जनजातीय समाज को विकास की दौड़ में पीछे नहीं रहने देंगे
पेसा नियम संबंधी जिला एवं ब्लॉक समन्वयक प्रशिक्षण कार्यशाला
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मुझे खुशी है कि आपने बेहतर शिक्षा प्राप्त करने के बाद पेसा को-आर्डिनेटर बनने का मन बनाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति हो रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री भू-अधिकार और लाड़ली लक्ष्मी योजना सहित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में लाड़ली बहना योजना बनाई गई है। कुपोषण का स्तर घटाने और बहनों को सशक्त बनाने में यह योजना कारगर सिद्ध होगी। इस योजना में गरीब परिवार की बहनों के खाते में एक हजार रूपए महीना देंगे। बहनें सशक्त होंगी तो परिवार, प्रदेश और देश सशक्त होगा। लोगों की जिंदगी बदलने के लिए ही पेसा नियम बनाया गया है। जनजातीय भाई-बहनों की जमीन अब छल-कपट से कोई हड़प नहीं सकेगा। बाहर से आने वाले लोगों को ग्रामसभा में जानकारी देना होगी। जनजातीय वर्ग का वनोपज पर हक होगा तो उनका आर्थिक सशक्तीकरण भी होगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कार्यशाला के प्रतिभागी अन्य लोगों को प्रशिक्षित और प्रोत्साहित करें। पेसा नियमों को ढंग से पढ़ कर गाँव में लोगों को समझाये। उन्होंने कहा कि यह अपने हक और समाज को जोड़ने का अभियान है। युवाओं की ताकत खड़ी करनी है। आपको मौका मिला है तो मन में तड़प और ललक के साथ कार्य करें। इससे बड़ा पुण्य का कार्य कोई नहीं है। पेसा के साथ अन्य योजनाओं को भी आप समझ लें, जिससे लोगों को समझा सकें। हमने तय किया है कि बैगा, भारिया, सहरिया जनजाति के लोगों को गाय और भैंस दी जाएंगी, योजना में 90 प्रतिशत राशि सरकार देगी।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की इस कार्यशाला में 14 जिला और 70 ब्लॉक समन्वयक शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी जिला समन्वयकों का परिचय प्राप्त किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पूछा कि पेसा कोआर्डिनेटर बनने के पीछे आपकी सोच क्या है। प्रशिक्षणार्थियों ने अपने विचारों से अवगत कराया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ग्रुप फोटो खिंचवाकर सभी का उत्साहवर्धन किया।
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