दुर्ग 17 फरवरी 2023/ दिव्यांगता प्रमाणपत्र बनाने अभी तक पंद्रह दिनों का समय लगता था। जिला अस्पताल में विशेषज्ञ रिपोर्ट देते थे और फिर प्रमाणपत्र बनने समाज कल्याण विभाग जाता था। अब समाज कल्याण विभाग के कर्मचारी अस्पताल से ही इसे जारी करेंगे। आज जिला अस्पताल के निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्री पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने यह व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा। कलेक्टर ने कहा कि दिव्यांग व्यक्ति को इससे सुविधा होगी। प्रमाणपत्र के लिए दो-तीन बार आने जाने में इन्हें काफी असुविधा होती है। कलेक्टर ने अस्पताल के फार्मासिस्ट से दवाइयों की उपलब्धता के संबंध में भी पूछा। उन्होंने कहा कि दवाओं की उपलब्धता बेहद जरूरी है। जिन दवाओं की ज्यादा माँग होती है उनके जल्दी समाप्त होने की आशंका बनी रहती है। ऐसे में दवाओं के डिमांड के आधार पर सूची बनाकर रख लें यदि शासन से आपूर्ति के पूर्व ही इनका स्टाक समाप्त हो जाए तो इन्हें स्थानीय स्तर से क्रय किया जा सकता है ताकि हर स्थिति में मरीज को दवा मिल पाए। कलेक्टर के निरीक्षण के दौरान दुर्ग निगम आयुक्त श्री रोहित व्यास, सीएमएचओ डा. जेपी मेश्राम, सिविल सर्जन डा. योगेश शर्मा, जीवनदीप समिति के पदाधिकारी श्री दिलीप ठाकुर सहित अन्य चिकित्सक उपस्थित रहे।
सर्वश्रेष्ठ हॉस्पिटल बनेगा जिला अस्पताल, 10 करोड़ रुपये की लागत से होगा सुविधाओं का विस्तार- जिला अस्पताल में सुविधाओं को बढ़ाने तथा इसे कारपोरेट हॉस्पिटल की तर्ज पर बनाने 10 करोड़ रुपये की कार्ययोजना बनाई गई है। इसके चलते जिला अस्पताल सर्वश्रेष्ठ हॉस्पिटल के रूप में तैयार होगा और मरीजों को बेहतरीन उपचार मिल सकेगा।
ब्लड डोनेशन कैंप लगाए जाएंगे- कलेक्टर ने ब्लड बैंक का निरीक्षण भी किया। यहां की व्यवस्था से उन्होंने संतुष्टि जाहिर की और स्टाफ की प्रशंसा की। कलेक्टर ने कहा कि ब्लड बैंक में रक्त की उपलब्धता के लिए नियमित रूप से कैंप लगाना जरूरी है। सेवाभावी लोग इनमें बड़ी संख्या में हिस्सा लेते हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकारी विभागों में भी कैंप लगाए जाएंगे और महाविद्यालयों में भी कैंप लगेंगे।
गेट के पास दीवार पर पाई गई पीक, जुर्माना लगाने कहा- कलेक्टर ने साफसफाई का विशेष ध्यान रखने के लिए हास्पिटल स्टाफ को कहा। अस्पताल के गेट के पास दीवारों में पीक दिखी। इस पर कलेक्टर ने सुरक्षाकर्मियों को कहा कि इस तरह की गतिविधि पाये जाने पर तुरंत सूचना हास्पिटल प्रबंधन को दें, इन पर जुर्माना लगाया जाएगा। बेडशीट बदलने की फ्रिक्वेंसी भी उन्होंने पूछी। उन्होंने कहा कि बेडशीड बदलने की आवृत्ति जल्दी जल्दी होनी चाहिए। अस्पताल ऐसा परिसर होता है जहां पूरी तरह से हाइजिन के मानक रखने होते हैं। इसे सुनिश्चित करें।
चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ की प्रशंसा- कलेक्टर ने जिला अस्पताल के चिकित्सकों एवं मेडिकल स्टाफ की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि बीते महीनों में जिला अस्पताल में ऐसी जटिल सर्जरी हुई हैं जिन्हें महानगरों में ही किया जा सकता है। यह सबके आपके लगन और निष्ठा की वजह से हो पाया है। इस क्षेत्र में सर्वोत्तम काम करने वाले चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ का सम्मान भी किया जाएगा।
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