कवर्धा – बेमेतरा जिले के सरहदी गांव बिरनपुर में दो समुदायों के बीच झड़प और हिन्दू युवक की हत्या के बाद से गरमाई छत्तीसगढ़ की राजनीति में उबाल आ गया है । साहू समाज के साथ साथ विश्वहिंदू परिषद व हिन्दू वादी संगठन आरोपियोंको फांसी की सजा की मांग व प्रदेश में बिगड़तीं कानून व्यवस्था को लेकर छत्तीसगढ़ बन्द बक आह्वाहन किया था । हांलाकि छग चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने बन्द का समर्थन नही दिया था बावजूद इसके छत्तीसगढ़ के साथ साथ कबीरधाम जिले में बंद शत प्रतिशत बंद सफल रहा ।
सभी व्यपारियो का प्रतिनिधित्व का दावा करने वाले चेम्बर ऑफ कामर्स में जनकारीनके मुताबिक सभी व्यापारी सीधे नही जुड़े है इसलिए उनके समर्थन नही देने के दावे व आदेश के बावजूद बंद के शत प्रतिशत सफलता चेम्बर के मुंह पर करारा तमाचा है ।
कबीरधाम जिला चेम्बर ऑफ कामर्स के जिल अध्यक्ष आकाश आहूजा ने बताया कि प्रदेश के निर्देशों से हम बंधे हुए है किन्तु बन्द को हमारा नैतिक समर्थन है ।
यंहा बताना लाजमी होगा कि , किराना , इलेक्ट्रॉनिक, सराफा ,जनरल स्टोर्स , दवा व अनाज व्यवसायियों सहित जिले में लगभग 5000 से ज्यादा व्यापारी है किन्तु कवर्धा चेम्बर ऑफ कॉमर्स के इतने सालों में अब तक मात्र बकौल अध्यक्ष 220 सदस्य ही बन पाए है । 5 हजार से ज्यादा व्यापारी वाले जिले में मात्र 220 लोगो के समर्थन देने या नही देने से कोई फर्क नही पड़ता । जिले व नगर के व्यपारियो का बन्द को भरपूर समर्थन के चलते चेम्बर की असहमति के चलते बन्द सफल रहा । बन्द की सफलता को देख चेंबर के अध्यक्ष भी नैतिक समर्थन देने मजबूर हुए ।
इसी तरह प्रदेश में छग चेम्बर अब तक सभी व्यापारीयो को अपना सदस्य नही बना पाया है । चेम्बर की इसी मनमानी के चलते चेम्बर का विरोध काम नही आ पा रहा । बहरहाल बन्द को समर्थन ना देकर चेम्बर की गुटबाजी सड़क पर दिख गई है । मजबूरन छग चेम्बर के कई अध्यक्ष नैतिक समर्थन के बहाने बन्द को समर्थन दे अपनी इज्जत बचाने में लगे रहे ।
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