तीन फेज में होंगे प्रोजेक्ट के कार्य
पर्यावरण और नर्मदा संरक्षण का रखा जायेगा पूरा ध्यान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रोजेक्ट के फंडिंग स्ट्रक्चर की जानकारी देते हुए कहा कि प्रोजेक्ट को फेजेज में किया जाये। प्रथम फेज लगभग 200 करोड़ रूपये का होगा। इसमें घाटों का उन्नयन और साफ-सफाई, नर्मदा बफर जोन में वृक्षा-रोपण, बायो-डायवर्सिटी, लेंड स्केप, लोक- प्रसाधन इत्यादि को शामिल किया गया है। उन्होंने प्रथम फेस का कार्य शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रोजेक्ट के दूसरे फेज में 400 करोड़ रूपये से नर्मदा-पथ सहित अन्य विकास कार्य किये जाना हैं। इसमें नर्मदा ग्राम, नर्मदा वाटिका और 15 किलोमीटर का नर्मदा-पथ भी होगा। साथ ही नर्मदा रिसर्च सेंटर, बायो-डायवर्सिटी कंजर्वेशन, वॉटर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम, बायोरेमेडिएशन, पार्किंग आदि शामिल हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रोजेक्ट का थर्ड फेस अनुमानित 300 करोड़ रूपये का होगा। इसमें फेज 1 और 2 के घटकों को शामिल करते हुए घाटों के डेवलपमेंट एवं कंजर्वेशन क्षेत्र में कार्य कर रही एजेंसी से प्रस्ताव तैयार करवाये जायेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नमामि नर्मदे प्रोजेक्ट में लगभग 1042 करोड़ रूपए की लागत आएगी। नोडल विभाग और जिला प्रशासन इस काम को गति दें। उन्होंने कहा कि नर्मदा के किनारे 300 मीटर क्षेत्र में निर्माण को लेकर हाई कोर्ट के जो निर्देश है, उसके संबंध में हाई कोर्ट को पत्र लिखा जाये और इस कार्य में एडवोकेट जनरल समन्वय करें।
कलेक्टर श्री सौरभ कुमार सुमन ने बताया कि ग्वारीघाट से लेकर भेड़ाघाट तक नमामि नर्मदे प्रोजेक्ट के तहत विकास किया जाएगा, जिसमें 17 घाट हैं। नर्मदा जी के संरक्षण- संवर्धन एवं उनके किनारे स्थित घाटों के उन्नयन के साथ उनको जोड़ने के लिए नर्मदा पथ के विकास का कार्य किया जाएगा। नर्मदा के संरक्षण, संवर्धन एवं उन्नयन के लिए ऐसे घटकों का उपयोग किया जाएगा जो पर्यावरण के अनुकूल होंगे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान के जबलपुर प्रवास के दौरान नर्मदा कॉरिडोर बनाने की घोषणा की थी, जिसके तारतम्य में आज उन्होंने इस संबंध में जबलपुर प्रवास पर संबंधित अधिकारियों से वर्चुअल चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिए।
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