केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज महाराष्ट्र के रायगढ़ में डॉ आप्पासाहेब धर्माधिकारी जी को वर्ष 2022 का “महाराष्ट्र भूषण” पुरस्कार प्रदान किया

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महाराष्ट्र सरकार ने आप्पासाहेब जी को ‘महाराष्ट्र भूषण’ पुरस्कार देकर न केवल उनका सम्मान किया है बल्कि करोड़ों लोगों को उन्हीं की तरह जीवन जीने की प्रेरणा देने का काम भी किया है

आप्पासाहेब की तरह केवल त्याग, समर्पण व सेवा से ही लोगों के मन में मान-सम्मान और भक्ति-भाव जागृत किया जा सकता है

आप्पासाहेब की ही भांति भीड़ का अनुसरण न करके ऐसे कार्य करने चाहिए कि भीड़ आपका अनुसरण करे

रायगढ़ की भूमि महान छत्रपति शिवाजी महाराज की पुण्य भूमि है, इस भूमि ने राष्ट्र के लिए मर-मिटने की वीरता की धारा, भक्ति की धारा और सामाजिक चेतना की धारा को अविरल जारी रखा है

भाषण या वचन द्वारा दी हुई सीख अल्पजीवी होती है जो समय के साथ भुला दी जाती है मगर अपने कार्यों के द्वारा दी गयी सीख चिरंजीव होती है, आप्पासाहेब ने लाखों-करोड़ों लोगों को समाज व दूसरों के लिए काम करने की सीख दी है

आप्पासाहेब ने “Let’s March On” के नारे के साथ अपने कार्यों से समाज का मार्गदर्शन किया और अनेक क्षेत्रों में मिसाल कायम की
आप्पासाहेब ने देश में जरूरत के समय सर्वे भवंतु सुखिनः के मंत्र के आधार पर दूसरे के लिए जीने वाले लाखों लोगों को साथ लेने का काम किया, इन्हीं कार्यों के चलते मोदी सरकार ने आप्पासाहेब को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया

New Delhi (IMNB). केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज महाराष्ट्र के रायगढ़ में डॉ आप्पासाहेब धर्माधिकारी जी को वर्ष 2022 का “महाराष्ट्र भूषण” पुरस्कार प्रदान किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि बिना किसी प्रसिद्धि की आकांक्षा के सार्वजनिक जीवन में समाज सेवा करने वाले समाजसेवी आप्पासाहेब के लिए जनता के मन में अथाह मान-सम्मान और भक्ति भाव है। उन्होंने कहा कि ऐसा मान-सम्मान और भक्ति भाव आप्पासाहेब की भांति केवल त्याग,समर्पण और सेवा से ही प्राप्त किया जा सकता है। आप्पासाहेब के लिए लोगों का प्यार, भरोसा और सम्मान उनके द्वारा किए गये कार्यों, उनके संस्कारों और नानासाहेब की सीख का सम्मान है। श्री शाह ने कहा कि आप्पासाहेब की ही भांति भीड़ का अनुसरण न कर ऐसे कार्य करने चाहिए कि भीड़ आपका अनुसरण करे।

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि इतिहास में कम ही देखने को मिलता है कि एक ही परिवार में तीन पीढ़ियों समाज सेवा का संस्कार का भाव रहे । पहले नानासाहेब, फिर आप्पासाहेब और अब सचिन भाऊ और उनके भाई समाज सेवा के इस संस्कार को आगे बढ़ा रहे हैं। श्री शाह ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने आप्पासाहेब को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार देकर न केवल उनका सम्मान किया है बल्कि करोड़ों लोगों को उनकी तरह जीने की प्रेरणा देने का काम भी किया है।

श्री अमित शाह ने कहा कि महाराष्ट्र के रायगढ़ की यह भूमि महान छत्रपति शिवाजी महाराज की पुण्य भूमि है। इस भूमि ने देश में तीन धाराओं का बहाव अविरल जारी रखा है। पहली- राष्ट्र के लिए मर मिटने की वीरता की धारा जिसकी शुरुआत वीर छत्रपति शिवाजी महाराज ने की। देश भर में महाराष्ट्र की भूमि से उठकर महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर, वासुदेव बलवंत फड़के, चापेकर बंधू और लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जैसी महान विभूतियों ने स्वराज और सम्मान के लिए अपना जीवन न्योछावर किया। दूसरी – भक्ति की धारा जिसमें भक्ति क्षेत्र में सन्त समर्थ रामदास और सन्त तुकाराम से लेकर सन्त नामदेव तक महान सन्तों ने हमेशा इस देश को राह दिखाने का काम किया है। तीसरी- सामाजिक चेतना की धारा जो कि महाराष्ट्र से ही शुरू हुई। समाजसुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले, सावित्री बाई फुले, बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जैसे अनेक सामाजिक आंदोलन के जनक महाराष्ट्र की महान भूमि की देन हैं । इसी क्रम में नानासाहेब और आप्पासाहेब ने इस सामाजिक चेतना को जगाने का और आगे बढ़ाने का भागीरथ कार्य किया है।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि हमारे उपनिषदों में कही गयी- “सर्वे भवंतु सुखिनः, सर्वे संतु निरामया” की भावना को चरितार्थ करना बहुत कठिन है। उन्होंने कहा कि इस भावना के तहत व्यक्ति को अपने कार्यों से सामाजिक जीवन के एक बड़े हिस्से को स्वयं के लिए न जीकर समाज व दूसरों के लिए जीने की सीख दी गयी है। भाषण या वचन के द्वारा दी हुई सीख अल्पजीवी होती है जो समय के साथ भुला दी जाती है मगर अपने कार्यों के द्वारा दी गयी सीख चिरंजीव रहती है। श्री शाह ने कहा कि आप्पासाहेब ने लाखों-करोड़ों लोगों को समाज व दूसरों के लिए काम करने की सीख दी है। आप्पासाहेब ने जब देश को बहुत अधिक जरूरत थी तब सर्वे भवंतु सुखिनः के मंत्र के आधार पर दूसरे लोगों के लिए जीने वाले लाखों लोगों को साथ लेने का काम किया है, इन्हीं कार्यों के चलते प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने आप्पासाहेब को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया।

श्री अमित शाह ने कहा कि वर्ष 1995 से महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार की शुरुआत की गयी तथा महाराष्ट्र और देश के सामाजिक जीवन में योगदान करने वाले अनेक लोगों को यह पुरस्कार दिया गया। उन्होंने कहा कि पुरुषोत्तम लक्ष्मण देशपांडे से शुरू होकर स्वर कोकिला लता मंगेशकर, आशा भोसले, वैज्ञानिक विजय भटकर, रघुनाथ माशेलकर, जयंत नार्लीकर, अनिल काकोडकर, शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे, सुविख्यात कलाकार सुलोचना जी और नानासाहेब के बाद उन्हीं के परिवार में दूसरी बार महाराष्ट्र भूषण का पुरस्कार आप्पासाहेब को मिला है। यह पहली बार हुआ है कि जब एक ही परिवार में दूसरी बार महाराष्ट्र भूषण का पुरस्कार दिया गया है। श्री शाह ने कहा कि आप्पासाहेब ने “Let’s March On” के नारे के साथ अपने कार्यों से समाज का दिशा-दर्शन किया। उन्होंने बच्चों में सुधार, मुफ्त शिक्षण सामग्री का वितरण, वृक्षारोपण, स्वच्छता, रक्तदान, त्योहारों के दौरान कूड़े-करकट को एकत्र करने की अनूठी प्रक्रिया, जल संचयन, कुओं की सफाई, महिला सशक्तिकरण, आदिवासियों का कल्याण, नशा मुक्त समाज, अंधविश्वास और अज्ञानता का उन्मूलन करने जैसे ढेर सारे क्षेत्रों में कई मिसाल कायम की हैं। श्री अमित शाह ने आप्पासाहेब की दीर्घायु की प्रार्थना करते हुए उनके लाखों अनुयायियों के समाज में अनेक वर्षों तक काम करते रहने की कामना की। उन्होंने आप्पासाहेब को महाराष्ट्र भूषण से सम्मानित करने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस का आभार व्यक्त किया।

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