दिव्यांगजन सशक्तिकरण में सहयोग, मानवधर्म : राज्यपाल मंगुभाई पटेल

Estimated read time 1 min read

राज्यपाल द्वारा दिव्यकला मेला उद्घाटित

भोपाल (IMNB). राज्यपाल  मंगुभाई पटेल ने कहा है कि दिव्यांगजन सशक्तीकरण प्रयासों में सहयोग मानव धर्म है। दिव्यकला मेला दिव्यांगजन की दिव्यशक्तियों के प्रदर्शन का मंच है। उनकी आत्म-निर्भरता की प्रभावी पहल है। उन्होंने प्रदेशवासियों का आव्हान किया है कि दिव्यकला मेले की श्रृंखला में तीसरे भोपाल मेले में खरीददारी का रिकार्ड बनाएं। देश के विभिन्न स्थानों से उत्पाद लेकर आए दिव्यांग शिल्पकार, उद्यमियों को कोई भी सामान वापस नहीं ले जाना पड़े।

श्री पटेल आज भोपाल हाट में आयोजित 10 दिवसीय दिव्य कला मेले के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर 48 दिव्यांग उद्यमियों को स्वसहायता समूह के माध्यम से स्वीकृत 16 लाख रूपए के ऋण के स्वीकृति आदेश प्रतीक स्वरूप तीन दिव्यांगजन में वितरित किए गए।

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का व्यक्तित्व संवेदनशील है। महिलाओं, वंचितों और दिव्यांगजन के कल्याण और विकास की योजनाएं उनके दिल से निकली है। मोदी जी में व्यक्ति, उसकी समस्याओं और सार्मथ्य को पहचानने की अद्भुत क्षमता और दिव्य दृष्टि है। शारीरिक अंग की खामी को विकलांगता के रूप में नहीं, व्यक्ति की दिव्य शक्तियों को पहचानने के लिए ही उन्होंने दिव्यांगजन का नाम दिया है। उन्होने समाज का आह्वान किया कि वह दिव्यांगजन की प्रतिभा को पहचाने और प्रोत्साहन में सहयोग करें। उन्होने दिव्यांगजन के आर्थिक स्वावलंबन के लिए केन्द्र सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। नागरिकों को होली, रंगपंचमी की शुभकामनायें दी। भोपाल में मेले के आयोजन को प्रदेश वासियों के लिए उत्सव की सौगात बताया।

केन्द्रीय मंत्री सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता डा. वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सबके लिए विकास के समान अवसर उपलब्ध कराए हैं। समावेशी समाज निर्माण का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वंचित और विकास की मुख्यधारा में पिछड़ों के सामाजिक आर्थिक और शैक्षणिक सशक्तिकरण के लिए वर्ष 2014 में प्रारम्भ किए गए कार्यक्रमों, योजनाओं के परिणाम मिल रहे हैं। दिव्यांगजन आर्थिक और सामाजिक रूप से आत्मनिर्भर बन रहे हैं। दिव्यांग उद्यमियों, कर्मचारियों का उल्लेख करते हुए कहा कि आज दिव्यांगजन समाज का मूल्यवान मानव संसाधन है। अपनी अद्भुत प्रतिभा के साथ कार्य करते हुए स्वाभिमान के साथ जीवन में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने नागरिकों से उनके प्रयासों में सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि दिव्यकला मेलों का देश के विभिन्न 10 स्थानों पर आयोजन किया जाएगा। पहला मेला दिल्ली में कर्तव्यपथ के शुभारम्भ अवसर पर, दूसरा मुम्बई में और तीसरा भोपाल में लगा है। भोपाल के बाद कर्नाटक, पंजाब, गुजरात, राजस्थान, आसाम आदि राज्यों में मेलें लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि मेले के साथ ही दिव्यकला शक्ति मंच का आयोजन भी किया जाएगा। इसमें दिव्यांग कलाकार गीत, संगीत और नृत्य के सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।

केन्द्रीय राज्य मंत्री सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सुश्री प्रतिभा भौमिक ने कहा कि दिव्यांगजन की आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण के कार्यों में विभाग द्वारा पूर्ण सहयोग किया जा रहा है। इसी क्रम में दिव्य कला मेले का आयोजन किया जा रहा है। भोपाल मेले में 19 राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों के दिव्यांग शिल्पकार, दस्तकार और उद्यमी शामिल हो रहे हैं। मेले में लगी 107 स्टॉलों की सभी व्यवस्थाएं दिव्यांगजन द्वारा की जा रही है। उन्होंने बताया कि कर्तव्यपथ दिल्ली में लगे मेले में प्रतिभागियों द्वारा लाए गए समस्त उत्पाद बिक गए थे। उन्हें बाद में आपूर्ति के आर्डर भी मिले थे।

उपमहानिदेशक दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग श्री किशोर बाबूराव सुरवाड़े ने स्वागत उद्बोधन दिया। आभार प्रदर्शन राष्ट्रीय वित्त विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री अनिल कुमार ने किया।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने फीता काटकर मेले का उद्घाटन किया। आकाश में गुब्बारे छोड़े। मेले का भ्रमण कर उत्पादों की जानकारी प्राप्त की। समारोह का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलन से किया। स्वागत गीत दृष्टिबाधित कलाकार श्री राजू राव ने प्रस्तुत किया। समारोह की गतिविधियों को सांकेतिक भाषा में सुश्री दीप्ति पटवा ने प्रस्तुत किया।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours