लोगों को सन्मार्ग पर चलने और व्यसनमुक्त जीवन के लिए प्रेरणा दें धर्म-स्थल – मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

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मुख्यमंत्री श्री चौहान मंडला के गजरथ महोत्सव में वर्चुअली शामिल हुए

भोपाल(IMNB). मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जो दूसरों को जीते वह वीर, जो अपने आप को जीते वह महावीर, जो महावीर वही जितेन्द्रिय, जो जितेन्द्रिय वह जिन और जो जिन वही जैन है। मुख्यमंत्री श्री चौहान मंडला जिले के नैनपुर तहसील के ग्राम पिंडरई में हो रहे जैन समाज के गजरथ महोत्सव में मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन से वर्चुअली सम्मिलित हुए और गुजरात गौरव परम पूज्य निग्रंथ भट्टारक आचार्य श्री 108 जय सागर जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिनालय, मंदिर तथा अन्य धर्म स्थान, आस्था के केन्द्र हैं। यही समाज को दिशा देने और व्यक्तियों को सन्मार्ग पर चलाने के लिए उपयुक्त मार्गदर्शन देने का कार्य कर रहे हैं। लोगों को सद्बुद्धि मिले, वे व्यसन मुक्त जीवन व्यतीत करें, इस दिशा में विशेष प्रयास की आवश्यकता है। भौतिकता की अग्नि में दग्ध मानवता को शांति मार्ग का दिग्दर्शन भारत ही कराएगा और इस कार्य के लिए जय सागर जी महाराज जैसे प्रभावी व्यक्तित्वों की देश को आवश्यकता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में गरीब, महिला और बेटियों के लिए संचालित विभिन्न योजना, कार्यक्रम और प्रदेश में आरंभ होने वाली लाड़ली बहना योजना की जानकारी दी।

आचार्य जय सागर जी महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में गरीब कल्याण, बेटी बचाओ तथा स्वच्छता के क्षेत्र में प्रभावशाली कार्य जारी है। समाज सेवा और जन-कल्याण के लिए प्रदेश में संचालित जन-कल्याणकारी कार्यक्रमों के लिए मुख्यमंत्री श्री चौहान सराहना के पात्र हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान देश के सबसे अधिक लोकप्रिय मुख्यमंत्रियों में से एक हैं।

मंडला के पिंडरई में पंच कल्याणक गजरथ महोत्सव 5 फरवरी से आरंभ हुआ है। महोत्सव में भगवान के जन्म से लेकर मोक्ष तक के जीवन-काल के विषय में चर्चा की जाती है। गजरथ में भगवान नए मंदिर के निर्माण के बाद नगर भ्रमण करते हैं, जिसमें हाथियों की सवारी के माध्यम से रथ निकाला जाता है। कार्यक्रम में पुलक सागर जी, मंडला विधायक श्री देवसिंह सैयाम, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती श्रद्धा प्रणय जैन और सामाजिक कार्यकर्ता श्री प्रमोद सिंघई विशेष रूप से उपिस्थत थे।

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