सरकार ने बुधवार को कहा कि महामारी के प्रभावों के कारण गगनयान के चालक दल वाले पहले मिशन के प्रक्षेपण कार्यक्रम में बदलाव किया गया है। ISRO इसे 2024 के अंत तक भेजने की योजना बना रहा है।
नई दिल्ली, (IMNB)। भारत की ओर से अंतरिक्ष मिशन को लेकर एक बयान जारी किया गया है। दरअसल, टेस्ट रॉकेट के साथ चार अबॉर्ट मिशनों में से पहला – गगनयान मिशन इसी साल मई में निर्धारित किया गया है। इस बात की जानकारी बुधवार को राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा को दी है।
लोकसभा के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्य मंत्री विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा, “पहला परीक्षण रॉकेट मिशन, TV-D1 मई 2023 के लिए निर्धारित है, जिसके बाद 2024 की पहली तिमाही में दूसरा परीक्षण रॉकेट TV-D2 मिशन और गगनयान के प्रथम चालक दल रहित मिशन (LVM3-G1) आयोजित किये जाएंगे।”
खर्च किए गए 3 करोड़ से अधिक रुपये
उन्होंने कहा, “रोबोटिक पेलोड के साथ टेस्ट व्हीकल मिशन (TV-D3 और D4) और LVM3-G2 मिशन की अगली सीरीज की योजना बनाई गई है। सफल परीक्षण वाहन और अनक्रूड मिशन के परिणाम के आधार पर 2024 के अंत तक क्रू मिशन की योजना बनाई गई है।”
मंत्री ने कहा कि 30 अक्टूबर, 2022 तक गगनयान कार्यक्रम के लिए कुल 3,040 करोड़ रुपये खर्च किए गए। उन्होंने कहा कि मानव-रेटेड लॉन्च व्हीकल सिस्टम (HLVM3) का परीक्षण किया जा चुका हा और इस योग्य बताया गया है।
पहली उड़ान की तैयारी पूरी
सिंह ने बताया, “उच्च मार्जिन के लिए सभी प्रणोदन प्रणालियों का परीक्षण पूरा हो गया है। क्रू एस्केप सिस्टम के प्रदर्शन के लिए के लिए परीक्षण यान टीवी-डी1 मिशन तैयार किया गया है और पहली उड़ान के लिए मंच तैयार किया गया है। टीवी-डी1 मिशन के लिए क्रू मॉड्यूल स्ट्रक्चर तैयार हो चुका है। सभी क्रू एस्केप के स्थिर परीक्षण सिस्टम मोटर्स को पूरा कर लिया गया है और बैच टेस्टिंग प्रगति पर है।”
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