लीजिए, अब तो जार्जिया मेलोनी जी ने भी कह दिया; मोदी जी तुस्सी ग्रेट हो। इटली की प्रधानमंत्री हैं, इटली की। जी हां, सीधे मुसोलिनी के देश की प्रधानमंत्री। और खुद मुसोलिनी का नाम लेने वाली पार्टी की प्रधानमंत्री। उन्होंने भी कह दिया कि दुनिया भर में मोदी जी की महानता का डंका बज रहा है। पर ये विपक्ष वाले, मजाल है, जो कभी इनके मुंह से, गलती से भी मोदी द ग्रेट निकल जाए! इनकी जुबान सेे कभी दुनिया मोदी-मोदी, मोदी-मोदी का जाप सुन पाए!
उल्टे ये तो मोदी जी को ग्रेट की जगह थ्रैट ही बताने में लगे हुए हैं। सिर्फ देश में नहीं, विदेश में घूम-घूमकर भी। राहुल गांधी को ही देख लो। कन्याकुमारी से जम्मू-कश्मीर तक, जनाब पैदल-पैदल चले गए, मोदी जी को ग्रेट नहीं थ्रैट बताने के चक्कर में। और देश में मोदी जी को बदनाम करने से मन नहीं भरा, तो अब उडक़र लंदन पहुंच गए, ग्रेट को थ्रैट बताने के लिए। बल्कि बकौल अनुराग ठाकुर, विदेशियों के सामने रोना रोने के लिए — मेेरे फोन में पैगासस डाल दिया। मेरे ऊपर मुकद्दमे लाद दिए। पूरे मीडिया पर कब्जा कर लिया। संसद, चुनाव आयोग, न्यायपालिका, सब को जेब में धर लिया। और भी न जाने क्या-क्या रोना, डैमोक्रेसी के खतरे में होने का? जैसे बाहर वाले सच जान ही जाएंगे, तो सच मान भी जाएंगे! जिन लंदन वालों ने अपनी बीबीसी की डॉक्यूमेंटरी की नहीं सुनी, जिन इंग्लेंड-योरप वालों ने अपनी जांचों की नहीं सुनी, वो अब राहुल की बातों में आएंगे और अपना नफा-नुकसान देखना छोडक़र, यहां डैमोक्रेसी को बचाने दौड़े आएंगे! बताइए, ऐसे नासमझों को भक्त लोग, पप्पू, पप्पू कहते हैं, तो क्या गलत कहते हैं!
खैर! मोदी जी अपनी बदनामी की परवाह नहीं करते। पर कोई परदेश में जाकर, उनके देश को बदनाम करे, यह मोदी जी को हर्गिज बर्दाश्त नहीं है। यात्रा-वात्रा निकाल कर, सडक़ पर मोदी जी के देश को बदनाम किया, तो यूएपीए से लेकर मानहानि तक किसी भी धारा में जेल में डलवा देंगे। संसद में घुसकर बदनाम किया तो, कार्रवाई से निकलवा देंगे, भाषण भी, भाषण देने वाला भी। और अगर विदेश में बदनाम किया–पासपोर्ट जब्त और क्या? पासपोर्ट जब्ती सिर्फ कश्मीरियों के लिए ही थोड़े ही है! एंटीनेशनलों, भारत मत छोडऩा!
*(राजेन्द्र शर्मा वरिष्ठ पत्रकार और ‘लोकलहर’ के संपादक हैं।)*
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