छेड़ा तो चीन-पाकिस्तान को करारा जवाब देगा भारत… दुनिया भी मान रही- ‘मोदी है तो मुमकिन है’

Estimated read time 1 min read

 अमेरिका खुफिया एजेंसी की खतरों का आकलन करने वाली रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत का पाकिस्तान और चीन के साथ संघर्ष हो सकता है। वहीं अगर पाकिस्तान ने भारत को उकसाने की कोशिश की तो पीएम मोदी के नेतृत्व में उसे करारा जवाब मिलेगा।

 हाइलाइट्स
  • अमेरिका की इंटेलिजेंस थ्रेट असेसमेंट की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
  • भारत का पाकिस्तान और चीन के साथ हो सकता है सशस्त्र टकराव
  • नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पाकिस्तान को मिलेगा करारा जवाब
नई दिल्ली (IMNB) : 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद जब भी भाजपा चुनाव जीतती या किसी संकट से देश उबरता तो भाजपा समर्थक और नेता कहते कि मोदी है तो मुमकिन है। आगे चलकर यह नारा काफी पॉपुलर हो गया। उरी और पुलवामा के बाद जब भारत ने पाकिस्तान में घुसकर उसे सबक सिखाया तो भी देश में यही नारा गूंजा। अब दुनिया भी इस बात को स्वीकार कर रही है। अमेरिकी खुफिया तंत्र ने अपने सांसदों को रिपोर्ट दी है कि अगर पाकिस्तान ने किसी भी तरह से भारत को उकसाने वाली हरकत की तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत उसे छोड़ेगा नहीं। पहले से कहीं ज्यादा सैन्य बल के साथ पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई की जा सकती है। यह रिपोर्ट सालाना खतरे के आकलन का हिस्सा है। अमेरिकी संसद में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जताई गई है। साथ ही अमेरिकी सांसदों से कहा गया है कि भारत- पाकिस्तान और भारत-चीन के बीच संघर्ष हो सकता है।

अमेरिकी रिपोर्ट में भारत के बारे में क्या है

अमेरिका की इंटेलिजेंस कम्युनिटी की सालाना थ्रेट असेसमेंट (खतरों का आकलन) रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत-पाकिस्तान और भारत- चीन के बीच सशस्त्र टकराव हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान की तरफ से उकसावे की स्थिति में भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पहले के मुकाबले ज्यादा सैन्य ताकत के साथ जवाबी कार्रवाई करेगा। पाकिस्तान की शह पर ही आतंकी संगठन भारत के खिलाफ साजिश रचते हैं। अब पाकिस्तान ने उकसावे वाली हरकत की तो भारत जोरदार तरीके से जवाब देगा। कश्मीर में अशांति या भारत में आतंकी हमला संघर्ष का कारण बन सकता है। हालांकि दोनों देशों ने 2021 में सीजफायर नए सिरे से लागू किया है और फिलहाल दोनों देश शांति बनाए रखने के इच्छुक हैं।

इंटेलिजेंस कम्युनिटी की इस सालाना रिपोर्ट को अमेरिकी कांग्रेस में पेश किया गया है। इसमें कहा गया है कि भारत और चीन LAC पर शांति के लिए बातचीत कर रहे हैं। बॉर्डर को लेकर जो मुद्दे हैं, उन्हें सुलझा रहे हैं। रिपोर्ट में 2020 के तनाव का भी जिक्र किया गया है। पूर्वी लद्दाख के गलवान में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसकी वजह से भारत और चीन के संबंध तनावपूर्ण रहने की संभावना है। यह तनाव कई दशकों में सबसे गंभीर है। सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं की मौजूदगी दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच सशस्त्र संघर्ष के जोखिम को बढ़ाती है। साथ ही आशंका जताई गई है कि LAC पर छोटे-छोटे संघर्ष तेजी से बढ़ सकते हैं।

भारतीय सेना में डीजी इंफ्रेंट्री के पद से रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल संजय कुलकर्णी ने कहा कि पाकिस्तान और चीन दोनों ही देशों के साथ संबंध अभी खराब हैं। पाक सीजफायर के बीच आतंकियों को लगातार बढ़ावा दे रहा है। हालांकि उसे अहसास है कि ज्यादा छेड़खानी की तो भारत छोड़ेगा नहीं। पाकिस्तान ने उरी और पुलवामा हमलों के बाद यह देखा भी है। लेफ्टिनेंट जनरल कुलकर्णी ने कहा कि चीन के साथ सशस्त्र संघर्ष की अभी संभावना नहीं लगती है क्योंकि भारत की तरफ से कोई गलती नहीं होगी और चीन अभी कुछ ऐसा इसलिए नहीं करेगा क्योंकि रूस के साथ भारत भी है।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours