(विधान सभा समाचार)उद्योग विभाग की मनमानी से नहीं मिल रहा स्थायी पूंजी निवेश अनुदान, बाधित हो रहा औद्योगिक विकास, रेणु जोगी

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उद्योग विभाग की मनमानी से नहीं मिल रहा स्थायी पूंजी निवेश अनुदान, बाधित हो रहा औद्योगिक विकास
 
– जेसीसीजे सुप्रीमो और कोटा विधायक डॉ. रेणु जोगी ने विधानसभा में उद्योग मंत्री को घेरा
– नियमों की मनमानी व्याख्या कर उद्योग विभाग उत्पादन दिनांक के बाद नहीं दे रहा स्थायी पूंजी निवेश अनुदान
– औद्योगिक नीति के तहत उत्पादन दिनांक के बाद सूक्ष्म और लघु उद्योगों को 6 माह, मध्यम उद्योगों को 12 माह, वृहद को 18 माह और मेगा – अल्ट्रा मेगा उद्योगों को 24 माह तक स्थायी पूंजी निवेश अनुदान मिलना है
– प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए पिछले 2 सत्रों से लगातार डॉ. रेणु जोगी उठा रही है आवाज़
– जब मूल नीति में संशोधन हो चुका है तो उसके आधार पर बने सभी नियम स्वमेव संशोधित माने जाने चाहिए: डॉ. रेणु जोगी
– इस वर्ष स्वीकृत अनुदान में से 114 करोड़ आबंटित होना बकाया
– 4 जिलों में स्वीकृत अनुदान में से एक रुपया भी अभी तक नहीं मिला
– डॉ. रेणु जोगी के सवालों में घिरे उद्योग मंत्री लखमा के स्थान पर मंत्री मोहम्मद अकबर ने दिया जवाब, विपक्ष ने उठाई आपत्ति
– पिछले सत्र में मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विधायक जोगी लिख चुकी हैं विधानसभा अध्यक्ष को पत्र
 
रायपुर (03.03.2023) अप्रैल 2021 से जनवरी 2023 तक रायपुर, जांजगीर – चांपा, और बलौदाबाजार जिलों में किसी भी सूक्ष्म और लघु उद्योग को उत्पादन दिनांक से 6 माह बाद का स्थायी पूंजी निवेश अनुदान स्वीकृत नहीं हुआ है। जबकि इस अवधि में किसी भी जिले में मध्यम उद्योग को उत्पादन दिनांक से 12 माह तक का स्थायी पूंजी निवेश स्वीकृत नहीं हुआ है। वहीं अप्रैल 2022 से जनवरी 2023 तक छत्तीसगढ़ में उद्योगों को लगभग 188 करोड़ का स्थायी पूंजी निवेश अनुदान स्वीकृत हुआ है जबकि इसमें से लगभग 114 करोड़ रूपए का अनुदान वितरित होना बाकी है। कुछ जिले जैसे महासमुंद, बालोद, बलौदाबाजार, गौरेला – पेंड्रा – मरवाही में उद्योगों को स्वीकृत अनुदान में से एक रूपए का भी वितरण नहीं हुआ है। वितरण नहीं होने के पीछे मंत्री ने बजट आबंटन नहीं होने की बात कही।
 
यह पूरा मामला कोटा विधायक और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) की सुप्रीमो डॉ. रेणु जोगी द्वारा विधानसभा में पूछे गए प्रश्न से प्रकाश में आया। डॉ. रेणु जोगी ने इसके पहले शीतकालीन सत्र 2022 में भी 03 जनवरी 2023 को उद्योग मंत्री से पूछा था कि क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को उत्पादन दिनांक से 6 और 12 माह तक स्थायी पूंजी  दिया जा रहा है? जिसका जवाब मंत्री ने हाँ में दिया था। इसी प्रश्न का संदर्भ देते हुए आज डॉ. जोगी ने विधानसभा में मंत्री से उत्पादन दिनांक के बाद अनुदान प्राप्त उद्योगों की सूची मांगी थी। डॉ. रेणु जोगी के पूरक सवालों में उद्योग मंत्री कवासी लखमा ऐसा घिरे कि उन्होंने प्रश्नों का जवाब देने के लिए मंत्री मोहम्मद अकबर को खड़ा कर दिया। इस पर विपक्ष के अन्य सदस्यों ने यह कहकर आपत्ति भी उठायी कि जब उद्योग मंत्री कवासी लखमा सदन में मौजूद हैं तो ऐसे में अन्य मंत्री उनके सवालों का जवाब कैसे दे सकते हैं।
 
ज्ञात हो कि उद्योग विभाग द्वारा औद्योगिक नीति के तहत नए स्थापित हो रहे उद्योग, विद्यमान उद्योग का विस्तार अथवा शवलीकरण किये जाने पर उसमें किये गए स्थायी पूंजी निवेश में अनुदान देने का प्रावधान है। डॉ. रेणु जोगी ने कहा कि नियमों की गलत व्याख्या कर उद्योग विभाग के अधिकारी उद्योगों को उत्पादन दिनांक के बाद किये गए पूंजी निवेश पर अनुदान से वंचित रख रहे हैं। डॉ. जोगी ने बताया कि राज्य  सरकार ने अक्टूबर 2019 में छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक नीति 2019 – 2024 जारी की थी जिसके तहत दिसंबर 2019 में छत्तीसगढ़ राज्य स्थायी पूंजी निवेश अनुदान नियम बनाये गए।  22 अक्टूबर 2020 को जारी अधिसूचना अनुसार औद्योगिक नीति 2019 – 2024 में स्थायी पूंजी निवेश की गणना की परिभाषा में संशोधन हो चुका है जिसके अनुसार सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के उत्पादन प्रारम्भ करने के दिनांक से 6 माह तक, मध्यम उद्योगों को 12 माह, वृहद उद्योगों को 18 माह, मेगा और अल्ट्रा मेगा उद्योगों में 24 माह तक किये गए स्थायी पूंजी निवेश को मान्य करते हुए अनुदान दिया जाएगा। चूँकि 05 दिसंबर 2019 को जारी किये गए “छत्तीसगढ़ राज्य स्थायी पूंजी निवेश अनुदान नियम – 2019” उक्त औद्योगिक नीति के परिपेक्ष में बनाये गए हैं इसलिए 05 दिसंबर 2019 को जारी की गयी यह अधिसूचना स्वमेव संशोधित मानी जानी चाहिए और 22 अक्टूबर 2020 को औद्योगिक नीति में स्थायी पूंजी निवेश की गणना की अवधि में किये गए संशोधन के तहत उद्योगों को स्थायी पूंजी निवेश अनुदान मिलना चाहिए। ऐसा ही प्रावधान औद्योगिक नीति 2014 – 2019 में भी था।
 
डॉ. रेणु जोगी ने कहा कि वास्तविकता यह है कि वाणिज्य एवं उद्योग विभाग विशेषकर जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र रायपुर द्वारा यह तर्क दिया जा रहा है कि चूँकि 05 दिसंबर 2019 को जारी “छत्तीसगढ़ राज्य स्थायी पूंजी निवेश अनुदान नियम – 2019” में संशोधन नहीं हुआ है इसलिए उद्योगों को उत्पादन दिनांक तक ही किये गए स्थायी पूंजी निवेश पर पर अनुदान मिलेगा। उत्पादन के पश्चात 6 माह या 12 माह तक का अनुदान नहीं मिलेगा। डॉ. जोगी ने कहा कि प्रश्न के जवाब से भी ऐसा ही प्रतीत होता है कि उत्पादन दिनांक से 6 माह या 12 माह का अनुदान नहीं दिया जा रहा है। डॉ. जोगी ने कहा कि उद्योग विभाग की यह कार्यशैली छत्तीसगढ़ औद्योगिक नीति 2019 – 2024 के प्रावधानों के विपरीत है। पात्र उद्योगों को स्थायी पूंजी निवेश अनुदान मिलने से छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।
 
उद्योग मंत्री द्वारा 03 जनवरी 2023 को दिए गए जवाब से असंतुष्ट होकर डॉ. रेणु जोगी ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत को पत्र लिख कर अपने प्रश्न को विधानसभा के नियम 234 DD के तहत प्रश्न और संदर्भ समिति को भेजने का अनुरोध किया था।

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