वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की बेबाक कलम, सीधे रस्ते की टेढ़ी चाल, भूपेश को योगी स्टाईल में करना था काम प्रदेश में कुछ और होता चार साल का परिणाम

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बड़ी ही जद्दोजेहद मची है। सत्ता में जमे रहने के लिये और फिर से कुर्सी पाने के लिये छत्तीसगढ़ में दोनों दल ताल ठोककर आमने-सामने खड़े हैं। दोनों तरफ की सेनाएं अपने-अपने सेनापतियों के साथ हथियार लेकर लड़ने को आतुर हैं। दोनों तरफ की सेनाओं में भारी उत्कण्ठा छाई है। जैसे तलवार की धार पर चल रहे हों। हर नेता को इस बात की आशंका है कि इस बार नही तो कभी नहीं। यानि इस बार सत्ता नहीं मिली तो फिर लंबे समय तक बहुत दूर हो जाएंगे सत्ता से। और शायद ये आशंका सही भी हो। करो या मरो, जैसे हालात हैं। बहरहाल दोनों तरफ से हथियारबंद नेता तैयार खड़े हैं।

हालात हैं विशिष्ट
भाजपा के पास हिंदुत्व
कांग्रेस के पास कामों की लिस्ट

ये हथियार हैं कांगे्रस के पास पिछले चार सालों में किये गये   कामों की लिस्ट। निस्संदेह काम हुआ है और काम से ज्यादा नाम हुआ है। काम के दम पर किसानों को थाम रखा है बीबी ने यानि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिन्हें प्रेम से कक्का कहा करते हैं लोग। जैसे डाॅ रमनसिंह को चाउर वारे बाबा कहा जाता था। तो कक्का ने काफी अच्छे काम किये हैं और यही उनके चुनावी समर में कारगर हथियार साबित होंगे। दूसरी ओर सामने जमी भाजपा की सेना ने सरकार की विफलताओं के हथियार थामे है। भाजपा बताने पर तुली है कि सरकार ने क्या-क्या काम करने में कोताही की है अथवा अधूरे किये हैं। किस काम मे कितना माल खाया गया ये बताने पर तुली है। साथ ही हिंदुओं को ये जताने पर तुली है कि भाजपा ही उनकी खैरख्वाह है। भाजपा है तो हिंदु सुरक्षित है।

उत्तरप्रदेश में जनप्रिय प्रशासन

अतीक अहमद को सजा मिलने से उत्तरप्रदेश के लोग बेहद खुश हैं और वो जमाना भी चला गया जब किसी माफिया के बारे में बात करने से लोगबाग डरा करते थे। क्योंकि सत्ताधीश की इनसे सांठगाठ हुआ करती  थी।
उत्तरप्रदेश की सरकार बहुत नाम कमा रही है। सब जानते हैं कि                                                  भाजपा की योगी सरकार ने लोगों का दिल जीत लिया है। यहंा जनता को सबसे अधिक तकलीफ जिस काम से यानि गुण्डागर्दी से थी, उसे ही सबसे पहले नियंत्रित किया। पहले पहल तो काफी आरोप लगाए गये कि पक्षपात् हो रहा है। विरोधियों को नेस्तनाबूत करने और अपने लोगों को बचाने की मुहिम चलाई जा रही है। लेकिन बहुत जल्द ये सामने आ गया कि किसी अपराधी को कोई माफी नहीं है और किसी अपने को कोई नाजायज संरक्षण नहीं है। बस यहीं से योगीजी सबके दिलों में स्थान बना गये। आज शायद ही कोई ऐसा निवासी होगा जो योगी को नापसंद करता होगा। यही कारण है कि दोबारा जनता ने उन्हें सत्ता सौंपी। कदाचित् आगे भी कोई उन्हें सत्ता से हटा नहीं सकेगा। क्योंकि ये साबित है कि उनकी नीयत केवल जनकल्याण करने की है और जैसे-जैसे अवसर मिलेगा वे इस दिशा में आगे बढ़ते जाएंगे।

