मुख्यमन्त्री ने धारा 49 पर विधान सभा में सही उत्तर नहीं दी: पेंशनरों के देय महंगाई भत्ते पर दोनों राज्य के बीच सहमति की आवश्यकता पर जवाब अधूरा

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•• धारा 49 को हटाने दोनों राज्य विधान सभा में आशासकीय संकल्प पारित कर केन्द्र से कार्यवाही एकमात्र हल

•• विधायक सत्यनारायण शर्मा और शैलेष पाण्डे के प्रश्न पूछने पर पेंशनरों ने आभार जताया

छत्तीसगढ़ विधानसभा में 23 मार्च 23 को राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49 के सम्बन्ध में * रायपुर ग्रामीण के विधायक सत्यनारायण शर्मा एवं बिलासपुर के विधायक शैलेष पाण्डे* के द्वारा पूछे गये प्रश्न के पर मुख्यमन्त्री भूपेश बघेल की ओर से जारी लिखित जवाब में पेंशनरों के देय महंगाई राहत भत्ते पर दोनों राज्य के बीच सहमति की आवश्यकता तथा अन्य मुद्दों पर अधूरा जवाब का आरोप लगाते हुए भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ ने इसके लिए वित्त विभाग को जिम्मेदार ठहराया है और इसको संज्ञान में लेकर मुख्यमन्त्री से वित्त विभाग के अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है और विधान सभा में पेंशनरों के ज्वलंत मुद्दे को उठाने के लिए दोनों विधायक के प्रति पेंशनरों ने आभार व्यक्त किया है।

जारी विज्ञप्ति में भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के महामन्त्री वीरेन्द्र नामदेव, राष्ट्रीय मंत्री पूरन सिंह पटेल, राष्ट्रीय कार्य समिति के सदस्य अनिल गोल्हानी, प्रदेश अध्यक्ष जे पी मिश्रा ने जारी संयुक्त विज्ञप्ति में आगे बताया है कि पिछले 22 साल से पेंशनरों के महंगाई राहत भत्ते भुगतान में बाधक मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद दोनों विधायकों ने पेंशनरों के दर्द को समझा है और इस मुद्दे के हल को लेकर शासन- प्रशासन ध्यान आकर्षित करने विधान सभा में प्रश्न पूछा परंतु वित्त विभाग के द्वारा जो जवाब बनाकर मुख्यमन्त्री से लिखित रूप में उत्तर दिलाया गया है,उसमें सत्य को छुपाकर मुख्यमन्त्री को गुमराह किया गया है और दोनों राज्यों के बीच बजट के बटवारे में छ ग सरकार को होने वाली नुकसान की बात को भी छुपा ली गई है। इसी तरह केंद्र सरकार के द्वारा 13 नवम्बर 17 को दोनों राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर दोनों राज्यों के बीच सहमति को लेकर दिये गए दिशा निर्देश के बारे में कोई उल्लेख नहीं किया गया है। इसतरह विधायकों द्वारा पूछे गए बिन्दुओं के प्रश्न की गंभीरता को वित्त विभाग के अधिकारियों द्वारा कमतर कर मुख्यमन्त्री के माध्यम से सदन को गुमराह करने और दोनों राज्य के पेंशनरों के हितों के साथ कुठाराघात करने का काम किया है। इसके लिए वित्त विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर मुख्यमन्त्री से कड़ी कार्यवाही करने की मांग राज्य के पेंशनरों ने की है।

जारी विज्ञप्ति में भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के प्रदेश के विभिन्न जिलों पेंशनर्स पदाधिकारी क्रमश: वीरेन्द्र नामदेव, द्रोपदी यादव,पूरन सिंह पटेल,अनिल गोल्हानी, जे पी मिश्रा,बी के वर्मा, राम नारायण ताटी, आर जी बोहरे, राकेश जैन, दिनेश उपाध्याय, कुंती राणा,एन के भटनागर, राघवेंद्र तिवारी, डॉ ओ डी उपाध्याय, विकास कुमार केवार, सुजाता मुखर्जी,निकोदियस एक्का, डॉ अवधेश कुमार सिंह, एल के दीक्षित, रमेश शर्मा, जारी विज्ञप्ति में पेंशनर्स महासंघ से जुड़े नेता क्रमशः वीरेन्द्र नामदेव,द्रोपदी यादव,जे पी मिश्रा,पूरनसिंह पटेल, अनिल गोल्हानी,बी के वर्मा,आर एन ताटी,दिनेश उपाध्याय, आर जी बोहरे,सी एम पांडेय,राकेश जैन,महेश पोद्दार,ओ पी भट्ट,बसंत गुप्ता,पिताम्बर पारकर, हेमंत टांकसाले,नागेश कापेवार,प्रवीण त्रिवेदी, डॉ पी आर धृतलहरे,एच एल नामदेव,के आर राजपूत,विनोद जैन, जे पी भारतीय,गायत्री गोस्वामी, सी एल चंद्रवँशी,रामचंद्र नामदेव,शरद अग्रवाल,डॉ एस पी वैश्य,बी डी उपाध्याय,बी एल यादव,नरसिंग राम,आर के नारद, प्रदीप सोनी,सुरेश शर्मा,एस के चिलमवार,लोचन पांडेय,सुरेश मिश्रा,एस के एस श्रीवास्तव,आलोक पांडेय,तीरथ यादव,रमेशचन्द्र नन्दे,जगदीश सिंह,उर्मिला शुक्ला,कुंती राणा, वन्दना दत्ता,परसराम यदु,अनूप योगी,ओ डी उपाध्याय,बी एल गजपाल,एन के भटनागर, डी के त्रिपाठी , सुजाता मुखर्जी, पुरषोत्तम दुबे, सोमेश्वर प्रसाद तिवारी,हरेंद्र चंद्राकर, इलियास मोहम्मद शेख, व्ही टी सत्यम, नागेंद्र सिंह तथा बी एस दसमेर,ए के बाजपेयी, विनोद जैन, आर पी द्विवेदी, उषा जायसवाल,पुरषोत्तम दुबे, रामकुमार पाण्डे,गीता दुबे आदि ने प्रदेश पेंशनरों के महत्वपूर्ण मुद्दे विधान सभा में उठा कर पेंशनरों हित कदम उठाने के प्रयास की सराहना की है और सभी पेंशनरों की ओर से रायपुर ग्रामीण के विधायक सत्यनारायण शर्मा और बिलासपुर के विधायक शैलेष पाण्डे के प्रति आभार जताया है और उम्मीद जताया है कि विधानसभा के अगले सत्र आशासकीय संकल्प पारित करा कर 22 वर्षो से लम्बित प्रकरण का अंत कर पेंशनरों को राहत पहुॅचाने में मदद करने में समर्थ होंगे

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