मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में दिए निर्देश
बताया गया कि प्रदेश में इस वर्ष उपार्जन के लिये करीब 15 लाख किसान पंजीयन करवा चुके हैं। गत वर्ष हुए पंजीयन की तुलना में तीन चौथाई पंजीयन हो चुके हैं। लगभग 20 लाख पंजीयन होने की संभावना है। अनाज के भण्डारण एवं परिवहन के लिए आवश्यक तैयारियाँ की जा रही हैं।
प्रदेश में 25 मार्च से गेहूँ उपार्जन शुरू होगा। संभागवार तिथियाँ निर्धारित की गईं हैं। भोपाल सहित इंदौर, उज्जैन और नर्मदापुरम संभागों में 25 मार्च से उपार्जन प्रारंभ होगा। जबलपुर, रीवा, शहडोल, सागर, ग्वालियर और चम्बल संभाग में एक अप्रैल से उपार्जन कार्य प्रारंभ होगा। प्रदेश में 4 हजार 223 उपार्जन केंद्र कार्य करेंगे। बारदाना व्यवस्था में करीब 3 लाख गठान की अनुमानित आवश्यकता के अनुसार प्रबंध हो चुका है। वर्तमान में उपलब्ध बारदानों से लगभग 70 लाख मीट्रिक टन उपार्जन संभव है। भण्डारण के लिए भारतीय खाद्य निगम, अधिग्रहित गोदाम, ओपन केप, सायलो बैग सभी शासकीय और अर्द्धशासकीय एजेंसियों के गोदाम उपलब्ध हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रमुख निर्देश
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भण्डारण क्षमता अच्छी रखें।
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उपार्जन केंद्र पर्याप्त हों।
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बारदाने की कहीं भी कमी न हो।
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किसान को समय पर राशि का भुगतान हो।
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आवश्यक परिवहन व्यवस्था हो।
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उपार्जन से जुड़े कार्यों में तकनीक का उपयोग हो।
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किसान को उपार्जन के लिए खुद केंद्र के चयन की सुविधा दी जाए।
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न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों को समय पर राशि का भुगतान किया जाए।
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