अरुणाचल प्रदेश के किबिथू में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का आगाज करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को चीन को एक सख्त संदेश दिया. यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए दोटूक शब्दों में कहा कि भारत अपनी जमीन का एक इंच भी अतिक्रमण नहीं होने देगा. गृह मंत्री के इस अरुणाचल दौरे पर चीन ने नाराजगी जताते हुए, इसे उस क्षेत्र पर चीनी संप्रभुता का उल्लंघन और शांति के लिए खतरनाक बताया है.
किबिथू भारत के सबसे पूर्वी छोर पर स्थित गांवों में शामिल है. अमित शाह ने सोमवार को यहां कहा कि वह युग चला गया जब भारत की सीमावर्ती भूमि का कोई भी अतिक्रमण कर सकता था और अब कोई इसकी क्षेत्रीय अखंडता पर बुरी नजर डालने का दुस्साहस नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि थलसेना और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के पराक्रम ने सुनिश्चित किया है कि कोई भी भारत की एक इंच भूमि तक का अतिक्रमण नहीं कर सकता.
‘अब सूई की नोक बराबर जमीन भी कोई नहीं ले सकता’
गृह मंत्री शाह ने पूर्वोत्तर में किए गए बुनियादी ढांचा से जुड़े व अन्य विकास कार्यों की ओर इशारा करते हुए कहा कि सीमावर्ती इलाके (केंद्र की नरेंद्र) मोदी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘वह युग चला गया जब कोई कोई भी हमारी भूमि का अतिक्रमण कर सकता था. अब सूई की नोक के बराबर भूमि तक का अतिक्रमण नहीं किया जा सकता…’ उन्होंने कहा कि कोई भी भारत की ओर बुरी नजर से नहीं देख सकता क्योंकि सुरक्षा बल देश के सीमांतों की रक्षा कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘1962 में, जो कोई भी इस भूमि का अतिक्रमण करने आया, उसे यहां रहने वाले देशभक्त लोगों के कारण लौटना पड़ा.’
अमित शाह ने इस सीमांत स्थान को ‘भारत का प्रथम गांव’ बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार ने इन इलाकों के विकास के लिए और यहां रहने वाले स्थानीय लोगों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कर उनकी मदद करने के वास्ते एक नीतिगत बदलाव लाया. गृह मंत्री ने कहा कि पहले, सीमावर्ती इलाकों से लौटने वाले कहा करते थे कि वे भारत के अंतिम गांव में गए, लेकिन मोदी सरकार ने इस विमर्श को बदल दिया और अब लोग कहते हैं कि उन्होंने भारत के प्रथम गांव की यात्रा की.
अमित शाह ने कहा, ‘2014 से पहले, पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र को अशांत क्षेत्र के रूप में देखा जाता था, लेकिन लुक ईस्ट नीति के कारण इसे अब इसकी समृद्धि और विकास के लिए जाना जाता है.’ उन्होंने 1962 के युद्ध के दौरान अपने प्राण न्यौछावर करने वाले किबिथू के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि संसाधनों के अभाव के बावजूद वे अदम्य साहस के साथ लड़े.
+ There are no comments
Add yours