुदायिक भागीदारी प्राप्त करना है।
इस बात को ध्यान में रखते हुए कि भारत में शराब और नशीले पदार्थों की लत से प्रभावित लोगों की एक बड़ी आबादी है और व्यसन उपचार के लिए सेवाओं की आनुपातिक रूप से कमी है, एमओएसजेई ने व्यसन उपचार सुविधा (एटीएफ) कार्यक्रम की शुरूआत की है। इस कार्यक्रम का समन्वय राष्ट्रीय औषधि निर्भरता उपचार केंद्र (एनडीडीटीसी), एम्स, नई दिल्ली द्वारा किया जा रहा है।
एमओएसजेई ने देश के कुछ जिलों की पहचान की है जिन्हें एटीएफ स्थापित करने के लिए प्राथमिकता वाला जिला के रूप में चिन्हित किया गया है। मंत्रालय की योजना एटीएफ कार्यक्रम के अंतर्गत कम से कम 125 जिलों को शामिल करने की है।
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