फार्म भरवाने के लिए गाँव और वार्डों में 25 मार्च से लगेंगे शिविर
ई-केवायसी के लिए नहीं देना है कोई शुल्क
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मीडिया के माध्यम से बहनों को दिया संदेश
बहनों को लोक सेवा केन्द्र या अन्य कहीं जाने की जरूरत नहीं
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मेरी बहनों को कोई दिक्कत न हो, यह मेरा कर्त्तव्य है। इसलिए योजना में आवेदन प्रक्रिया को बहुत सरल बनाया गया है। योजना के फॉर्म आपके गाँव और शहर के वार्डों में भरवाए जाएंगे। बहनों को लोक सेवा केंद्र या कही और जाने की जरूरत नहीं है। सभी गाँव में हमारे कर्मचारी आएंगे और फॉर्म भरवाएंगे। इसके लिए 25 मार्च से शिविर लगना शुरू होंगे। जब तक सभी बहनों के आवेदन नहीं भर जाते तब तक शिविर लगेंगे।
समग्र आई.डी. और आधार नंबर है तो कोई दिक्कत नहीं होगी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि आवेदन में अपना नाम, पति का नाम, मोबाइल नंबर आदि दर्ज कराने के अलावा तीन जरूरी जानकारी बहनों के पास होनी चाहिए। पहला- आपकी या आपके परिवार की समग्र आईडी, दूसरा- आपका आधार नंबर और तीसरा- समग्र में दर्ज आपका मोबाइल नंबर। यह जानकारी यदि बहनों के पास है तो उनको कोई दिक्कत नहीं होगी। आवेदन भरा जाएगा और उसके बाद ई-केवाईसी करवाई जाएगी। इसके लिए बहनों को कहीं जाने की जरूरत नहीं है। गाँव और शहर के वार्ड में ही ई-केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण की जायेगी। जहाँ कनेक्टिविटी नहीं है, वहाँ दूसरे गाँव या कॉमन सर्विस सेंटर में बहनों को ले जाने की आवश्यकता पड़ती है तो उनके लिए वाहन की व्यवस्था शासन द्वारा की जाएगी।
यदि कोई पैसा मांगता है तो सीएम हेल्पलाइन 181 नंबर पर करें शिकायत
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ई-केवाईसी के लिए कोई शुल्क नहीं लगेगा। शासन द्वारा एक ई-केवाईसी के लिए 15 रूपए का भुगतान संबंधित कॉमन सर्विस सेंटर्स को किया जाएगा। यदि किसी बहन से कोई ई-केवाईसी के लिए पैसा मांगता है तो सीएम हेल्पलाइन नंबर 181 पर फोन कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। ऐसे लोगों को जेल भिजवाया जाएगा। बहनों को एक भी पैसा देने की जरूरत नहीं है। यदि मेरी बहनों को परेशानी होती है, तो मेरे भाई होने का मतलब ही क्या है। इसलिए निश्चिंत रहिए-परेशान मत होइए। अपने गाँव, शहर में ही रहें। हमारी टीम आपसे संपर्क करेगी, शिविर में लाएगी और सारी औपचारिकता पूरी करवाएगी। ई-केवाईसी इसलिए कराई जा रही है, जिससे बहनों के खाते में ही पैसा जाए। बहने निश्चिंत रहें, उनकी सारी चिंताएँ हमारी हैं।
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