अपने यहां जो सबसे पहले छत्तीसगढ़ी सरकार बनी थी तो पहले मुख्यमंत्री बने जोगी जी ने भ्रष्टाचार निवारण में झण्डे गाड़ दिये थे। एक मामूली से पोस्टकार्ड पर भी कम्प्लेन्ट लिखकर भेज देने से कार्यवाही हो जाती थी। जोगी जी की सत्ता जाने के कई और कारण हैं। लेकिन बाद में भी कानून व्यवस्था और रिश्वत खोरी पर रोक के लिये जोगी जी को याद किया जाता रहेगा। बिना जाति-धर्म के गुण्डागर्दी पर रोक लगाने के लिये उनकी तारीफ होती रहेगी। उन्होंने ऐसा कुछ कहा भी था कि ‘ब्यूरोक्रैसी घुड़सवारी जैसी है और मैं अच्छा घुड़सवार हूं’

जोगी-योगी शैली से करते काम
स्थापित कर लेते नये आयाम

अब बात कक्का की। जब छत्तीसगढ़ में जोगीजी की सरकार चली गयी और भाजपा की सरकार आई तो राजसी व्यक्तित्व के मालिक सहृदय डाॅ रमनसिंह मुख्यमंत्री बने। ऐसे में रमनसिंह की उदारता के चलते किसी को कोई तकलीफ नहीं हुई। न तो भ्रष्टाचारी और न ही गुण्डे किसी कष्ट के भागीदार बने। दलालनुमा लोगों के घर खुशियों की लहर चल पड़ी। सत्ता से जुड़े लोगों के सुनहरे दिन आ गये। दूसरे टर्न में भी कमोबेश हालात ऐसे ही थे, लेकिन बेहतरीन मैनेजमेन्ट के चलते और कांग्रेस की आपसी कलह को सही ढंग से भुना लेने के सहारे भाजपा फिर सत्ता में आई। ऐसे ही हालात् में तीसरा टर्न भी आ गया और वही तकनीक अपनाकर फिर से भाजपा सत्ता में आ गयी। अंततः ‘बेहद’ त्रस्त जनता ने विकल्प के रूप में कांग्रेस का हाथ थाम लिया और पिछले चार सालों से कांग्रेस ही कुर्सी पर है। और बेहद गरिमामय ढंग से जमी है। 90 में से 71 सीटें यानि एक शानदार आंकड़ा… ।
ऐसी स्थिति में चार साल पंख लगाकर उड़ गये। अब सवाल ये है कि इस बार यानि 2023 में किस बल पर कक्का फिर से लोगों के दिलों में जगह बना लेंगे।

करते कुछ हटकर
न होती कांटे की टक्कर

काम तो कांग्रेस ने बहुत किया है। चारों ओर गांव-गांव में कांग्रेस का परचम लहरा रहा है। शायद शहरी क्षेत्रों में ये पकड़ न हो तथापि दम दिखता है कांग्रेस में और टक्कर कांटे की लग रही है। इसके साथ यदि कांग्रेस सरकार एक काम और करती कि जोगी जी की तरह आम आदमी को काम के लिये ईधर-उधर भटकना नहीं पड़ता और ये करती कि सरकारी विभागों में रिश्वतखोरों की धरपकड़ करने लगती और माफियाओं पर नकेल कसती तो निश्चित रूप् से दशकों से इन रोगों से त्रस्त आम आदमी को बड़ी राहत मिलती। शर्त बस एक है कि इस काम में ईमानदारी होती। उत्तरप्रदेश सरकार की तरह निष्पक्षता बनी रहती। लोग न सिर्फ बार-बार यही सरकार चाहते बल्कि आम आदमी के दिल पर राज करने के लिये कोई भूपेश बघेल को हिला भी नहीं पाता।
शानदार बहुमत के बल पर कोई भी शासक कोई भी काम कर सकता है। अच्छा या बुरा। अपने काम से वो अपने लिये करोड़ों कमा सकता है या फिर नेक काम करके करोंड़ों दिलों पर राज कर सकता है। भूपेश बघेल अपनी मनमानी करके भी बेईमानी पर रोक लगाने का प्रयास करते तो जनमानस उन्हें दिल में बिठा लेता। उनकी पकड़ अब और अधिक होती। याद कीजिये केजरीवाल…  ‘कोई रिश्वत मांगे तो दे दो पर रिकार्ड कर लो, हमें भेज दो। बाकी हम देख लेंगे’… जनता ने उन्हें हाथोंहाथ लिया था।
अफसोस की बात होगी।

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