मोदी राज में महंगाई चरम पर वस्तुओं के दाम दुगुने हो गये – मोहन मरकाम

Estimated read time 1 min read

कांग्रेस ने जारी किया 2013 की अपेक्षा 2023 में वस्तुओं के बढ़े मूल्य की सूची*

रायपुर/ 07 अप्रैल 2023। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने देश में बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि महंगी गैस, महंगा तेल, थोक और खुदरा महंगाई आजादी के बाद सर्वोच्च शिखर पर है, सिर्फ सत्ता की भूख में मोदी सरकार आम जनता की कमर तोड़ रही है, फिर भी महंगाई से देशवासियों को लूटने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ रही है। पेट्रोल-डीजल 100 के पार, रसोई गैस 1177, खाने का तेल 200 के पार। आम जनता बेबस और लाचार है पर मोदी सरकार केवल अपने चंद पूंजीपति मित्रों के मुनाफे की सोच रही है। मोदी सरकार ने पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी विगत 7 साल में 258 परसेंट बढ़ाया है और डीजल पर 820 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। इन तमाम आंकड़ों के बावजूद मोदी सरकार द्वारा महंगाई को झूठलाया जाना यह प्रदर्शित करता है कि महंगाई को काबू करना मोदी सरकार के बस में नहीं है।

2013 में कांग्रेस की मनमोहन सरकार के समय राशन सामाग्री और पेट्रोल-डीजल के दाम और वर्तमान मोदी सरकार के समय आवश्यक वस्तुओं की कीमतें

2013 2023
आटा (10 किलो) 210रुपये 440 रुपये
चावल 30-36 रु. किलो 50-65 रु. किलो
फूल क्रीम दूध 39 रुपये 66 रुपये
देसी घी 300 रुपये 875 रुपये
सरसों तेल 52 रुपये 260 रुपये
अरहर दाल 70-80 रुपये 160-170 रुपये
रसोई गैस 410 रुपये 1177 रुपये
पेट्रोल 66 रुपये 97 रुपये
डीजल 52 रुपये 92 रुपये
रिफाइंड तेल 68 रुपये 148 रुपये
फल्लीदाना 60 रुपये 135 रुपये
उड़द दाल 64 रुपये 120 रुपये
मूंग दाल 62 रुपये 130 रुपये
मसूर दाल 47 रुपये 90 रुपये
चना दाल 40 रुपये 66 रुपये
जीरा 220 रुपये 450 रुपये
गेंहू 22 रुपये 32-36 रुपये
विभिन्न साबुनों मे 22 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुआ
दवाई में 32 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो गया
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण देश की अर्थव्यवस्था लगातार गर्त में जा रही है। देश की जीडीपी 8.2 से गिरकर 5.7 हो गयी है। विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय व्यापार संतुलन बिगड़ने से आयात पर निर्भरता तेजी से बढ़ रही है। देश पर कुल कर्ज का भार 3 गुना बढ़ चुका है। विगत 12 महीनों में डॉलर के मुकाबले रुपए का मूल्य 12 प्रतिशत से ज्यादा गिर चुका है। मोदी राज में विगत एक माह में ही विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 26 बिलियन डालर कम हुआ है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 2014 की तुलना में 20 परसेंट कम होने के बावजूद डीजल और पेट्रोल 30 से 40 रूपए प्रति लीटर महंगे बेचे जा रहे हैं। थोक और खुदरा महंगाई दर आरबीआई द्वारा तय सीमा से लगातार ऊपर है लेकिन मोदी सरकार का फोकस केवल चंद पूंजीपतियों के मुनाफे पर केंद्रित है।

 

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours