‘प्रौद्योगिकी का उपयोग करके जीवन आसान बनाना’ पर बजट के बाद के वेबिनार में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ

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New Delhi (IMNB).

नमस्कार।

National Science Day पर हो रहे आज के बजट वेबिनार का विषय बहुत ही महत्वपूर्ण है। 21वीं सदी का बदलता हुआ भारत, अपने नागरिकों को Technology की ताकत से लगातार नागरिकों को Empower कर रहा है। बीते वर्षों में हमारी सरकार के हर बजट में, Technology की मदद से देशवासियों की Ease of Living बढ़ाने पर जोर दिया गया है। इस बार के बजट में भी Technology लेकिन साथ-साथ Human Touch को प्राथमिकता यह हमारा प्रयास हुआ है।

साथियों, एक जमाना था, जब हमारे देश में सरकार की प्राथमिकताओं में बहुत ज्यादा विरोधाभास नजर आता था। समाज का एक वर्ग ऐसा था, जो चाहता था कि उनके जीवन में हर कदम पर सरकार का कोई न कोई intervention हो, सरकार का प्रभाव हो, यानी सरकार उनके लिए कुछ न कुछ करे। लेकिन पहले की सरकारों के समय इस वर्ग ने हमेशा अभाव ही महसूस किया। अभाव में जिंदगी जूझने में ही निकल जाती थी। समाज में ऐसे लोगों का भी वर्ग था, यह दूसरे प्रकार का था। जो स्वयं के सामर्थ्य से आगे बढ़ना चाहता था, लेकिन पहले की सरकारों के समय ये वर्ग भी हमेशा दबाव, सरकारी दखल भांति-भांति की रूकावटें डगर-डगर पर महसूस करता रहा। हमारी सरकार के बीते कुछ वर्षों के प्रयासों से अब ये स्थिति बदलने लगी है। आज सरकार की नीतियों और निर्णयों का सकारात्मक प्रभाव हर उस जगह दिखने लगा है जहां इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।

हमारा प्रयास हर गरीब और वंचित के जीवन को आसान बना रहा है, उनकी Ease of Living बढ़ा रहा है। लोगों के जीवन में सरकार का दखल और दबाव भी कम हो गया है। आज लोग सरकार को रास्ते की रुकावट नहीं मानते। बल्कि लोग हमारी सरकार को नए अवसरों के catalyst के तौर पर देखते हैं। और निश्चित तौर पर इसमें Technology की बहुत बड़ी भूमिका रही है।

आप देखिए, Technology, वन नेशन-वन राशन कार्ड का आधार बनी और इससे करोड़ों गरीबों को पारदर्शिता से राशन मिलना सुनिश्चित हुआ। और दूसरे जो प्रवासी मजदूर होते हैं। जो माइग्रेनट लेबरल्‍स होते हैं, उनके लिए तो एक बहुत बड़ा आशीर्वाद बन गया। Technology, जनधन अकाउंट, आधार और मोबाइल इन तीनों के कारण करोड़ों गरीबों के बैंक खातों में सीधे पैसा भेजना संभव हुआ।

उसी प्रकार से Technology, आरोग्य सेतु औऱ कोविन एप उसका एक महत्‍वपूर्ण साधन बनी और इससे कोरोना के दौरान ट्रेसिंग और वैक्‍सीनेशन में बड़ी मदद मिली। हम देखते हैं आज Technology ने रेलवे रिजर्वेशन को और आधुनिक बनाया और सामान्य से सामान्‍य मानवी का इसमें कितना बड़ा सिरदर्द दूर हो गया है। कॉमन सर्विस सेंटर का नेटवर्क भी गरीब से गरीब व्‍यक्ति को Technology के माध्‍यम से सरकारी सेवाओं से बड़ी आसानी से जोड़ रहा है। ऐसे अनेक फैसले लेकर हमारी सरकार ने देशवासियों की Ease of Living बढ़ाई है।

साथियों, आज भारत का हर नागरिक इस बदलाव को स्पष्ट तौर पर महसूस कर रहा है कि अब सरकार के साथ संवाद करना कितना आसान हो गया है। यानी सरकार तक देशवासी, आसानी से अपनी बात पहुंचा पा रहे हैं, और उसका समाधान भी उन्हें तुरंत मिल रहा है। जैसे, टैक्स से संबंधित शिकायतें पहले बहुत ज्यादा होती थीं, और उसके कारण उसके माध्यम से Taxpayers को कई तरीके से परेशान किया जाता था। इसलिए हमने Technology की मदद से टैक्स की पूरी प्रक्रिया को Faceless कर दिया। अब आपकी शिकायतों और उसके निपटारे के बीच कोई व्यक्ति नहीं सिर्फ Technology है। ये मैंने आपको एक उदाहरण दिया है। लेकिन दूसरे विभागों में भी टेक्नॉलजी की मदद से हम ज्यादा बेहतर तरीके से समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। अलग-अलग विभाग अपनी सेवाओं को Global Standard का बनाने के लिए मिलकर टेक्नॉलजी का उपयोग कर सकते हैं। इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए, हम उन क्षेत्रों की भी पहचान कर सकते हैं जहां सरकार से संवाद को और आसान बनाया जा सकता है।

साथियों, आप जानते हैं कि हम मिशन कर्मयोगी के द्वारा सरकारी कर्मचारियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं। इस ट्रेनिंग के पीछे हमारा उद्देश्य यही है कि कर्मचारियों को citizen-centric बनाया जाए। इस ट्रेनिंग कोर्स को अपडेट करते रहने की जरूरत है। लेकिन इसका बेहतर परिणाम तभी मिलेगा जब इसमें बदलाव लोगों के फीडबैक के आधार पर हो। हम एक ऐसा सिस्टम तैयार कर सकते हैं जिससे ट्रेनिंग कोर्स को बेहतर बनाने के लिए लोगों के सुझाव मिलते रहें।

साथियों, Technology, हर किसी तक सही और सटीक इन्फॉर्मेशन पहुंचाकर सबको आगे बढ़ने का समान अवसर दे रही है। हमारी सरकार टेक्नॉलजी को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर Invest कर रही है। हम भारत में आधुनिक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहे हैं। साथ ही ये भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि डिजिटल क्रांति का फायदा समाज के हर वर्ग तक पहुंचे। आज GeM पोर्टल ने दूर-दराज के छोटे दुकानदार या रेहड़ी-पटरी वालों को भी ये अवसर दिया है कि वो सरकार को सीधे अपना प्रोडक्ट बेच सकें। e-NAM ने किसानों को अलग-अलग जगहों के खरीदारों से जुड़ने का अवसर दिया है। अब किसान एक ही जगह रहते हुए अपनी उपज का सबसे अच्छा मूल्य पा सकते हैं।

साथियों, आजकल 5G और AI की चर्चा तो काफी दिनों से हो रही है। ये भी कहा जा रहा है कि इंडस्ट्री, मेडिसिन, एजुकेशन, एग्रीकल्चर और तमाम सेक्टर में बड़े बदलाव आने वाले हैं। लेकिन अब हमें अपने लिए कुछ विशेष लक्ष्य तय करने होंगे। वो कौन से तरीके हैं जिससे इस टेक्नॉलजी का उपयोग सामान्य मानवी की बेहतरी के लिए किया जा सकता है? वो कौन से सेक्टर्स हैं जिन पर हमें ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है? क्या हम समाज की 10 ऐसी समस्याओं की पहचान कर सकते हैं, जिनका समाधान AI के माध्यम से हो सकता है? जब हैकेतऑन करते हैं देश के नौजवानों के सामने टेक्‍नोलॉजी के द्वारा solution की बात करते हैं और लाखों नौजवान जुड़ते हैं और बहुत अच्‍छे solution देते हैं।

साथियों, टेक्नॉलजी की मदद से हम, हर व्यक्ति के लिए डिजिलॉकर की सुविधा लेकर आए हैं, अब Digilocker for entities की सुविधा है। यहां कंपनियां, MSME अपनी फाइलों को स्टोर कर सकते हैं, और उसे विभिन्न रेगुलेटर्स और सरकारी विभागों के साथ साझा कर सकते हैं। डिजिलॉकर के कॉन्सेप्ट को और विस्तार देने की जरूरत है, हमें देखना होगा कि और किस तरीके से लोगों तक इसका फायदा पहुंचाया जा सकता है।

साथियों, पिछले कुछ वर्षों में हमने MSME को सपोर्ट करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस बात पर मंथन की जरूरत है कि भारत के लघु उद्योगों को बड़ी कंपनी बनने में कौन-कौन सी बाधाएं आती हैं? हम छोटे व्यवसायों और छोटे उद्योगों के लिए compliance cost को कम करना चाहते हैं। आप जानते हैं कि बिजनेस में कहा जाता है कि time is money. इसलिए compliance में लगने वाले समय की बचत का मतलब है compliance cost की बचत। अगर आप अनावश्यक compliances की लिस्ट बनाना चाहते हैं, तो यही सही समय है, क्योंकि हम पहले ही 40 हजार compliances खत्म कर चुके हैं।

