वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की बेबाक कलम टेक इट ईज़ी केजरीवाल,राहुल,तेजस्वी,ममता सबके सुर एक हैं साख फिर भी मोदी की बढ़ी,क्योंकि नीयत नेक है

Estimated read time 1 min read

।         { सच के करीब का चुटकुला:-

‘राहुल बेटे क्या अपनी पार्टी के बारे में कुछ सोचा है’
मम्मी अभी अभी तो कांग्रेस हारी है। तुरंत पार्टी करेंगे तो अच्छा लगेगा’ ? }

तमाम तरह के झूठ, एक के बाद एक बचकाने आरोप, जिन्हें सुनकर सिवाए हंसने के कुछ नहीं किया जा सकता। ऐसे बयान देते हैं राहुल गांधी। एक न्यूज़ चैनल में बहस के दम्र्यान एक प्रवक्ता ने तो यहां तक कह दिया कि ‘बेचारे कांग्रेस के प्रवक्ता राहुल की बातें सुनकर हंस भी नहीं पाते। अपने ही बाॅस के बात पर कोई चाहकर भी नहीं हंस सकता न’। विदेश में अपनी एक स्पीच में भैया ने फिर शिगूफा छोड़ा है कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है। ऐसा कहने का आधार क्या है इसका कोई तर्क नहीं मगर खतरे में है।
देश की कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां तिलमिला रही हैं उसका एक बड़ा कारण मोदी की विश्व में बढ़ती साख है। मोदी के हर काम में विश्व कल्याण छिपा है और सुयोग से उन्हें सफलता भी मिलती जा रही है। क्योंकि नीयत साफ है, दोहरा चरित्र नहीं। काम में ईमानदारी है। यहां तक कि पाकिस्तान का बुद्धिजीवी वर्ग भी अब खुलेआम पाक प्रधान को कोस रहा है साथ ही खुले दिल से मोदी की तारीफ करता नज़र आ रहा है।

जोड़ो इंसानियत को इंसान से
पर मत जोड़ना भारत को पाकिस्तान से

एक बार सिंध प्रांत में एक बड़े आयोजन में खुलकर ये बात सामने आई कि सिंध पाकिस्तान से अलग होना चाहता है। इस मकसद के लिये मोदी से वहां के नेताओं ने गुहार लगाई है, मोदी के पोस्टर लगाए और मोदी ज़िन्दाबाद के नारे लगाए । इसमें कोई संदेह नहीं है कि यदि मोदी इस बात पर आ गये तो ऐसा होना कोई असंभव बात नहीं है।
1962 में भी अलग सिंध देश की मांग उठ चुकी है। अंदर ही अंदर ये आग सुलगती रही है। यहां ये प्रसन्नता की बात है कि सिंध अलग देश की मांग हो रही है, सिंध को हिंदुस्तान मंे मिलाने की नहीं। हिंदुस्तान में न मिलने की बात पर इसलिये हमें खुश होना चाहिये कि सिंध पर आम पाकिस्तानी अवाम का असर है और पाकिस्तान का आम आदमी आम तौर पर नासमझ और बदनीयत है। उसे अपने ही भले-बुरे की पहचान नहीं उपर से नीयत भी साफ नहीं होती है। तभी इतनी बदहाली के बाद भी आतंकवाद के प्रति समर्पित हैं।
इसलिये साफ है कि जो भी पाकिस्तान से यहां आकर हमारे साथ रहेगा उसकी खराब मानसिकता का शिकार हम लोगों को होना पड़ेगा। इसलिये सिंध पाकिस्तान से अलग हो जाए ये अच्छा है लेकिन भारत का हिस्सा न हो। अखण्ड भारत होने से स्वभाव से निष्कपट होने के कारण भारतीयों को कष्ट हो सकता है।
——————————
जवाहर नागदेव, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, चिन्तक, विश्लेषक
mo 9522170700

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours