लावा रे लावा बिल व्हाउचर लावा ईयर एंडिंग आई गवा ….
बजट वजट सब निपटा डालो भैया पैसा वापस नही होना चाहिए ,वरना बड़े साहब खटिया खड़ी कर देंगे । नवा साल लगते ही बजट खत्म करने की कवायद चालू हो जाती है 27 – 28 फरवरी के आस पास चेक ट्रेजरी में जमा हो जाएगा फिर लगाओ ट्रेजरी और ट्रेजरी वाले साहब के चक्कर फालतू में । ये जुमला हर साल फरवरी लगते ही आम हो जाता है । पैसों के दुरुपयोग करने का कुम्भ है ये फरवरी और मार्च महीना । इन दो महीनोे में अक्सर कुछ कार्यालयों में जाने का सुअवसर मिल ही जाता है । इन दिनों साहब और बाबू तो सत्र समाप्ति की जादूगरी में व्यस्त रहते है ,जो काम और फण्ड 10 महीने फ़ाइल चलने ,बार बार मांग पत्र भेजने मंत्रालय , मंत्री और संतरी के चक्कर पर चक्कर लगाने पर भी नहीं आता ,वो अचानक किसी चमत्कार के चलते फरवरी के अंतिम दिनों में लेप्स होने के डर से पंहुचता है ,साथ मे कोटेशन, सप्लाई आर्डर ,सिफारिशी पत्र या फोन भी पहुच ही जाता है । फलाने जी फलाने फलाने साहब के , मंत्री जी के या संत्री जी के काफी करीबी है उनके खास आदमी है देख लीजिएगा और फिर आश्चर्य जनक रूप से फाइलों को पंख लग जाते है ,रिकार्ड तोड़ चंद घंटो में ही फाईल मंत्रालय , ऑफिस, कलेक्टरेट और ट्रेजरी तक की टेबलों में बुलट ट्रेन से भी तेज रफ्तार में दौड़ पड़ती है । धरातल पर काम हो या ना हो, स्टोर में समान भले ही ना पहुंचे पर कागज और फाईलो में सब ओके हो जाता है । फाईलो पर अफसरान की चिड़िया बैठ जाती है , पैसा भी लगभग पूरा खर्च कर ही दिया जाता है और सबके हिस्से की पुड़िया भी ईमानदारी से पंहुच जाती है ।अफसर , अधिकारी ,बाबू और कर्मचारियों की इस कर्मठता और मेहनत और कार्य के प्रति तत्परता व ईमानदारी के लिए तो सरकारो और उनके नुमाइंदों का नाम तो गिनीज बुक में दर्ज़ होना ही चाहिए । जितनी रकम सरकार के नुमाइंदे 11 माह में खर्च नहीं कर पाते उससे ज्यादा तो साल के अंतिम सप्ताह में खर्च हो जाता है जो गिनीज रिकार्ड से कम नही है । साहब विकास के लिए बाधक फंड रोकू साहबो और बाबुओं के यहाँ सर्जिकल स्ट्राईक कब होगी ?
चलते चलते :-
अगर माफी मांगने का मन करे तो आना जरूर, मगर मैं माफ कर दूंगा ये सोच कर मत आना।
चंद्र शेखर शर्मा (पत्रकार) 9425522015
#जय_हो 16 फरवरी 2023 कवर्धा (छत्तीसगढ़)
+ There are no comments
Add yours