कांकेर। अंतराष्ट्रीय महिला दिवस व ग्राम सभा सशक्तिकरण को लेकर राज्य स्तरीय दो दिवसीय कार्यशाला लाख प्रशिक्षण केन्द्र माकड़ी खुना कांकेर में केबीकेएस व सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग के द्वारा आयोजित किया, जिसमें ग्राम सभा को सशक्त करने के उद्देश्य से प्रदेश के आदिवासी समाज समाज के युवाओं व ग्राम सभा अध्यक्ष को अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 तथा अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) नियम, 2007 यथा संशोधित नियम, 2012 में प्राप्त अधिकार सामुदायिक अधिकार(सीआर), सामुदायिक वन संसाधन अधिकार (सीएफआरआर)। पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम 1996 में प्रदत ग्राम सभा की बैठक का कोरम, ग्राम सभा का बैठक, ग्राम सभा की अधिकार, ग्राम सभा बुलाने की प्रक्रिया अनुसूचित क्षेत्रों से अभिप्रेत संविधान के अनुच्छेद 244 के खंड(1) में निर्दिष्ट, संविधान के भाग 9 के उपबंधों, पेसा कानून की धारा 4 (ड)(3), छ. ग. भू – राजस्व संहिता (संसोधन) अधिनियम 1997, पेसा कानून की धारा 4 (ड) (1), आबकारी (संसोधन) अधिनियम 1997, पेसा कानून- धारा 4 (ड)(5), छ.ग. साहूकारी(संशोधन) अधिनियम, पेसा कानून-धारा 4 (झ), छ. ग. भू – अर्जन एवं पुनर्वास, पेसा कानून-धारा 4(ट) गौण खनिज का उत्खनन पट्टा, पेसा कानून धारा 4 (ड)(2) लघु वन उपज के संबंध में अनुसूचित क्षेत्र के लिए विशेष व्यवस्था, जंगल प्रबंधन को लेकर पाचगांव(महाराष्ट्र) भूमि अधिग्रहण कानून, एलएलआर 2013 , सुचना का अधिकार अधिनियम 2005, जैसे संविधानिक अधिकारों का पूरे छत्तीसगढ़ के युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के साप्ताहिक अवसर पर कांकेर जिला के पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा ने शिक्षा और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989, महिलाओं का कार्यस्थल पर लैगिंग उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, आईपीसी, सीआरपीसी पर विस्तृत जानकारी दिया गया। आदिवासी विभाग से जिले के सहायक आयुक्त द्वारा वन अधिकार मान्यता कानून के क्रियान्वयन पर बात रखी, साथ ही रायपुर से पेसा समन्वयक प्रखर जैन के आनलाईन गुगल वर्चुअल से जुड़कर रोफरा एक्ट एंव नियम पर अपनी बात रखी। महाराष्ट्र पांचगांव से सचिन आत्राम और डॉ. शरद लेले के द्वार जंगल प्रबंधन पर बहुत ही बेहतरीन तरीके जंगल प्रबंधन के तौर तरीके को बताया गया। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के साप्ताहिक मौके परजो महिला समूह या व्यक्तिगत रूप से काम रहे महिलाओं को सम्मान किया गया जिसमें निशानहर्रा महिला समूह को दिया गया जो पारम्परिक बीज को सरंक्षण करने का काम कर रही है, कोयलीबेड़ा महिला प्रकोष्ठ शिक्षा और स्वास्थ काम कर रही है, प्रसाव कराने में निपुण कोकपुर कि महिला बोधोन नेताम, नारायणपुर कि सुकमा वड्डे जो स्वास्थ को लेकर अबूझमांड में जागरूकता अभियान चलाई ऐसे महिलाओ को सम्मान किया गया। प्रशिक्षक अश्वनी कांगे, ललित नरेटी, योगेश नरेटी, जगत मरकाम, योगेश नरेटी, कुमार मंडावी के द्वारा दिया गया। इस कार्यशाला में प्रदेश भर के 150 युवा शामिल हुए।
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