साथियों, सरकार और लोगों के बीच विश्वास की कमी गुलामी की मानसिकता का परिणाम है। लेकिन आज छोटी गलतियों को de-criminalize करके, और MSME लोन के गारंटर के तौर पर सरकार ने लोगों का भरोसा जीता है। लेकिन हमें रुकना नहीं है, हमें ये भी देखना होगा कि दुनिया के दूसरे देशों में समाज के साथ विश्वास मजबूत करने के लिए क्या किया गया है। हम उनसे सीखकर अपने देश में भी वैसे प्रयास कर सकते हैं।

साथियों, बजट या किसी सरकारी पॉलिसी की सफलता कुछ हद तक इस बात पर निर्भर करती है कि उसे कितने अच्छे तरीके से तैयार किया गया है। लेकिन इससे ज्यादा उसे लागू करने का तरीका महत्वपूर्ण होता है, इसमें लोगों का सहयोग बहुत अहम है। मुझे विश्वास है कि, आप सभी stakeholders के इनपुट से Ease of Living को और ज्यादा बढ़ावा मिलेगा। और मैं यह जरूर कहना चाहूंगा कि हम यह कहते हैं कि मैन्‍यूफैक्‍चरिंग हब बनाना है। जीरो डिफेक्‍ट, जीरो इफेक्‍ट यह हमारे लिए प्राथमिकता होनी चाहिए। हमारी क्‍वालिटी में कोई कॉम्‍प्रमाइज नहीं होना चाहिए। और उसमें टेक्‍नोलॉजी बहुत मदद कर सकती है। हम टेक्‍नोलॉजी की मदद से प्रोडक्‍शन में बहुत बारीकियों तक बहुत ही finish way में प्रोडक्‍ट ले करके आ सकते हैं। और तभी ग्‍लोबल मार्केट हम कैप्‍चर कर सकते हैं।

हमें इस बात को स्‍वीकार करना होगा कि 21वीं सदी टेक्‍नोलॉजी ड्रिवन है। जीवन में टेक्‍नोलॉजी का प्रभाव बहुत बढ़ने वाला है। हम सिर्फ अपने आप को इंटरनेट और डिजिटल टेक्‍नोलॉजी तक सीमित न रखे। उसी प्रकार से आज जैसे ऑप्‍टीकल फाइबर नेटवर्क गांव-गांव पहुंच रहा है। पंचायत तक पहुंचेगा, वेलनेस सेंटर पहुंचेगा, टेनी मेडिसन चलेगी, even health sector भी पूरी तरह टेक्‍नोलॉजी ड्रिवन हो रहा है। आज देश बहुत बड़ी मात्रा में जैसे डिफेंस में हम बहुत कुछ आयात करते हैं। हम हेल्‍थ में भी बहुत कुछ आयात करते हैं। क्‍या मेरे देश के उद्योग जगत के लोग टेक्‍नोलॉजी में upgradation करके उस दिशा में नहीं जा सकते हैं। और इसलिए अब जैसे ऑपटिकल फाइबर गांव-गांव पहुंच रहा है।

जब तक प्राइवेट पार्टी सेवाएं लेने के लिए नहीं आती हैं, नए-नए सॉफ्टवेयर ले करके नहीं आतें हैं। सामान्‍य नागरिक उस ऑपटिकल फाइबर से क्‍या सेवाएं ले सकता है, क्‍या फायदा उठा सकता है। उसके मॉडल को हम डेवलप कर सकते हैं। और हम सब कुछ में जन भागीदारी चाहते हैं। सरकार को ही सब ज्ञान है यह न हमारी सोच है न हमारा दावा है। और इसलिए आप सभी stakeholders से मेरा बहुत आग्रह है कि आप 21वीं सदी जो कि टेक्‍नोलॉजी ड्रीवन सदी है उसको हम जितना जल्‍दी फैलाएं, जितना जल्‍दी सरल बनाएं, जितना जल्‍दी जन सामान्‍य को empower करने वाला बनाए, उतना देश का भी, लोगों का भी कल्‍याण होने वाला है और 2047 में विकसित भारत के लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने में टेक्‍नोलॉजी हमें बहुत बड़ी ताकत देती है। और हम भाग्‍यवान है कि भारत के पास natural gift है।

हमारे पास talented youth हैं, Skill Menpower है। और भारत के गांव के लोगों को भी टेक्‍नोलॉजी का एडप्‍शन की capability बहुत बड़ी है। हम कैसे इसका फायदा उठाएं, मैं चाहता हूं कि आप लोग विस्‍तार से इसकी चर्चा करे, बारीकियों से चर्चा करें और जो बजट आया है उसका उत्‍तम से उत्‍तम आउट कम कैसे हो, उसका उत्‍तम से उत्‍तम लाभ लोगों तक कैसे पहुंचे। इस पर आपकी चर्चा जितनी गहन होगी, यह बजट सार्थक होगा।

मैं आपको बहुत शुभकामनाएं देता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद।

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