केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि हमारे पारिस्थितिक संतुलन को बहाल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में 12 चीतों को दक्षिण अफ्रीका से भारत लाया जा रहा है। ये चीते आज भारत पहुंच जाएंगे File Photo
नई दिल्ली (IMNB)। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि हमारे पारिस्थितिक संतुलन को बहाल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में 12 चीतों को दक्षिण अफ्रीका से भारत लाया जा रहा है। ये चीते आज भारत पहुंच जाएंगे। भारतीय वायु सेना के गैलेक्सी ग्लोबमास्टर सी17 पर 12 चीतों को बीते दिन लादकर देश लाया जा रहा है। विमान के आज सुबह करीब 10 बजे मध्य प्रदेश के ग्वालियर पहुंचने की उम्मीद है।
भारतीय वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर मालवाहक विमान दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को लेकर आ रहा है। ये सभी चीते आज भारत पहुंचेंगे। 12 चीतों में से सात नर और पांच मादा हैं। चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में रखा जाएगा। इससे पहले भारत में चीतों की समुचित संख्या सुनिश्चित करने में सहयोग देने के लिए दक्षिण अफ्रीका ने भारत के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे।
बता दें कि इससे पहले, नामीबिया से आठ चीतों को लाया गया था जिसे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर, 2022 को अपने जन्मदिन के अवसर पर कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। बता दें कि 1952 में भारत सरकार ने चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया था। 71 वर्षों बाद चीतों को मोदी सरकार की पलक से बसाया जाना देश के वन्य जीवन के इतिहास में एक नए युग की शुरूआत है।
भारत सरकार की महत्त्वाकांक्षी परियोजना प्रोजेक्ट चीता के तहत वन्य प्रजातियों विशेषकर चीतों के संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में सहयोग देने के लिए अंतरराष्ट्रीय यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) के दिशा-निर्देशों के अनुसार भारत में चीतों को फिर से बसाया जा रहा है।
सभी चीतों में लगाए गए रेडियो कॉलर
एसपी यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में दक्षिण अफ्रीका से लाए जा रहे 12 अफ्रीकी चीतों के लिए व्यवस्था की जा रही है ताकि बाघों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने आगे बताया कि चीतों को दक्षिण अफ्रीका से कूनो नेशनल पार्क लाने के बाद उनके सभी स्वास्थ्य की जांच की जाएगी और फिर उन्हें एक महीने के लिए क्वारंटाइन में रखा जाएगा। सभी चीतों में रेडियो कॉलर लगाए गए हैं और सैटेलाइट से निगरानी की जा रही है। इसके साथ ही प्रत्येक चीते के पीछे एक टीम को 24 घंटे निगरानी के लिए रखा गया है।
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