New Delhi (IMNB).
एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) की योजना दूरस्थ क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय के विद्यार्थियों (कक्षा 6ठी से 12वीं) को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में लागू की जा रही है ताकि उन्हें शिक्षा के सर्वोत्तम अवसरों तक पहुँचने में सक्षम बनाया जा सके और उन्हें आम जनता के बराबर लाया जा सके। सरकार ने राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली उपयुक्त भूमि की उपलब्धता के अधीन 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जनजाति आबादी और कम से कम 20,000 जनजातीय व्यक्तियों (2011 की जनगणना के अनुसार) वाले प्रत्येक ब्लॉक में एक एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है। एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय योजना का उद्देश्य जनजातीय विद्यार्थियों को उनके अपने वातावरण में निःशुल्क और अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना है। एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय योजना के अंतर्गत मैदानी क्षेत्रों में छात्रावास और स्टाफ क्वार्टर सहित स्कूल परिसर की स्थापना के लिए पूंजीगत लागत को 20.00 करोड़ रुपये से 37.80 करोड़ रुपये संशोधित किया गया है। पूर्वोत्तर क्षेत्र, पहाड़ी क्षेत्रों और वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में के लिए यह राशि 24.00 करोड़ रुपये से संशोधित कर 48.00 करोड़ रुपये कर दी गई है।
एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय योजना के अंतर्गत स्कूलों को चलाने के लिए और विद्यार्थियों के खर्च (वर्दी, किताबें और स्टेशनरी, भोजन आदि) के लिए प्रति विद्यार्थी प्रति वर्ष आवर्ती लागत 1.09 लाख रुपये का भुगतान किया जाता है। राज्यों को यह भी सलाह दी गई है कि जब तक स्कूलों के भवन का निर्माण पूरा ना हो जाए तब तक इन स्कूलों को वैकल्पिक भवनों में, प्राथमिकता के रूप में सरकारी भवनों में चलाएं। आज तक, 690 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की स्थापना को स्वीकृति दी गई है और देश भर में 401 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में शिक्षा दी जा रही है, जिसमें 113275 विद्यार्थी इन एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय में नामांकित हैं।
एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय योजना के अंतर्गत, जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा एक स्वायत्त समाज, जनजातीय विद्यार्थियों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा समिति (एनईएसटीएस) को योजना के कार्यान्वयन के लिए धन जारी किया जाता है और जनजातीय विद्यार्थियों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा समिति इसके बाद राज्य समितियों और निर्माण एजेंसियों आदि को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार धन जारी करती है। वर्ष 2019-20 तक राजस्थान सहित राज्यों को इस योजना के लिए संविधान के अनुच्छेद 275(1) के अंतर्गत अनुदान के रूप में एक घटक के रूप में धनराशि जारी की जा रही थी। वर्ष 2020-21 से एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय योजना के लिए अलग से धन का आवंटन किया गया है।
सरकार ने बजट 2023-24 में 3.5 लाख आदिवासी विद्यार्थियों की सेवा करने वाले 740 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के लिए 38,800 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की भर्ती की घोषणा की है। इसके अनुसार, जनजातीय विद्यार्थियों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा समिति (एनईएसटीएस) ने कार्य योजना को अंतिम रूप दे दिया है और चरणबद्ध तरीके से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए आगे की उचित कार्रवाई कर रहा है।
जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्रीमती रेणुका सिंह सरुता द्वारा लोकसभा में आज यह उत्तर दिया गया।
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